नई दिल्ली. संसद में बुधवार को भारी हंगामा और बयानबाजी हुई।
पहले लोकसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने ललितगेट मामले में
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के रोल पर पीएम नरेंद्र मोदी से 7 सवाल किए।
जवाब में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने कांग्रेस पर जमकर पलटवार
किया। कहा- ‘राहुल अपनी मां से पूछें कि मम्मा! क्वात्रोच्चि मामले में
हमने कितना पैसा लिया था?’ जवाब में राहुल ने कहा- ‘सुषमाजी ने मेरा हाथ
पकड़कर मुझसे पूछा था कि क्यों मुझसे गुस्सा हो? मेरा जवाब सुनकर उनकी
आंखें नीचे हो गई थीं।’ राहुल के बयान के बाद कांग्रेस ने लोकसभा से वॉकआउट
कर दिया। लेकिन उनके बयानों पर वित्त मंत्री अरुण जेटली ने चुटकी ली। कहा-
राहुल बिना जानकारी वाले एक्सपर्ट हैं। खोदा पहाड़ और यहां तो चुहिया भी
नहीं निकली।
लोकसभा में बुधवार को क्या हुए बड़े बयान?
1. सुषमा स्वराज : कहा- गुनाहगार तो आप लोग हैं
सुषमा ने कहा- ‘‘राहुलजी को शौक है छुट्टियां मनाने का। इस बार आप
छुट्टी मनाने विदेश जाएं तो एकांत में अपने परिवार का इतिहास पढ़ें।
क्वात्रोच्चि (बोफोर्स घोटाला) से लेकर शहरयार (गांधी परिवार के कथित
मित्र) तक अपने परिवार के काले कारनामों के बारे में भी पूछें। ...और अपनी
मां से पूछें कि मम्मा! क्वात्रोच्चि मामले में हमने कितना पैसा लिया था?
मम्मा! 15 हजार लोगों के हत्यारे एंडरसन (भोपाल गैस त्रासदी के गुनहगार) को
डैडी ने क्यों छुड़वाया था?’’
सुषमा ने यह भी कहा, ‘‘अगर गुनाहगार कोई है तो वे आप लोग हैं। राहुल
गांधी संसद के बाहर कहते हैं कि मैंने छुप-छुपकर काम किया। अगर छुप-छुपकर
किसी ने काम किया तो वह राजीव गांधी की सरकार ने वॉरेन एंडरसन के मामले में
किया।’’ सुषमा के जवाब के बाद लालकृष्ण आडवाणी ने उनकी पीठ थपथपाई। सुषमा के जवाब के दौरान कांग्रेस सदस्य नारेबाजी कर रहे थे, जबकि राहुल गांधी हेडफोन लगाकर सुषमा की बात सुन रहे थे।
2. राहुल गांधी : कहा- मैं सच के साथ हूं, यह सुनकर सुषमाजी की आंखें नीचे हो गईं
सुषमा के जवाब के बाद राहुल गांधी ने कहा, ‘सुषमाजी ने कल मेरा हाथ
पकड़कर मुझसे पूछा कि क्यों मुझसे गुस्सा हो? मैंने तुम्हारे क्या किया? जब
मैंने कहा कि मैं आपसे गुस्सा नहीं हूं और सच बोल रहा हूं तो यह सुनकर
सुषमाजी आपकी आंखें नीचे हो गई थीं। क्योंकि आप भी जानती थीं कि मैं सच के
साथ हूं। जब आपका परिवार ललित मोदी के लीगल अफेयर्स देख रहा था, तभी अापकी
मिनिस्ट्री ने उनकी मदद की। आमतौर पर इंसानियत के नाते मदद खुलकर की जाती
है। सुषमाजी ऐसी पहली ह्युमैनिटैरियन हैं जो छुपकर मदद करती हैं। ...हमारे 2
सवाल अब भी कायम हैं। आपके परिवार को ललित मोदी से कितना पैसा मिला? आपने
ललित मोदी की मदद की तो अपने ही मंत्रालय को इस बारे में क्यों नहीं बताया?
राहुल ने कहा- पीएम मोदी में अगर आज हिम्मत होती तो वे लोकसभा में आते
और ललित मोदी से जुड़े सवालों पर हमारे सवालों का जवाब देते। लेकिन उनमें
इतनी हिम्मत नहीं हैं कि यहां आकर बैठें। ...गांधीजी के तीन बंदर हुआ करते
थे जो बुरा मत देखो, बुरा मत सुनो और बुरा मत बोलो का संदेश देते थे।
...मोदी जी ने इसके मायने बदल दिए हैं। वे कहते हैं- सच को मत देखो, सच को
मत सुनो और सच को मत बोलो। आप कहते थे कि न खाऊंगा और न खाने दूंगा। तो अब
आप बोल क्यों नहीं रहे? आप बोलने से मत डरिए। आज देश आपके मन की बात जानना
चाहता है कि खातों में जो 15 लाख रुपए आने वाले थे, उनका क्या हुआ? ललित
मोदी के ब्लैकमनी के नेटवर्क को आपकी मंत्री, एक सीएम और उनका बेटा क्यों
बचा रहा है? जेटलीजी ने कहा कि ललित मोदी और वसुंधरा के बेटे के बीच
कमर्शियल ट्रांजेक्शन हुआ। इस तरह के ट्रांजेक्शन में 2 लोगों काे फायदा
होता है। ये हमें बता दीजिए कि वसुंधरा के बेटे से हुए 11 करोड़ रुपए
लेनदेन में ललित मोदी को कितना फायदा पहुंचा?’’
