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22 अगस्त 2015

पाकिस्तान ने नहीं छोड़ी जिद, रद्द हुआ एनएसए सरताज अजीज का भारत दौरा


नई दिल्ली. भारत-पाकिस्तान के बीच रविवार-सोमवार को होने वाली मीटिंग रद्द हो गई है। एनएसए लेवल की इस मीटिंग से पहले पाकिस्तान हुर्रियत नेताओं से मिलने और कश्मीर पर ही बात करने पर अड़ा था। लेकिन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने शनिवार को पाकिस्तान के सामने दो शर्तें रख दीं। कहा- अगर पाकिस्तान के एनएसए सरताज अजीज हुर्रियत के नेताओं से मिले और आतंकवाद के इतर कश्मीर जैसे मुद्दों पर बोले तो बात नहीं होगी। सुषमा ने पाकिस्तान को जवाब देने के लिए इशारों-इशारों में रात 12 बजे तक की डेडलाइन भी दे दी। देर रात पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने इस संबंध में बयान जारी किया।
पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने प्रेस रिलीज जारी करके कहा कि सुषमा की प्रेस कॉन्फ्रेंस के बाद अब बातचीत का कोई मतलब नहीं है। बयान में कहा गया है कि बातचीत से पहले भारत ने दो शर्तें रख दी हैं और शर्तों के साथ बातचीत नहीं हो सकती। यदि एनएसए बातचीत का उद्देश्य केवल आतंकवाद पर बात करना है तो इसका कोई मतलब नहीं है। इस तरह की बातचीत में एक दूसरे पर आरोप लगाने के अलावा कुछ नहीं निकलेगा। इसलिए हम ये बातचीत रद्द करते हैं।
पाकिस्तान के बातचीत तोड़ने को भारत ने दुर्भाग्यपूर्ण बताया है। विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर कहा कि पाकिस्तान का फैसला निराशाजनक है, हमने बातचीत के लिए कोई नई शर्त नहीं रखी थी। हम जो दो बातें कह रहे हैं वो शिमला समझौते और ऊफा में दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों के बीच हुई बातचीत में तय हुआ था। इस मामले में अपनी प्रतिक्रिया देते बीजेपी प्रवक्ता नलिन कोहली ने कहा कि इससे यह साबित होता है कि पाकिस्तान आतंकवाद के मुद्दे पर गंभीर नहीं है।
भारत की दो शर्तें
1. हुर्रियत से मुलाकात न करें सरताज अजीज
सुषमा ने शनिवार को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा- पाकिस्तान शिमला समझौते की स्पिरिट को समझे। बातचीत होगी तो सिर्फ दो देशों के बीच। कोई भी तीसरी पार्टी (हुर्रियत) बीच में नहीं आएगी। आप हुर्रियत या किसी और से बात मत कीजिए।
2. कश्मीर पर नहीं, आतंकवाद पर बात करने के इरादे से ही आए पाक
सुषमा ने कहा- रूस के उफा में मोदी-नवाज के बीच हुए एग्रीमेंट की स्पिरिट को भी पाकिस्तान समझे। आतंकवाद के अलावा किसी और मुद्दे पर एनएसए लेवल की मीटिंग में बात नहीं होगी, क्योंकि कश्मीर जैसे मुद्दे कम्पोजिट डायलॉग का हिस्सा हैं। एनएसए के बीच मीटिंग कम्पोजिट डायलॉग का हिस्सा नहीं है। यह मीटिंग उफा एग्रीमेंट के तहत होनी है।
3. और आखिर में दो टूक
सुषमा ने कहा- पाकिस्तान अगर हमारी दो बातें मान जाए तो उनके नेशनल सिक्युरिटी एडवाइजर सरताज अजीज का स्वागत है। अब जवाब पाकिस्तान को देना है। आज ही की रात है जवाब देने के लिए। ...और रात 12 बजे के बाद तारीख बदल जाती है। ये हमारी शर्त नहीं है। हम सिर्फ शिमला और उफा एग्रीमेंट की याद दिला रहे हैं।
पाकिस्तान के NSA सरताज अजीज की हर बात पर सुषमा का करारा जवाब
पाकिस्तान
भारत
