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18 अगस्त 2015

मोदी के पैकेज पर भड़के नीतीश ने पूछा-एक मुर्गे को कितनी बार हलाल करेंगे पीएम?

मंगलवार सुबह पटना एयरपोर्ट पर गर्मजोशी से मिलते पीएम नरेंद्र मोदी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार। हालांकि, बाद की रैलियों में यह गर्मजोशी गायब हो गई। शाम तक तल्खी बढ़ गई।
मंगलवार सुबह पटना एयरपोर्ट पर गर्मजोशी से मिलते पीएम नरेंद्र मोदी और बिहार के सीएम नीतीश कुमार। हालांकि, बाद की रैलियों में यह गर्मजोशी गायब हो गई। शाम तक तल्खी बढ़ गई।
पटना: पीएम नरेंद्र मोदी द्वारा मंगलवार को बिहार के लिए सवा लाख करोड़ रुपए के पैकेज के एलान पर बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने उनको निशाने पर लिया है। नीतीश ने कहा, ''पीएम ने जो पैकेज का एलान किया है, उसमें से कई योजनाएं पहले से ही शुरू हैं। योजनाओं में कुछ भी नया नहीं है। पीएम यह भी बताएं कि ये काम कब तक पूरे होंगे? पीएम एक ही मुर्गे को कितनी बार हलाल करेंगे?'' केंद्रीय फंड का इस्तेमाल न करने और राज्य में विकास का काम न होने के मोदी के आरोपों को नीतीश ने सिरे से खारिज कर दिया। नीतीश ने कहा, ''मुझे हैरानी होती है कि वे अपने तथ्य कहां से लाते हैं? बिहार के हर क्षेत्र में काम हुआ है। बिजली की स्थिति में कितना सुधार हुआ है, ये यहां की जनता जानती है। हमने जो पैसा खर्च किया है, वो भी नहीं मिला। सड़कों को ठीक कराने में एक हजार करोड़ खर्च किया गया, पहले वो तो पहले लौटा दें। केंद्र की एजेंसियां राज्य में काम नहीं कर रहीं।''
नीतीश का आरोप- मोदी ने रूटीन काम को बताया पैकेज का हिस्सा
नीतीश के मुताबिक, पहले से जो विकास कार्य पाइपलाइन में थे, मोदी ने उसे भी स्पेशल पैकेज में शामिल कर दिया। नीतीश ने कहा, '' मोदी ने रेलवे को पैसा देकर कुछ नया नहीं किया। ये तो रूटीन काम है। यानी बिजली के खंभे या पटरी बिछाना भी पैकेज में दिया जाएगा? क्या बिहार में रेगुलर काम नहीं होगा क्या? डिजिटल इंडिया के लिए पूरे देश को पैसा दे रहे हैं, ये उसे भी विशेष पैकेज में गिना रहे हैं। रेल प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण के लिए जो पैसा लगेगा, क्या वो केंद्र देगा? 2700 करोड़ रुपए में एयरपोर्ट कैसे बनेगा? हवाई अड्डे के लिए जमीन भी केंद्र को ही देना है। टूरिस्ट सर्किट के लिए 700 करोड़ दिया गया है, इतने कम पैसे में सात सर्किट कैसे बनेगा? ''
पीएम की टिप्पणी पर नाराज
पीएम की स्पीच में की गई टिप्पणियों पर नीतीश ने कहा, ''पीएम जैसे बोल रहे थे, ऐसा लगा मानो बोली लगा रहे हों। पीएम कॉपरेटिव फेडरेलिज्म की बात करते हैं, लेकिन उसके उलट राज्यों का अपमान करते हैं। अगर राज्य आपसे अपनी बात रखता है तो आप उसे याचक कहते हैं। एक तरफ वो मुझे याचक कहते हैं और दूसरी तरफ अहंकारी कहते हैं। ये विरोधाभास है। बिहार के विकास के लिए मुझे याचक बननना पड़े तो मुझे उससे कोई आपत्ति नहीं है। पीएम राज्यों का मजाक उड़ा रहे हैं जबकि उन्हें जो राज्य तरक्की कर रहे हैं, उन्हें उनकी पीठ थपथपानी चाहिए।''
पैसे लौटाने पर भी दी सफाई
मोदी के गुजरात के सीएम रहने के दौरान बिहार की आपदा में भेजी गई पांच करोड़ की मदद ठुकराने के आरोप पर भी नीतीश ने सफाई दी। नीतीश ने कहा, ''आपदा 2008 में आई, हमने पैसा 2010 में लौटाया। भारतीय संस्कृति में देने वाला कभी बोलता नहीं है। पांच करोड़ रुपए देकर गुजरात सरकार ने कहा कि यह किसी भी राज्य के मुकाबले सबसे ज्यादा योगदान है। पीएम को सिर्फ बोलना आता है, बोलने में क्या जाता है।'' एक अन्य सवाल के जवाब में नीतीश ने कहा, ''कोई कितना भी जोर लगा ले, हम खत्म होने वाले नहीं हैं। एक बिहारी सब पर भारी।''

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