आपका-अख्तर खान

हमें चाहने वाले मित्र

04 सितंबर 2015

व्यापमं: दो आरोपियों को मिली जमानत 90 दिन में नही पेश हुआ चालान... पुराना तरीका जमानत दिलवाने का...

.
व्यापमं घोटाले में आरोपी डीमेट के पूर्व कोषाध्यक्ष डॉ. योगेश चंद्र उपरीत और डॉ. एमएस जौहरी को कोर्ट से बड़ी राहत मिली है. ग्वालियर में जेएमएफसी कोर्ट ने आरोपी योगेश उपरीत सहित एमएस जौहरी को जमानत दे दी है. दरसअल, आरोपियों की गिरफ्तारी के 90 दिनों बाद भी एसआईटी ने चालान पेश नहीं किया था. इस आधार पर आरोपियों ने कोर्ट से जमानत दी गई है. उल्लेखनीय है कि, विधि के अनुसार आरोपियों की गिरफ्तारी के 90 दिन के भीतर चालान पेश करने का नियम है, लेकिन एसआईटी व्यापमं घोटाले के आरोपी उपरीत और एमएस जौहरी के खिलाफ चालान पेश नहीं कर पाई, जबकि 2 सितंबर को उसके 90 दिन पूरे हो चुके हैं. जिसको आधार बनाकर आरोपियों के वकील ने कोर्ट में जमानत याचिका पेश की थी. याचिका में कहा गया था कि चालान पेश नहीं होने से आरोपी अब जमानत के हकदार हो गए हैं. इस मामले में पूर्व एसआईटी और एएसपी प्रभारी वीरेंद्र जैन का कहना है कि, एसआईटी एक महीने पहले ही पूरा केस सीबीआई को सौंप चुकी है, इसलिए अब सीबीआई ही कार्रवाई करेगी. उल्लेखनीय है कि व्यापमं में प्री-पीजी फर्जीवाड़े के आरोपी योगेश चंद्र उपरीत को एसआईटी ने तीन जून को गिरफ्तार किया था. जिसके बाद एसआईटी ने पहली बार आरोपी को चार जून को कोर्ट में पेश किया और दो दिन के रिमांड पर लिया था.वहीं, दुबारा छह जून को कोर्ट में पेश कर 11 जून को रिमांड में लिया था. तब से आरोपी ग्वालियर जेल में बंद था. गिरफ्तार होने के बाद आरोपी उपरीत ने कुबूल किया था कि, उसने 25 लाख रुपए लेकर जबलपुर के प्रमुख न्यूरोलोजिस्ट डॉ. एमएस जौहरी की बेटी डॉ. ऋचा जौहरी का प्री-पीजी में गोले काले कर सिलेक्शन कराया था. जिसके चलते एसटीएफ ने डॉ. ऋचा के पिता डॉ. एमएस जौहरी को गिरफ्तार किया गया था. जिन्हें भी जमानत मिल गई है.

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)

Related Posts Plugin for WordPress, Blogger...