सम्पूर्ण विश्व में भारत ही एक मात्र ऐसा देश है जहाँ..देश को देश ही नहीं..."भारत माता" सम्बोधित किया जाता है..
हमारे संविधान में भी स्पष्ट शब्दों में वर्णित है कि रंग,वर्ण और जातिगत आधार पर किसी से भेदभाव नहीं किया जायेगा..
हम हमारे स्कूलों में हमेशा यह "प्रतिज्ञा" लेते हैं.."भारत मेरा देश है..समस्त भारतीय मेरे भाई बहन हैं.."
लेकिन आपका मन आहत होता है...जब आप "आरक्षण" के नाम पर भेद-भाव देखते हैं..
आज़ादी के बाद कुछ साल ही के लिए दिया जाने वाला यह आरक्षण ..68 साल बाद भी जारी है..
समाज और देश का भला करने के बजाय..इसने लोगों को बांटा ज्यादा है..और कारण भी राजनैतिक ज्यादा हैं..
आरक्षण ने देश की प्रतिभाओं को पलायन के लिए ही मजबूर नहीं किया..वरन उसने आरक्षित वर्ग में भी प्रतिस्पर्धात्मक विशेषता पैदा करने में भी अवरोध पैदा किया है..जबकि यदि आरक्षित वर्ग को यह अहसास रहे कि हमें निश्चित मापदंड को पूरा करना है..तो केवल कुछ ही जुझारू प्रयासों से वह अपने आप को इसके लिए तैयार कर लेता..
आरक्षण देश में अनुसंधान और अन्यविधाओं के उत्थान में भी अवरोध पैदा करता है.
समाज में अब यह एक रोग की तरह देखा जाने लगा है...जिसके निराकरण के लिए..
आपके कोटा शहर के प्रबुद्धजनों,संस्थाओं और कई समाजों के प्रमुखजनो ने आरक्षण के विरोध में एक राष्ट्रव्यापी मुहीम चालू करने का फैसला किया है..
जिसके तहत..समस्त अनारक्षित वर्ग का सामूहिक सांकेतिक धरना
आरक्षण हटाओ..देश बचाओं..
हमारे संविधान में भी स्पष्ट शब्दों में वर्णित है कि रंग,वर्ण और जातिगत आधार पर किसी से भेदभाव नहीं किया जायेगा..
हम हमारे स्कूलों में हमेशा यह "प्रतिज्ञा" लेते हैं.."भारत मेरा देश है..समस्त भारतीय मेरे भाई बहन हैं.."
लेकिन आपका मन आहत होता है...जब आप "आरक्षण" के नाम पर भेद-भाव देखते हैं..
आज़ादी के बाद कुछ साल ही के लिए दिया जाने वाला यह आरक्षण ..68 साल बाद भी जारी है..
समाज और देश का भला करने के बजाय..इसने लोगों को बांटा ज्यादा है..और कारण भी राजनैतिक ज्यादा हैं..
आरक्षण ने देश की प्रतिभाओं को पलायन के लिए ही मजबूर नहीं किया..वरन उसने आरक्षित वर्ग में भी प्रतिस्पर्धात्मक विशेषता पैदा करने में भी अवरोध पैदा किया है..जबकि यदि आरक्षित वर्ग को यह अहसास रहे कि हमें निश्चित मापदंड को पूरा करना है..तो केवल कुछ ही जुझारू प्रयासों से वह अपने आप को इसके लिए तैयार कर लेता..
आरक्षण देश में अनुसंधान और अन्यविधाओं के उत्थान में भी अवरोध पैदा करता है.
समाज में अब यह एक रोग की तरह देखा जाने लगा है...जिसके निराकरण के लिए..
आपके कोटा शहर के प्रबुद्धजनों,संस्थाओं और कई समाजों के प्रमुखजनो ने आरक्षण के विरोध में एक राष्ट्रव्यापी मुहीम चालू करने का फैसला किया है..
जिसके तहत..समस्त अनारक्षित वर्ग का सामूहिक सांकेतिक धरना
आरक्षण हटाओ..देश बचाओं..
आरक्षण भारत छोड़ो..
25 सितम्बर को
सायंकाल 4 बजे
शहीद स्मारक,अंटाघर चौराहा,कोटा पर आयोजित किया गया है..
जोड़ें उन सभी को जो देश को प्रेम करते हैं..
सभी को समान समझते हैं..
संविधान की मूल भावना का सम्मान करते हैं..
देश की प्रतिभा के पलायन से एवं योग्यजनो के तिरस्कार से आहत हैं..
सभी को इस मुहीम से जोड़ें और इस पोस्ट को शेयर करें.
सभी को समान अवसर..फिर आपस में क्यों अंतर..!
अनिल तिवारी 9829038090
25 सितम्बर को
सायंकाल 4 बजे
शहीद स्मारक,अंटाघर चौराहा,कोटा पर आयोजित किया गया है..
जोड़ें उन सभी को जो देश को प्रेम करते हैं..
सभी को समान समझते हैं..
संविधान की मूल भावना का सम्मान करते हैं..
देश की प्रतिभा के पलायन से एवं योग्यजनो के तिरस्कार से आहत हैं..
सभी को इस मुहीम से जोड़ें और इस पोस्ट को शेयर करें.
सभी को समान अवसर..फिर आपस में क्यों अंतर..!
अनिल तिवारी 9829038090
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