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14 सितंबर 2015

उर्दू में लिखा ज्ञापन लेने से इनकार कर दिया

लखनऊ।केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री स्मृति ईरानी के तेवर सोमवार को उन्हें फिर चर्चा में ले आए। वजह ये थी कि उन्होंने उर्दू में लिखा ज्ञापन लेने से इनकार कर दिया।स्मृति जब शिक्षा नीति पर सेंट्रल जोन की बैठक के बाद डॉ. राम मनोहर लोहिया विधि विश्वविद्यालय से निकल रही थीं उसी वक्त उर्दू को त्रिभाषा में स्थान दिलाने के लिए 25 साल से जंग लड़ रहे अब्दुल नसीर नासिर ने अपना ज्ञापन देना चाहा।इसे देखते ही स्मृति का मिजाज तल्ख हो गया।
उर्दू के लिए सरकारी तंत्र से लड़ाई लड़ रहे नासिर की ‘गनी तालीमी मरकज’ नाम से संस्था भी है।उन्होंने इसी संस्था के लेटर हेड पर स्मृति को ज्ञापन देने की कोशिश की थी।अब्दुल के मुताबिक स्मृति ने उनका ज्ञापन बाकायदा फेंक दिया और साफ लफ्जों में कहा कि वह उर्दू में लिखा ज्ञापन नहीं लेंगी।इस पर अब्दुल ने मंत्री को बताया कि सुप्रीम कोर्ट भी कह चुका है कि किसी भी भारतीय भाषा में आवेदन दिया जा सकता है लेकिन स्मृति ने इसके बावजूद ज्ञापन लेने से मना कर दिया।
अब्दुल नसीर नासिर का कहना है कि उर्दू को त्रिभाषा फॉर्म्युला में जगह दिलाने के लिए उन्होंने सुप्रीम कोर्ट तक मुकदमा लड़ा।इसमें उन्हें जीत भी मिली। अदालत के फैसले को लागू कराने के लिए ही वह स्मृति ईरानी से मिले थे।उनकी ये मांग भी है कि दिल्ली यूनिवर्सिटी का नाम मौलवी मोहम्मद बकर के नाम पर कर दिया जाए।बता दें कि साल 1857 में मौलवी बकर ने अंग्रेजों के खिलाफ क्रांतिकारियों में अलख जगाई थी।बाद में उन्हें गिरफ्तार कर तोप से बांधकर उड़ा दिया गया था।
भगवाकरण का लगाया आरोप-अब्दुल ने आरोप लगाया कि मानव संसाधन विकास मंत्री शिक्षा का भगवाकरण करने पर उतारू हैं।उन्होंने कहा कि उर्दू में ज्ञापन न लेकर उसे फेंक देने से ज्यादा दुर्भाग्यपूर्ण कुछ नहीं होगा।उन्होंने कहा कि स्मृति के पास ही खड़े यूपी के माध्यमिक शिक्षा मंत्री महबूब अली ने कहा कि ज्ञापन दे दो, मैं ट्रांसलेट कराकर भेज दूंगा।इस पर अब्दुल ने उनसे कहा कि ये एचआरडी मिनिस्ट्री का मामला है और इसमें आप कुछ नहीं कर सकते।
अब पोस्ट के जरिए भेजेंगे ज्ञापन
अब्दुल नसीर नासिर ने कहा कि स्मृति ने भले ही उर्दू में लिखा ज्ञापन लेने से मना कर दिया, लेकिन अब वह डाक के जरिए ये ज्ञापन मंत्री को भेजेंगे। साथ ही उन्होंने ये कहा कि जान रहने तक उर्दू को मान्यता दिलाने के लिए काम करते रहेंगे और हर स्तर पर अपने अभियान को ले जाएंगे...

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