3. अरुण जेटली : कहा- खोदा पहाड़ और चुहिया भी नहीं निकली
राहुल के बाद जेटली ने कहा- ‘आज देश को यह लगा था कि तर्क सामने
आएंगे। देश यह जान पाएगा कि वो क्या कारण थे कि पूरा एक मानसून सेशन बर्बाद
हो गया। लेकिन विपक्ष अपने खोखले नारों से ऊपर नहीं उठ पाया। वह तर्क नहीं
दे पाया। सरकार आज यही कहना चाहती है कि सुषमाजी पर सारे आरोप निराधार
हैं। एक सदस्य ने यहां कहा कि इस मुद्दे पर खोदा पहाड़ और निकली चुहिया।
लेकिन मैं कहना चाहूंगा कि इस मुद्दे पर तो चुहिया भी नहीं निकली। राहुल के
उठाए मुद्दों पर मैं कहना चाहूंगा कि वे बिना जानकारी वाले एक्सपर्ट यानी
Expert without knowledge हैं। जब यूपीए की सरकार थी तो ललित मोदी को रेड
कॉर्नर नोटिस क्यों नहीं दिया गया? जब ललित मोदी लंदन चले गए तब आपने उनका
पासपोर्ट सस्पेंड किया। राहुल कालेधन पर सवाल उठाते हैं। लेकिन उनकी सरकार
ने कालेधन पर क्या किया? वे सुषमाजी के परिवार पर सवाल उठाते हैं। जबकि
सुषमाजी की बेटी ललित मोदी के 11 वकीलों में से 9वें नंबर की वकील थीं।
गांधी परिवार में काम करने की परंपरा नहीं है। लेकिन बाकी लोगों को काम
करना होता है।’
लोकसभा में खड़गे के सवाल और सुषमा के जवाब
खड़गे का सवाल : क्या सुषमा स्वराज ने भगोड़े ललित मोदी की मदद नहीं की?
सुषमा का जवाब : नहीं। मैं पहले भी कह चुकी हूं कि मैंने मोदी
की कैंसर पीड़ित पत्नी के लिए लेटर लिखा था जो भारतीय नागरिक हैं और किसी
भी केस में आरोपी नहीं हैं। जहां तक ललित मोदी की बात है, जेटलीजी ने मुझे
बताया है कि किसी कोर्ट ने उसे भगोड़ा घोषित नहीं किया है।
खड़गे का सवाल : ललित मोदी पर ब्रिटेन से हुए कॉरेस्पॉन्डेंस को क्यों जारी नहीं किया गया?
सुषमा का जवाब : यूपीए की सरकार में वित्त मंत्री रहे पी.
चिदंबरम विदेश मंत्रालय को बाइपास कर रहे थे। इसलिए हमारे पास लेटर नहीं
हैं। जब ब्रिटिश सरकार ने एक लेटर का जवाब दिया तब विदेश राज्य मंत्री रहीं
परणीत कौर को भेजा तो विदेश मंत्रालय को इसकी जानकारी मिली थी।
खड़गे का सवाल : ललित मोदी से भारत लौटने को क्यों नहीं कहा गया? क्या भारत सरकार ने ब्रिटेन की सरकार को बताया कि ईडी का एक आरोपी पेश नहीं हो रहा है?
सुषमा का जवाब : चिदंबरम खुद ही ब्रिटिश वित्त मंत्री को
चिट्ठी लिखकर बार-बार यह कह रहे थे कि ललित मोदी को डिपोर्ट किया जाए। जबकि
ब्रिटिश सरकार कह रही थी कि उन्हें डिपोर्ट नहीं करेंगे, आप प्रत्यर्पण की
मांग करें। बाद में ब्रिटिश मंत्री ने चिदंबरम को जवाब तक देना बंद कर
दिए। चिदंबरम ने कभी भी उसे भारत लाने की कोशिश नहीं की।
खड़गे का सवाल : भारत के बजाय यूके का पासपोर्ट क्यों दिया गया?
सुषमा का जवाब : ब्रिटिश सरकार ने ललित मोदी को जब राइट ऑफ
रेजिडेंसी (भारत में केस पेंडिंग रहने तक ब्रिटेन में रहने की इजाजत) दिया
तब भारत में यूपीए की सरकार थी।
खड़गे का सवाल : नया पासपोर्ट जारी करने का फैसला किसका था? जब हाईकोर्ट ने ललित मोदी का पासपोर्ट बहाल कर दिया तो उसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में क्यों नहीं अपील की गई?
सुषमा का जवाब : ललित मोदी का पासपोर्ट दिल्ली हाईकोर्ट ने
बहाल करने को कहा था। हाईकोर्ट में केस इसलिए खारिज हुआ, क्योंकि यूपीए
सरकार के वक्त ईडी 4 साल तक इस केस में निष्क्रिय रही। जब मोदी को शोकॉज़
नोटिस भेजने के बाद भी 4 चाल तक केस एक इंच आगे नहीं बढ़ा तो दोषी कौन है?
जब से जेटलीजी वित्त मंत्री बने हैं, उन्होंने कार्रवाई दोबारा शुरू कराई
है।
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