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25 सितंबर 2015

ला इलाहा इल्लल्लाह तो पढ़ लिया फिर भी में अमल और क़ल्ब से मुसलमान ना हो सका

ला इलाहा इल्लल्लाह तो पढ़ लिया फिर भी में अमल और क़ल्ब से मुसलमान ना हो सका ,,,,,,,,,,, आज के मुसलमानो के हालात इन अल्फ़ाज़ों में बयान करते हुए आज ईदगाह में कोटा शहर क़ाज़ी अलहाज अनवार अहमद ने अपनी तक़रीर में भावुक होते हुए ,,रुंधे हुए गले से,, भावविहल होकर सभी मुसलमान भाइयो ,,नो जवानो को इस्लाम के नेक रास्ते और अमल पर चलने की हिदायत दी ,,कोटा शहर क़ाज़ी ने कहा के अल्लाह के घर गोश्त नहीं जाता है ,,,आप एक लाख का दो लाख का फ़िज़ूलखर्ची करके दिखावा करके बकरे खरीद लो इससे कोई फ़र्क़ नहीं पढ़ता है ,,अल्लाह के घर तो नेकी ,,ईमान ,,इस्लाम के बताये हुए रास्ते पर चलन के बाद ही सवाब मिलता है ,,,,,,,,शहर क़ाज़ी ने अपने ख़ुत्बे बयांन में कहा के दीन ऐ हक़ आपने देख लिया इसमें जमात ,,,अमीर ,,इताअत ,,,खास बात है जो हमे नेक अमल के रास्ते पर चलने की राह दिखाता है ,,,उन्होंने कहा के अभी हमारे ऊपर उर्दू के नाम पर मुसीबत आई थी ,,लेकिन आप सबने देखा इस फार्मूले पर ,,,जमात याने एकता ,,,,,अमीर यानी एक ईमान ,,,इताअत यानी एक साथ फ़रमाँबरदारी ,,हम लोग चले लाखो लोग एक हुए ,,,,नतीजा चंद लम्हों में अल्लाह ने हमारे हक़ में फैसला करवा दिया ,,क़ाज़ी ऐ शहर कोटा ने कहा के आज पूरी दुनिया हमारे दीन को निशाना बना रही है क्योंकि दुनिया के दूसरे लोग डरते है के,, दीन ऐ हक़ ,,,पर अगर मुसलमान एक होकर इस फार्मूले से चलने लगाए तो पूरी दुनिया में यह दीन ग़ालिब होगा ,,,,क़ाज़ी ऐ शहर ने रुंधे हुए गले से कहा के मेरे बुज़ुर्गो मेरे भाइयो अल्लाह के घर मस्जिदो को मत बांटो ,,अल्लाह के घर में पाबंदी मत लगाओ के वहा यह नमाज़ पढ़ेगा वोह नमाज़ नहीं पढ़ेगा ,,अल्लाह का घर तो सबके लिए है ,,,,,क़ाज़ी ऐ शहर ने नोजवानो से इस्लाम की नेक राह पर चलने की अपील करते हुए कहा के हमारे नौजवान देर रात तक थडियो पर बैठकर गप शप तो करते मिल जाएंगे लेकिन मस्जिदो को आबाद नहीं करेंगे ,,,उन्होंने कहा के अपने अमल से किसी को तकलीफ ना हो ,,दुसरो के आम काम आये ,,दुसरो का आपसे मिलकर ख़ुशी मिले ऐसा अपना किरदार बनाये ,,,,,,,,,कोटा शहर क़ाज़ी ने कहा के एक रोज़ की नमाज़ होती है ,,एक जुमे की नमाज़ होती है लेकिन ईद की नमाज़ दो बार होती है ,,लेकिन अफ़सोस इस ईद की नमाज़ की महत्ता खत्म कर दी गई है मस्जिदो में जुमे की नमाज़ की तरह नमाज़े होने लगी है ,,उन्होंने कहा के मुसलमान भाई ईद गाह तक आने की तकलीफ भी नहीं उठाना चाहता अपनी सुविधानुसार मन मर्ज़ी से पास की ही मस्जिदो में जुमे की नमाज़ की तरह ईद की नमाज़ अदा करते है जो गलत है ,,,,हाल ही में मक्के शरीफ में हुई भगदड़ की घटना पर अफसोस ज़ाहिर करते हुए क़ाज़ी ऐ शहर कोटा ने कहा के अल्लाह उन्हें जन्नतुल फिरदोज़ में आला मुक़ाम दे साथ ही उनके परिवार वालों को सब्र ऐ जमील अता फरमाये ,,,कोटा शहर क़ाज़ी ने आज आम मुसलमानो को ,,नोजवानो को उनके अमल ,,हालातों को लेकर नेक हिदायतों के साथ दिल से दिल की बात कहते हुए खरी खरी सुनाई ,,,,,,,,,,,,,,,,आज पहली बार कोटा शहर क़ाज़ी भाव विहल हुए ,,उनका रुँधा हुआ गला ,,आँखों में आंसू थे ,,,,उनका स्वास्थ्य खराब होने से बार बार उन्हें खांसी का ठस्का लग रहा था ,,लेकिन उन्होंने अपना हिदायती ख़ुत्बा ,,मुसलमानो को उनके हालातो पर आयना दिखाने वाला सच का बयान जारी रखा ,,,,,ख़ुत्बे के बाद नायब क़ाज़ी ज़ुबेर अहमद साहब ने नमाज़ पढ़ाई और बाद में क़ाज़ी ऐ शहर अनवार अहमद ने लोगों की फलाह बहबुदगी की ,,,अमन सुकून की दुआएं मांगी ,,,,,,,,,,,,,,,नमाज़ के बाद सभी लोगों ने क़ाज़ी ऐ शहर से मुसाफा किया ,,,,असम सरकार के उद्योग मंत्री सिद्दीक़ी साहब ,,मौलाना हफ़ीज़ रशीद क़ादरी के साथ थे जिन्होंने भी कोटा शहर क़ाज़ी से मुलाक़ात कर ईद की मुबारकबाद दी ,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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