आपका-अख्तर खान

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03 सितंबर 2015

शुक्रिया शुक्रिया दोस्तों

शुक्रिया शुक्रिया दोस्तों ,,, ,,तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान के आह्वान पर उर्दू बचाने के लिए निकले कोटा के दो लाख लोगों के जज़्बे को सलाम ,,दोस्तों कोटा में यह महा रैली आप सभी की हिम्मत और मदद का नतीजा है ,,कोई एक शख्स ,,कोई एक पार्टी ,अकेली तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान के लिए यह सब कर पाना मुमकिन नहीं था ,,तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान को उर्दू के हक़ संघर्ष के लिए उर्दू के हमदर्दों की आगे भी मदद चाहिए ,,दोस्तों केवल और केवल आदमियों की यह रैली ,,ज़रा सोचो घर से अगर बच्चे और महिलाये भी निकली तो सड़को का क्या हाल होगा ,,,,,,खुदा का शुक्र है हम एक हुए ,,मज़बूत हुए ,,,अमन और सुकून के साथ हमारी यह रैली कामयाब हुई ,,इस खामोश रैली के लिए कोटा शहर का हर वर्ग ,,हर समाज ,,हर सियासी पार्टी से जुड़ा करकुम खामोशी से अपना काम करता रहा ,,रैली में मौजूद रहा ,,कोटा शहर क़ाज़ी अनवार अहमद जो तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान के सरपरस्त है उनके आह्वान पर तहरीक से जुड़े कार्यकर्ताओं ने दिन रात एक करके ,,भूख प्यास की फ़िक्र छोड़कर घर घर जाकर प्रचार किया ,,,सैकड़ों कार्यकर्ता रोज़ तहरीक के कार्यालय में योजना में शामिल होते अपने अपने तरीके से सड़को पर ,,चौराहो पर अपना प्रचार ,,अपना काम करर्ते ,,,,,कांग्रेस के कुछ अच्छे लोग ,,कुछ अच्छे साहित्यकार ,,कुछ समाज के बेहतर लोग ,,,,,दूसरी सियासी पार्टियों से जुड़े सभी लोग सीधे आंदोलन से जुड़े रहे ,,,व्यापर संघ से जुड़े लोग हो ,,,समाज सेवा से जुड़े लोग हो ,,,,अलग अलग समाज हो ,,सियासी लोग हो ,,अलग अलग मसलक के लोग हो ,,,,जो भी हो एक जज़्बा ,,एक ताक़त सभी को एक साथ जोड़कर रखने की रही नतीजन कोटा ने ऐतीहासिक रैली का इतिहास बना दिया ,,,,,,कोटा में इस रैली को सफल बनाने के लिए हज़ारो हज़ार लोगों ने अपनी जान फूंक दी तो कुछ लोग जो रैली के खिलाफ थे ,कॉम के गद्दार थे उन्होंने रैली के खिलाफ ,,रैली से जुड़े कार्यकर्ताओं के खिलाफ सत्ता पार्टी को अपने इशारे पर नचाने वाले संगठन की गुलाम मानसिकता के तहत अफवाहे भी फैलाई ,,,,झूंठा प्रचार भी किया ,,मनोबल भी तोड़ने का प्रयास किया ,,रैली से जुड़े लोगों को कांग्रेस ,,एस डी पी आई ,,वेलफेयर पार्टी ,,पॉपुीलर फ्रंट ,, अलग अलग मस्लको ,,,सहित दूसरी पार्टियों के नाम पर फुट डालने की साज़िश भी रची लेकिन खुदा का शुक्र है उन्हें मुंह की खाना पढ़ी ,,,,इस रैली को तोड़ने ,,असफल करने के लिए इन अफवाहबाज़ कॉम के दुश्मनो को जो पैकेज दिया गया वोह असफल रहा ,,आखिर में खुदा ने उन्हें भी अक़्ल दी और वोह भी रैली के साथ शामिल रहे ,,,,,,,,,,कांग्रेस में छुपे कुछ चड्डी छाप कांग्रेस इस रैली से अलग रहे ,,,इतना ही नहीं इन चड्डी छाप कोंग्रेसियों द्वारा बनाये गए सोशल मिडिया ग्रूप में जो इन्होने ने प्रदेश अध्यक्ष और दूसरे बढ़े कोंग्रेसी नेताओ के नाम से बनाये है उसमे कुछ मुस्लिम