भगवान शिव आदि और अनंत है यानी न कोई इनकी उत्पत्ति के बारे में जानता
है और न कोई अंत के बारे में। अनेक ग्रंथों में भगवान शिव की महिमा का
वर्णन किया गया है। शिव से जुड़ी अनेक कथाएं में पुराणों में बताई गई हैं।
सावन के पवित्र महीने में हम आपको भगवान शिव की वही रोचक कथाएं बता रहे
हैं-
भगवान शिव ने दिया था विष्णु को सुदर्शन चक्र
भगवान विष्णु को हर चित्र व मूर्ति में सुदर्शन चक्र धारण किए दिखाया
जाता है। यह सुदर्शन चक्र भगवान शंकर ने ही जगत कल्याण के लिए विष्णु को
दिया था। इस संबंध में शिवपुराण की कोटिरुद्र संहिता में एक कथा है। उसके
अनुसार-
एक बार जब दैत्यों के अत्याचार बहुत बढ़ गए तब सभी देवता श्रीहरि
विष्णु के पास आए। तब भगवान विष्णु ने कैलाश पर्वत पर जाकर भगवान शिव की
विधिपूर्वक आराधना की। वे हजार नामों से शिव की स्तुति करने लगे। वे
प्रत्येक नाम पर एक कमल का फूल भगवान शिव को चढ़ाते। तब भगवान शंकर ने
विष्णु की परीक्षा लेने के लिए उनके द्वारा लाए एक हजार कमल में से एक कमल
का फूल छिपा दिया। शिव की माया के कारण विष्णु को यह पता न चला। एक फूल कम
पाकर भगवान विष्णु उसे ढूंढने लगे। परंतु फूल नहीं मिला।तब विष्णु ने एक फूल की पूर्ति के लिए अपना एक नेत्र निकालकर शिव को अर्पित कर दिया। विष्णु की भक्ति देखकर भगवान शंकर बहुत प्रसन्न हुए और श्रीहरि के समक्ष प्रकट होकर वरदान मांगने के लिए कहा। तब विष्णु ने दैत्यों को समाप्त करने के लिए अजेय शस्त्र का वरदान मांगा। तब भगवान शंकर ने विष्णु को सुदर्शन चक्र प्रदान किया। विष्णु ने उस चक्र से दैत्यों का संहार कर दिया। इस प्रकार देवताओं को दैत्यों से मुक्ति मिली तथा सुदर्शन चक्र उनके स्वरूप के साथ सदैव के लिए जुड़ गया।
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