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14 अगस्त 2015

पाकिस्तानी बोट पर विवादित बयान देने वाले कोस्ट गार्ड के DIG का होगा कोर्ट मार्शल

फाइल फोटो- पोरबंदर के समुद्र में विस्फोट कर उड़ाई गई पाकिस्तानी बोट।
फाइल फोटो- पोरबंदर के समुद्र में विस्फोट कर उड़ाई गई पाकिस्तानी बोट।
नई दिल्ली. कोस्ट गार्ड के डीआईजी बीके लोशाली का कोर्ट मार्शल किया जाएगा। लोशाली ने गुजरात के पोरबंदर के नजदीक समंदर में पाकिस्तानी बोट को उड़ाए जाने के मामले में विवादास्पद बयान दिया था। पिछले साल 31 दिसंबर की रात पोरबंदर से 365 नॉटिकल मील दूर समंदर में पाकिस्तानी बोट में ब्लास्ट के बाद आग लग गई थी। इस मामले में सामने आए एक वीडियो में डीआईजी लोशाली ने बयान दिया था कि पाकिस्तान बोट को उड़ाने का आदेश उन्होंने दिया था। डीआईजी बीके लोशाली गांधीनगर में कोस्टगार्ड (नार्थ-वेस्ट रीजन) के चीफ ऑफ स्टॉफ हैं।
क्या था मामला?
समंदर में उड़ाई गई पाकिस्तानी बोट के मामले में रक्षा मंत्रालय ने बताया था इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स इसकी तस्दीक करती हैं कि बोट पर चार आदमी थे और वह कोस्ट गार्ड की तरफ से दी जा रही चेतावनियों को लगातार नज़रअंदाज़ कर रहे थे। इस बीच, कोस्ट गार्ड ने उस बोट को घेर लिया जिसके कुछ देर बाद ही उस बोट पर सवार लोगों ने बोट को आग लगा दी।
लोशाली ने क्या कहा था?
घटना के कुछ दिन बाद ही सूरत में आयोजित एक कार्यक्रम में कोस्ट गार्ड के डीआईजी ने कहा था, 'आप लोगों को 31 दिसंबर याद है, जब हमने पाकिस्तानी बोट उड़ा दी थी। मैं गांधी नगर में था। मैंने रात को कहा था कि उड़ा दो बोट को, हम उन्हें बिरयानी नहीं खिलाना चाहते।' मामले के तूल पकड़ने के बाद डीआईजी लोशाली को फौरन अपने बयान की गंभीरता का एहसास हो गया और डीआईजी समेत कोस्ट गार्ड के कुछ अफसरों ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस मामले में सफाई दी थी।
बाद में दी थी सफाई-मैंने सिर्फ बिरयानी न खिलाने की बात कही थी
प्रेस कॉन्फ्रेंस में लोशाली ने कहा था, 'मैंने ऐसा कोई बयान नहीं दिया, सिर्फ यह कहा था कि
देश के खिलाफ काम कर रहे लोगों को बिरयानी खिलाने की ज़रूरत नहीं है।' लोशाली ने यह भी कहा था कि वह उस ऑपरेशन को संभाल नहीं रहे थे, इसलिए उस ऑपरेशन की गोपनीयता को देखते हुए उन्हें उसके बारे में जानकारी नहीं थी।
कोस्टगार्ड के ऑपरेशन पर उठे थे सवाल
पाकिस्तान की बोट में विस्फोट के बाद सवाल उठे थे कि खुफिया एजेंसियों और नेवी के बीच बेहतर तालमेल नहीं बन पाया था। सूत्रों ने कहा था कि कोस्ट गार्ड ने इस ऑपरेशन में 'जरूरत से ज्यादा ताकत' का इस्तेमाल किया था। यह भी कहा गया था कि धमाके के बाद बोट जलने का जो वीडियो बनाया गया था, उसमें कहीं भी ब्लास्ट होने की बात सामने नहीं आई थी।
ठीक नहीं रहा है लोशाली का रिकॉर्ड
रक्षा मंत्री ने कहा था कि लोशाली का सर्विस रिकॉर्ड सही नहीं है। इस मामले में रक्षा मंत्रालय ने कोस्ट गार्ड के डीआईजी बीके लोशाली के खिलाफ डिपार्टमेंटल इन्क्वॉयरी के आदेश दिए थे। जांच में लोशाली के बयान की सच्चाई पता लगाए जाने को लेकर जांच की रही थी। डीआईजी लोशाली का यह वीडियो अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस ने जारी किया था। इस मामले में रक्षा मंत्रालय को भी सफाई देनी पड़ी थी। रक्षा मंत्री ने कहा था, 'हमारे पास 15-16 लाख सैन्यकर्मी हैं, अगर कोई एक अधिकारी गलत बयान देता है, तो मैं उसकी जांच करूंगा और तब कार्रवाई करूंगा।' रक्षा मंत्रालय की तरफ से दी गई सफाई में कहा गया था कि लोशाली वेस्टर्न कमांड के एक चीफ ऑफ स्टाफ थे और उनके काम का दायरा सिर्फ प्रशासनिक था और "उनके काम को किसी भी लिहाज से किसी ऑपरेशन से नहीं जोड़ा जा सकता, इसीलिए 31 दिसम्बर की रात को जो हुआ, उसकी उन्हें कुछ खबर नहीं हो सकती।" गृह मंत्रालय के मुताबिक कोस्ट गार्ड में किसी भी ऑपरेशंस की दिशा और उसे पूरा करने के आदेश कमांडर इन चीफ देता है। यह आईजी रैंक का अफसर होता है।

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