आपका-अख्तर खान

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20 सितंबर 2015

अच्छे दिन आ गए,

अच्छे दिन आ गए, बोनस , मेडिकल , सेलरी ,
यहाँ तक नौकरी भी खा गए।
मुझको भी यक़ीन है, अच्छे दिन आ गए।
खाने का पैसा नहीं, बुलेट ट्रेन चला गए।
जंगल और जमीन से लोगों को, प्लेन मे उड़ा गए।
जमीन जायजाद वालों को, भूमि अधिग्रहण से बेघर बना गए।
मुझको भी यक़ीन है, अच्छे दिन आ गए।
सर्विस टैक्स, इंकम टैक्स मे, झुंझना पकड़ा गए।
मिडिल क्लास अपना खयाल खुद रखे, संसद मे सुना गए।
मुझको भी यकीन है,अच्छे दिन आ गए
सुबह, सुबह की बात, दोपहर को दोपहर की बात ,
रात मे रात की बात, रेडियो और टीवी पर पका गए।
मुझको भी यक़ीन है, अच्छे दिन आ गए।
इस दौर मे जहाँ सब बिकता है,बस हमारा power नहीं बिकता है, बिके भी कैसे ,खरीदार तो वही हैं,
बेचने विदेसी आ गए।
मुझको भी यक़ीन है , अच्छे दिन आ गए।
काला धन आएगा , सबके खाते मे 15 लाख जाएगा।
कहने वाले - 0 बैलेंस मे अकाउंट खुलवा गए।
मुझको भी यक़ीन है , अच्छे दिन आ गए।
सुबह वही , शाम वही , बिन पैसों का काम वही,
लगता है ,बनाने वाले , अच्छा बेवकूफ बना गए।
मुझको भी यक़ीन है , अच्छे दिन आ गए॥
बोनस , मेडिकल , सेलरी , यहाँ तक नौकरी भी खा गए ||

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