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21 सितंबर 2015

राहुल ने पहली बार माना-भाषण के लिए कोई और करता है प्वॉइंट नोट, देता है कहानी

यह फोटो पिछले महीने वायरल हुई थी। इसमें लोकसभा में राहुल गांधी के हाथ में नोट देखा जा सकता है।
यह फोटो पिछले महीने वायरल हुई थी। इसमें लोकसभा में राहुल गांधी के हाथ में नोट देखा जा सकता है।
मथुरा (उत्तर प्रदेश). कांग्रेस के वाइस प्रेसिडेंट राहुल गांधी पर लिखा हुआ या पहले से तैयार भाषण पढ़ने के आरोप लगते रहे हैं। लेकिन सोमवार को उन्होंने पहली बार सबके सामने यह मान लिया कि उनके भाषण के प्वॉइंट कोई और तैयार करता है। राहुल ने यह भी कहा है कि उनकी स्पीच के लिए कहानी भी कोई और देता है। मथुरा में कांग्रेस के चिंतन शिविर में कांग्रेसी कार्यकर्ताओं से उन्होंने कहा, 'मुझे भाषण देना था तो मेरे ऑफिस में एक लड़का है, मेरे लिए प्वॉइंट्स नोट करता है। आज के भाषण में उसने मुझे कहानी दी।' (राहुल ने बोला पीएम-आरएसएस पर हमला: कहा- मेरे सामने मोदी को गाली देते हैं किसान)
हाथ में पर्ची लिए हुए राहुल की फोटो हुई थी वायरल
इसी साल 13 अगस्त को राहुल गांधी तब सुर्खियों में आए थे जब एक अंग्रेजी अखबार में छपी फोटो वायरल हो गई थी। फोटो में पार्लियामेंट में खड़े राहुल गांधी के हाथ में एक पर्ची दिख रही थी। फोटो में देखा जा सकता है कि जिन मुद्दों पर राहुल को बोलना था, उनके नोट्स हिंदी में तो थे, लेकिन वे देवनागरी में नहीं, बल्कि रोमन में लिखे थे। तब आरोप लगा था कि राहुल गांधी दूसरे की तरफ से लिखे गए प्वॉइंट्स की बुनियाद पर भाषण देते हैं। उस पर्ची में ये बातें लिखी हुई थीं-

-लोग पीएम मोदी को सुनना चाहते हैं, वो उनकी राय जानना चाहते हैं। मोदीगेट पर, व्यापमं पर।
-लोगों को मोदीजी की जगह मौन जी दिख रहे हैं।
-कागज पर नीचे 'Monkeys of Gandhiji' भी लिखा है।
-लाल स्याही से लिखा है- बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो, बुरा मत बोलो। बता दें कि राहुल गांधी ने मोदी पर निशाना साधते हुए गांधी जी के तीन बंदरों का उदाहरण दिया था। उस दौरान कई बार वे नीचे देख रहे थे।
केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली ने तब तंज कसते हुए कहा था, 'जो लिखा हुआ पढ़ते हैं, वे हमेशा एक ही बात रिपीट करते हैं।'
राहुल ने एप्पल पर क्या कहा?
सोमवार को मथुरा में राहुल गांधी ने एप्पल के को-फाउंडर स्टीव जॉब्स की कहानी सुनाई। उन्होंने कहा, 'स्टीव जॉब्स के बारे में आप जानते होंगे। एप्पल के चीफ थे। जब मैंने देखा तो सोचा यहां उनकी बात क्यों करूं। मैं एप्पल की बात करूंगा तो कुछ लोग सोचेंगे सेब की बात हो रही है। कोई सोचेगा कि अमेरिका की बात क्यों रही है? कोई कहेगा कि कंपनी की बात क्यों कर रहे हैं? फिर भी मैं वह बात कर रहू हूं। एक बार किसी ने स्टीव जॉब्स से पूछा कि भाई आपकी जो कंपनी है, खत्म हो गई थी, कुछ बचा नहीं। तो फिर खड़ी कैसे हुई? आप देखिए आरपीएन सिंह, संजय सिंह (कांग्रेस नेता) की जेब में भी एप्पल का फोन है। उन्होंने (जॉब्स ने) एक कहानी बताई। कहा कि जब मैं छोटा था तो मेरा एक पड़ोसी था। वे बुजुर्ग थे। मैं वहां जाकर खेलता था। एक दिन उन्होंने कहा कि मैं तुम्हें कुछ दिखाना चाहता हूं। तो स्टीव जॉब्स जी गए। पड़ोसी ने स्टीव जॉब्स को एक मोटर दिखाई, वहां एक ड्रम सा था। 20-25 पत्थर दिखाए, अलग-अलग शेप के। स्टीव जॉब्स 6-7 साल के थे। मोटर में उन्होंने पत्थर डाल दिया और ऑन किया। फिर पड़ोसी ने जॉब्स को घर जाने के लिए कहा। जॉब्स ने कहा कि ये क्या जादू है। पड़ोसी ने कहा कि इस जादू में टाइम लगता है। अब कल सुबह आना। स्टीव जॉब्स अगले दिन गए। उसने मोटर को बंद किया, ड्रम खोला और जब स्टीव जॉब्स ने पत्थर निकाले तो सब पत्थर एक शेप के हो गए थे और सब चमक गए थे। स्टीव जॉब्स ने मतलब पूछा तो पड़ोसी ने कहा कि आप सबको एक ड्रम में डाल दो, उनकी सही तरीके से बात करा दो, जगह दे दो तो हर पत्थर के अंदर चमक होती है। वो चमक निकल आएगी। वही मैं चाहता हूं कि आप लोग करें।'

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