अजीज : भारत बातचीत से भाग रहा है।
सुषमा : हम भाग नहीं रहे। हम आतंकवाद और हिंसा से मुक्त बातचीत के लायक माहौल चाहते हैं।
अजीज : भारत ने ही प्री-कंडिशन रख दी है कि हम हुर्रियत से न मिलें।
सुषमा : यह प्री-कंडिशन नहीं है। शिमला एग्रीमेंट की स्पिरिट को समझें। थर्ड पार्टी मंजूर नहीं है।
अजीज : कश्मीर के बिना कोई बात नहीं हो सकती।
सुषमा : बात तो सिर्फ टेररिज्म पर होगी। उफा में कश्मीर का जिक्र नहीं हुआ था।
अजीज : हमें सुषमा स्वराज की प्रेस काॅन्फ्रेंस का इंतजार है।
सुषमा : मेरी प्रेस काॅन्फ्रेंस का इंतजार था तो मेरा दो वाक्यों में संदेश है। हुर्रियत से न मिलें और आतंकवाद पर ही बात करें।
अजीज : भारत ने एनएसए के बीच मीटिंग ऑफिशियली कैंसल नहीं की है।
सुषमा : अगर हमारी दोनों बातें मंजूर हैं तो आपका स्वागत है। आज ही की रात है जवाब देने के लिए। ...और रात 12 बजे के बाद तारीख बदल जाती है।
अजीज : भारत मीडिया के जरिए डिप्लोमेसी कर रहा है।
सुषमा : हमारे हाई कमिश्नर हर मैसेज को मीडिया से पहले पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय तक पहुंचाते हैं।
अजीज : रॉ के पाकिस्तान में रोल के बारे में हमारे पास तीन डॉजियर हैं जो हम डोभाल को देंगे। नहीं दे पाए तो न्यूयॉर्क में देंगे। वहां नहीं दे पाए तो यूएन चीफ को देंगे।
सुषमा : सरताज अजीज बहुत ही गंभीर व्यक्ति हैं। फिर भी वे ऐसी बात कर रहे हैं। कितना सीरियस होगा वह डॉजियर जिसे वे भारत में नहीं दे पाए तो न्यूयॉर्क में गलियारों में देंगे? डॉजियर प्रेस कॉन्फ्रेंस में नहीं लहराए जाते, बंद लिफाफे में दिए जाते हैं।
अजीज : हमारे पास भारत के खिलाफ कई सबूत हैं।
सुषमा : सबूत आप क्या हमें देंगे? हमारे पास जिंदा सबूत है। आपके एक आतंकी नावेद को हमने जिंदा पकड़ा है।
शनिवार के बड़े डेवलपमेंट्स
1. अलगाववादी नेता शब्बीर शाह श्रीनगर से दिल्ली के लिए रवाना हुआ।
2. दिल्ली एयरपोर्ट पर शाह को हिरासत में लिया गया।
3. इस्लामाबाद में अजीज ने पीएम नवाज शरीफ से मुलाकात की।
4. थोड़ी ही देर बाद दिल्ली में हमारे एनएसए अजीत डोभाल ने पीएम नरेंद्र मोदी से मुलाकात की।
5. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पाकिस्तान से सिर्फ आतंकवाद के मुद्दे पर ही बात होगी।
6. पाकिस्तान के एनएसए सरताज अजीज ने इस्लामाबाद में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। कहा- कश्मीर के बिना भारत से कोई बात नहीं हो सकती।
7. दिल्ली में विदेश मंत्रालय सुषमा स्वराज ने कहा कि पाकिस्तान की शर्तें नहीं चलेंगी। अजीज हुर्रियत से न मिलें और सिर्फ आतंकवाद पर बात करें तो उनका स्वागत। जवाब नहीं मिला तो बातचीत रद्द।
8. न्यूज एजेंसी एएनआई के मुताबिक, पाकिस्तान सरकार के सूत्रों ने कहा कि अब बातचीत होने के आसार नहीं हैं।
9. अलगाववादी नेता बिलाल लोन को दिल्ली एयरपोर्ट पर हिरासत में लिया गया।
10. कांग्रेस के नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री सलमान खुर्शीद ने आरोप लगाया कि सरकार महज कुछ लोगों की सोच के अनुसार इस मुद्दे पर आगे बढ़ रही है। वहीं, इसी पार्टी के नेता अभिषेक मनु सिंघवी ने सरकार से पूछा है कि ऊफा से पहले सरकार ने क्या होमवर्क नहीं किया था? क्या यह सब सिर्फ एक फोटो खिंचवाने तक ही सीमित?
