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03 अगस्त 2015

दोस्तों उम्र एक सो एक साल ,,याददाश्त भरपूर जवानी की ,,पेशा असाध्य बिमारियों का हिकमत से इलाज ,खिदमत इस्लाम की इस्लाह ,,,बुराइयों से दूर रहने के संदेश

दोस्तों उम्र एक सो एक साल ,,याददाश्त भरपूर जवानी की ,,पेशा असाध्य बिमारियों का हिकमत से इलाज ,खिदमत इस्लाम की इस्लाह ,,,बुराइयों से दूर रहने के संदेश ,,,और इस्लामिक मसले मसाइलों पर इस्लामिक फैसले ,,जी हाँ दोस्तों में बात कर रहा हूँ जयपुर में रह रहे मुफ्ती हकीम अहमद हसन खान की जो टोंक से जयपुर ऐसे आये के जयपुर के ही होकर रह गए ,,,इस्लाम के प्रति समर्पण ,,इस्लाम के बारे में एन्साइक्लोपीडिया कहे जाने वाले मुफ़्ती हकीम अहमद हसन खान साहब की सनद विश्वसनीय है ,,इनकी उस्तादी का सिलसिला इकीसवें नंबर पर हुज़ूर स अ व तक पहुंचता है ,,यही वजह है के मुफ्ती अहमद हसन खान साहब हिन्दुस्तान के उन गिनती के मुफ्तियों में से है जिनकी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान और विश्वसनीयता है ,,,,,,,मुफ़्ती अहमद हसन खान साहब के पास आज भी पुरे विश्व के अलग अलग मुल्कों से फोन आते है और वोह कॉन्फ्रेंस पर मुफ़्ती साहब से कलाम सुनते है ,,सिलसिले सुनते है और इस्लाम के बारे में सवालात के जवाब लेते है ,,,,,मुफ़्ती अहमद हसन खान का जन्म टोंक में जनवरी उन्नीस सो चोवदाह में हुआ और टोंक रियासत में ही इन्होने शिक्षा ग्रहण की ,,इस्लामिक तालीम के साथ साथ दुनियावी तालीम और सभी ज़ुबानों की तालीम इन्होने हासिल की ,,अरबी ,,फ़ारसी ,,उर्दू ,,इंग्लिश ,,,संस्कृत जैसी सभी आम फहम ज़ुबानों में आप मास्टर हो गए ,,,इस्लामिक मोलवी के कोर्स के बाद ,,आप ने मुफ़्ती की डिग्री ली और टोंक स्टेट में महकमा ऐ ख़ास में फौजदारी मामलों के फैसलों के लिए इन्हे जज नियुक्त किया गया ,,,काफी वक़्त तक इनके ईमानदाराना फैसलों ने लोगों को हक़ दिलवाया ,,इंसाफ दिलवाया ,,बाद में मुफ्ती अहमद हसन फौजदारी मामलों के साथ साथ दीवानी मामलों के भी इस्लामिक क़ानून और दूसरे क़ानूनो के तहत फैसले देने लगे ,,,देश आज़ाद हुआ ,,,देश की आज़ादी के बाद टोंक से इन्हे कमिश्नर साहब जयपुर ले गए वहा जाकर कमिश्नरेट में होने वाले फैसलों में इनकी मदद ली जाने लगी ,, मुफ्ती अहमद हसन साहब हिकमत का कोर्स कर चुके थे अल्लाह ने इनकी बताई हुई दवा में शिफ़ा पैदा कर रखी थी और मरीज़ चाहे जैसी बीमारी हो ठीक होने लगे ,,,लोगों की भीड़ इलाज के लिए उमड़ने लगी ,,लिहाजा मुफ्ती अहमद हसन खान साहब ने एक वक़्त इबादत और इस्लामिक शिक्षा के लिए मुक़र्रर किया ,,,,और बाक़ी वक़्त हिकमत से इलाज के ज़रिये लोगों की खिदमत में लग गए ,,इनकी क़ाबलियत ,,इनके फैसले ,,इस्लाम के तजुर्बे और जानकारियों का फायदा उठाने के लिए देश विदेश के हज़ारो हज़ार आलिम ,,रिसर्च स्कॉलर इनके पास आने लगे ,,खुद मुफ़्ती अहमद हसन साहब की सनद फतवा तीन जिल्दों में प्रकाशित हुई है जिसमे खुसूसी मामलों में फतवे की रौशनी से लोगों को समझाने का एक कामयाब प्रयास है ,,,,आज भी मुफ़्ती अहमद हैं एक सो एक साल से भी ज़्यादा के होने के बाद भी अपनी दिन चर्या यथावत रखे हुए है ,,वोह इबादत करते है ,,,,,टेलीफोन पर कॉन्फ्रेंस के ज़रिये देश विदेश से उनके पास आने वाले कॉल का जवाब देते है ,,इस्लामिक मसलों को सुलझाते है ,,इनका सिलसिला उस्तादी में सनद के बतौर सबसे कम संख्या पर हुज़ूर स अ व तक जाता है और इसीलिए इन मुफ़्ती अहमद हसन साहब की खुसुसियात और बढ़ जाती है ,,,,,कल दो अगस्त रविवार को कोटा शहर क़ाज़ी अनवार अहमद ,,नायब क़ाज़ी ज़ुबेर अहमद के साथ हम उर्दू के खिलाफ साज़िश को रोकने की कोशिशों के लिए जयपुर पहुंचे थे जब इन मुफ़्ती साहब का ज़िक्र आया तो इनसे मिले बगैर आना ना मुमकिन सा था ,,बस क़ाज़ी ऐ शहर अनवर अहमद ,,नायब क़ाज़ी ज़ुबेर अहमद ,,,,इंजीनियर खलील अहमद ,,,हाजी मुनव्वर खान ,,,एडवोकेट नजीमुद्दीन सिद्दीक़ी ने चार दरवाज़े क्षेत्र में इनके निवास का रुख किया और इनसे मुलाक़ात के बाद मुफ्ती अहमद खान साहब की जो खुसूसियत जानने को मिली चंद लाइने इनके सम्मान में लिखने के लिए क़लम बेताब हो गयी ,,वैसे भी मुफ़्ती अहमद खान साहब का ताल्लुक़ मेरे अज़ीज़ ससुराल टोंक से थो सो फिर में और इनके हक़ में सच्चाई लिखने को बेताब हुआ ,,मुफ़्ती अहमद खान साहब के बारे में कुछ भी लिखना सूरज को दिया दिखाने के बराबर है ,,,लेकिन फिर भी चंद अल्फ़ाज़ों में इनकी खुसूसियात बताने की गुस्ताखी की है ,,अल्लाह मुफ़्ती अहमद खान साहब को लम्बी उम्र दराज़ी के साथ सह्त्याब रखे और इनके इल्म की रौशनी से इस्लाम रोशन होता रहे ,,,,,,,आमीन सुम्मा आमीन ,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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