जयपुर,राजस्थान में वो लोग सावधान हो जाए जो शराब पीकर सरेआम हंगामा करते है ।
जिनकी वजह से लोगों को परेशानी होती है । राजस्थान पुलिस अधिनियम 2007के अधिनियम 14 की धारा 60 में संशोधन करने जा रही है ।
विधानसभा में सोमवार को राजस्थानपुलिस(संशोधन)
अधिनियम-2015बिल पारित किया जाएगा ।
राजस्थान पुलिस(संशोधन) अधिनियम-2015के तहत पुलिस के पास शराब पीकर हंगामा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने के कुछ अधिकार और मिलेंगे जिससे की पुलिस समाज में होने वाले कई प्रकार के अपराधों पर लगाम लगाने में समर्थ हो सकेगी ।
पुलिस को मत्त या बलवा करते पाए जाने वाले अभियुक्त पर नई पुलिस अधिनियम की धारा"60-क" के तहत कार्रवाई कर सकेगी,
"60-क" के अनुसार कोई भी व्यक्ति जो किसी भी कस्बे जिस पर राज्य सरकार द्वारा इस धारा का प्रसार विशेष रुप से किया जाए की सीमाओ के भीतर किसी भी सड़क या खुले स्थान,मार्ग या आम रास्ते में मत्त पाया जाने पर कार्रवाई करती है ।
कस्बे या शहर के निवासियों को बाधा,असुविधाक्षोभ, जोखिम स,संकट नुकसान होता है और मजिस्ट्रेट के सामने दोष सिद्द होने पर प्रथमअपराध के लिए पांच सौ रुपए जुर्माना,
दुसरी बार अपारध कारित करने पर पांच हजार रुपए, तीसरे अपराध के लिए दस हजार और फिर अपराध की पुनरावृति होने के बाद से दस हजार और आठ दिन का कठोर सश्रम या श्रम रहित कारावास का भागी होगा।
इसके अलावा किसी भी पुलिस अधिकारी के लिए बिना किसी वारंट के गिरफ्तार कर सकने का अधिकार होगा ।
बदलाव करने का कारण
बलवा,शराब पीकर हंगामा करते पाए जाने पर आमजन की सुरक्षा को देखते हुए पुलिस इस प्रकार की कार्रवाई करती है ।
इससे पहले पुलिस इस प्रकार के आपराधिक कृत्यों के लिए राजस्थान पुलिस अधिनियम 2007 की धारा 60 के तहत मात्र पचास से सौ रुपए का जुर्मना लेती थी जो कि पर्याप्त नही माना गया ।
इसलिए पुलिस अधिनियम
2007 में एक नई धारा "60-क" को अनंत स्थापित किया जाना प्रस्तावित है।
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