कोटा अभिभाषक परिषद के पांच सो से भी अधिक सदस्य वकालत की भागमभाग वाली
ज़िंदगी से दूर मनोरंजन की दुनिया में आज पिकनिक मनाने बीसलपुर डेम पहुंचे
जहां श्रद्धालुओं ने रावण द्वारा पूजा स्थापित मंदिर के भी दर्शन किये जबकि
वकील साथियों ने बीसलपुर डेम के गेस्ट हाउस में आराम ,,के बाद हंसी
ठिठोली के साथ खूब मनोरंजक तरीके से बीसलपुर बांध का लुत्फ़ उठाया ,,,बाँध
को ऊपर गेट तक जाकर देखा ,,तो कुछ लोगों ने नौका विहार किया ,, तो कुछ
साथियों ने बीसलपुर डेम के यहां कुशल तैराक की तरह से अठखखेलियों
के साथ स्नान किया ,,,,,,,,अभिभाषक परिषद के अध्यक्ष रघु गौतम ,,महासचिव
संजीव विजय ,,कोषाध्यक्ष रामगोपाल चतुर्वेदी ,,सदस्य शाकिर खान सहित कई
दर्जन व्यवस्थापकों ने बस ,,नाश्ते ,,खाने की ज़िम्मदारियां संभाली ,,रास्ते
में बल्लोप में शेखावाटी भोजनालय पर एडवोकेट अजय सिंह शेखावत की तरफ से
सभी वकीलों का स्वागत कर उनका अतिथि सत्कार नाश्ते और चाय से किया ,,एक
सम्मान समारोह में अध्यक्ष रघु गौतम ,,,महासचिव संजीव विजय ,,वरिष्ठ
अभिभाषक महेश गुप्ता का साफा पहना कर स्वागत किया गया जबकि इस दौरान
शेखावाटी भोजनालय के संस्थापक द्वारा लिखित पुस्तक मर्यादा पुरुषोत्तम राम
के सिद्धांतो के तहत समाज सुधार की दृष्टि से लिखी गई पुस्तक का भी वितरण
किया गया ,,,,,,,,,,,,,,अभिभाषक परिषद के सभी सदस्यों ने इस पिकनिक
व्यवस्था की प्रशंसा करते हुए खूब खेलकूद ,,मनोरंजन किया ,,,,एक खास बात यह
रही के जब हम कुछ लोग मंदिर के बाहर चाय की एक दूकान पर पहुंचे और चाय
बनाकर देने के लिए कहा तो वह उपस्थित दुकानदार ने सवाल किया ,,आप कोटा से
वकील साहिबान है ,,हमने हाँ कहा बस फिर दुकानदार ने पानी की ठंडी बोतल
निकाली ,,ठंडे पानी की पेशकश कर खुद ने प्योर दूध की चाय बनाई ,,नाश्ते का
सामान रखा ,,हमने मना किया लेकिन इन दुकानदार साहब का अनुनय विनय ने हमे
चाय पीने पर मजबूर किया ,,हमने इस आवभगत का रहस्य जानना चाहा ,,पहले
दुकानदार से नाम पूंछा तो उसने खुद का नाम सुरेश सिंधी बताया ,,वोह एक
समाज सेवक और देवी का भक्त निकला ,,,,काफी कोशिशो के बाद भी उसने चाय का
महंताना लेने से इंकार किया उसका कहना था के साहब आप लोग आये बहार आई
,,मुझे आपके अतिथि सत्कार का अवसर मिला ,,में धन्य हो गया ,,,में ,,आबिद
अब्बासी ,,सईद अहमद सोचते रहे के न जान न पहचान सिर्फ आत्मा से आत्मा का
रिश्ता और अनजान लोगों से इतना प्यार ,,कुछ तो बात है जो इंसानियत और
प्रेमभाव आज भी ज़िंदा है वरना ,,यह दुनिया तो बस मतलब की है ,,मौके की है
,,,रुपयों की है ,,व्यापार की है ऐसे में ऐसा भगत ,,ऐसा प्यारा समर्पण भाव
जो सिर्फ और सिर्फ सेवा करना चाहता है हमने सुरेश भाई सिंधी को सेल्यूट
किया और आने लगे लेकिन फिर उसकी ज़िद थी के घूमकर आने के बाद कुछ तो खाकर
ही जाओगे ,,,,,,,अजीब शख्सियत ,,अजीब प्यार ,,अजीब भक्ति ,,अजीब समर्पण
जिसने हमे मानवता के बारे में यह सोचने पर मजबूत कर दिया के अच्छे लोग अभी
भी मौजूद है ,,जो बेमतलब भी लोगों की आवभगत करते नज़र आते है
,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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