आगे क्या?
- फिलहाल दोनों देशों में कोई बातचीत नहीं होगी। दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों की अमेरिका में होने वाले यूएन सम्मेलन के दौरान मुलाकात की सम्भावना है।
क्या है मामला?
भारत के एनएसए अजीत डोभाल और पाकिस्तानी एनएसए सरताज अजीज के बीच 23-24 अगस्त को दिल्ली में बातचीत होनी है। पाकिस्तानी हाई कमिश्नर अब्दुल बासित ने मंगलवार रात कश्मीरी अलगाववादियों को न्योता भेजकर 23 अगस्त को दावत पर बुलाया है। यानी पाकिस्तान उसी दिन कश्मीरी अलगाववादियों से मिलना चाहता है, जिस दिन डोभाल की अजीज के साथ मीटिंग होगी।
सुषमा ने और क्या कहा?
- सीजफायर तोड़े जाने पर : उफा में बातचीत के बाद से पाकिस्तान ने आतंक को गहरा किया है। 91 बार सीजफायर किया। गुरदासपुर और उधमपुर में आतंकी हमला हुआ। हमने दबाव झेला पर बातचीत के लिए कायम रहे।
- पाकिस्तान से रिश्तों पर : यह रिश्ते गड्ढों भरी सड़क पर हैं। इस पर कभी हिचकोले लगते हैं। कभी गाड़ी की कमानियां टूटती हैं। कभी टायर पंक्चर होते हैं। लाहौर के बाद कारगिल हुआ तो लोगों को लगा कि अब कभी बातचीत नहीं होगी। वह बहुत बड़ा विश्वासघात था। एक साल बाद अटलजी ने मुशर्रफ को आगरा में न्यौता दिया। 2004 में फिर बातचीत हुई। 2008 में मुंबई में अटैक हुआ। 2010 में फिर बातचीत बहाल हुई। लेकिन 2011 में हमारे जवानों के सिर काटे गए। ये सफर कैसा होगा, यह वक्त ही बताएगा। कल बातचीत नहीं हुई तो रिश्ते रुकेंगे नहीं। डिप्लोमेसी में फुल स्टॉप नहीं होता। कॉमा या सेमी कॉलन होते हैं।
- दाऊद की कराची में मौजूदगी पर : सुषमा ने कहा- मीडिया के सबूतों को दूसरा देश नहीं मंजूर करेगा। वो क्या देंगे, हम क्या देंगे, इस पर बात होगी। मीडिया अपने सबूत भारत सरकार को दे। दाऊद के मामले में सरकार जो मानती है वह पाकिस्तान से शेयर करेगी मीडिया से नहीं।
- अटलजी के वक्त मुशर्रफ हुर्रियत से क्यों मिले : सुषमा ने कहा- जो बीत गई, सो बात गई।
EXPERT VIEW : पाकिस्तान को अपने प्राइम एजेंडे से कश्मीर के बाहर होने का डर
विदेश मामलों के एक्सपर्ट डॉ. रहीस सिंह ने कहा- भारत की कूटनीतिक चाल में पाकिस्तान बुरी तरह फंस गया है। पहले उफा में कश्मीर के बिना बात को राजी हुआ। फिर सीजफायर तोड़े जाने और आतंकी हमले के बावजूद भारत ने बातचीत कैंसल नहीं की। आखिरकार, पाकिस्तान ने आखिरी कार्ड के रूप में हुर्रियत दांव चला। लेकिन अपने ही दांव में वो उलझ गया। अब अगर बातचीत टूटती है तो सारा दोष पाकिस्तान पर जाएगा। और बिना हुर्रियत की शर्त पर चर्चा करता है तो उसे आतंकवाद पर बात करनी होगी। यानी कश्मीर पाकिस्तान के प्राइम एजेंडे से बाहर। पाकिस्तान किसी सूरत में नहीं चाहेगा कि बातचीत का फोकस आतंकवाद हो, क्योंकि आतंकवाद पर बात करने का मतलब होगा खुद का चेहरा बेनकाब करना। आतंकी नावेद के कबूलनामे समेत भारत ने डोजियर के रूप में लंबा चिट्ठा इकट्ठा कर रखा है। इसलिए पाकिस्तानी सेना, आईएसआई और कट्टरपंथी जमातें चाहती हैं कि किसी भी तरह बैठक रद्द हो जाए।

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