भी शामिल है इन ग्रुपों में उर्दू से जुडी सूचनाओ को देखना भी मुनासिब नहीं समझा ,,,उर्दू के हमदर्दों की मदद तो दूर की बात उलटी आलोचनाएँ शुरू कर नफरत का भाव दर्शाया ,,ऐसे चड्डी छाप कांग्रेस और उनके सोशल मिडिया ग्रुपों के बाद भी कुछ कोंग्रेसी थे जो दूसरे समाज के होने के बाद भी रैली की सफलता के लिए जी तोड़ कोशिशो में जुटे थे ,,,यह शहर का जज़्बा ,,शहर के उर्दू के हमदर्दो का जज़्बा ,, तहरीक ऐ उर्दू राजस्थान के कार्यकुनो और इनके मददगारों की महनत और हिम्मत का ही नतीजा रहा जो उर्दू के खिलाफ साज़िश कर्ताओ को खामोशी से एक मुंह तोड़ जवाब मिला ,,,,,,,,अफ़सोस इस बात का रहा के कोटा के मिडिया से जुड़े लोग इस रैली में संख्या का आंकलन भी सही नहीं कर सके ,,स्वीकारित रूप से सवा लाख से भी ज़्यादा लोग जिस रैली में हो जिसका एक छोर गुमानपुरा और दूसरा छोर कलेक्ट्री पर हो उस रैली में चालीस हज़ार लोग बताना ना इंसाफी नहीं तो क्या है ,,खेर मजबूरी होगी ,,लेकिन फिर भी इलेक्ट्रॉनिक मिडिया तो इस रैली को विज्ञापनों और सरकार द्वारा किये गए मैनेजमेंट के भाव से निगल ही गया ,,राजस्थान की सर ज़मीन पर एक ऐतीहासिक ,,अनुशासित असम्भव जुलुस कामयाब होता है और इलेक्ट्रॉनिक मिडिया इस खबर को लगातार अलग अलग ऐंगल से चलाने की ज़िम्मेदारी निभाने की जगह पूरी खबर खा जाता है ,,लेकिन फिर भी लोकल एस टी ऍन ,,कोटा पत्रिका ,,भास्कर ,,कोटा ब्यूरो ,चंबल संदेश , हिंदुस्तान टाइम्स ,देश की धरती ,,नवज्योति सहित सभी मिडिया से जुड़े लोग जिन्होंने हमारे हौसले को बढ़ाया उन सभी के हम शुक्रगुज़ार है ,,,उनसे उम्मीद है आगे भी वोह हमारी हिम्मत बढ़ाएंगे ,,हम शुक्रगुज़ार है कोटा के इस जज़्बे के कोटा के लोगों की इस हिम्मत के जिन्होंने ने सभी विकट परिस्थितियों के बाद भी कोटा की सुख ,शांति ,,अमन ,,सुकून को ज़िंदा रखते हुए उर्दू के हमदर्द बंदकर उर्दू को कुचलने वालों के खिलाफ इस हक़ संघर्ष का परचम बुलंद किया ,,,,,उर्दू को ,,उर्दू चाहने वालों को ज़िंदाबाद किया ,,, सरकार ने स्कूलों में उर्दू के बच्चे नामांकित है पढ़ रहे है लेकिन स्कूलों से उर्दू खत्म कर दी ,,,,,सरकार ने राजस्थान लोग सेवा आयोग द्वारा चयनित दो सो इकीस लोगों को अभी तक नियुकित नहीं दी जबकि सभी विषय में नियुक्तिया दो माह पूर्व हो गयी है ,,स्कूलों में छात्र है लेकिन उर्दू बंद कर दी गई ,,स्कूलों में छात्र उर्दू पढ़ना चाहते है लेकिन उन्हें जबरन दूसरे विषय पढ़ने पर मजबूर किया गया है क्या यह न इंसाफी नहीं ,,बताओ मेरे उर्दू के गद्दारो ,,बताओ मेरी कॉम में उर्दू के खिलाफ साज़िश रच रहे लोगों के एजेंट भाइयो ,,बताओ मेरी कॉम के आंदोलन को तोड़ने की साज़िश में लगे ,,आंदोलन को फ़िरक़ों ,,पार्टियों ,,सियासी जमातों ,,,छोटे बढ़ो में बांटने के जुमले छोड़ने वालो बताओ बताओ और अगर तुम गलत हो तो आओ हमारे साथ हमारे गले लगो ,,हमे गले लगाओ और हमारी इस लड़ाई में हमारे साथ शामिल हो जाओ ,आपका स्वागत है ,,,,हमे आपका इन्तिज़ार भी है और ज़रूरत भी ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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