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20 अगस्त 2015

यूएस मिलिट्री में महिलाओं को देते हैं ऐसी ट्रेनिंग, पिलाते हैं सांप का खून

थाईलैंड के चोन बुरी प्रांत में जंगल एक्सरसाइज के दौरान कोबरा सांप का खून पीती अमेरिकी सैनिक। ये एक्सरसाइज थाई नेवी के साथ मिलकर की गई।
थाईलैंड के चोन बुरी प्रांत में जंगल एक्सरसाइज के दौरान कोबरा सांप का खून पीती अमेरिकी सैनिक। ये एक्सरसाइज थाई नेवी के साथ मिलकर की गई।
इंटरनेशनल डेस्क। अमेरिकी सेना के मशहूर रेंजर स्कूल से ट्रेनिंग कोर्स पूरा कर दो महिला सैनिकों ने इतिहास रच दिया है। क्रिस्टेन ग्रीस्ट और शाए हेवर आर्मी रेंजर स्कूल से पहली बार गैजुएट होने वाली महिलाएं बन गई हैं। इसके लिए इन्हें जंगल और पहाड़ों पर कड़ी ट्रेनिंग से गुजरना पड़ा। हालांकि, सेना में भर्ती के बाद भी मुश्किल ट्रेनिंग का ये सफर बरकार रहेगा और जंगल एक्सरसाइज के दौरान तो इन्हें जंगली जानवरों से निपटने के साथ ही सर्वाइवल के लिए सांप का खून पीने तक की ट्रेनिंग से गुजरना होता। हालांकि, ग्रीस्ट और हेवर की कामयाबी के बाद महिलाओं को अब कॉम्बैट ऑपरेशंस में फ्रंट लाइन पर लड़ने का मौका मिल सकता है, जिसकी अब तक उन्हें आजादी नहीं थी।
1775 से अमेरिकी सेना में महिलाएं
वैसे तो अमेरिकी सेना में महिलाएं 1775 से अपनी सेवाएं दे रही हैं, लेकिन तब उनकी जिम्मेदारी नर्स, लॉन्ड्री और कुकिंग से ज्यादा की नहीं थी। हालांकि, अमेरिकी गृह युद्ध में सैकड़ों महिलाएं ने लड़ाई लड़ी, लेकिन सभी ने पुरुषों के वेश में इसमें हिस्सा लिया। 1948 में जाकर आखिरकार महिलाओं को कानूनी तौर पर मिलिट्री सर्विस का स्थायी हिस्सा बनाया गया। हालांकि, महिलाओं के किसी भी कॉम्बैट ऑपरेशन में शामिल होने की अनुमति नहीं थी।
पॉलिसी में बदलाव
2013 में सेना में महिलाओं को सीधे मुकाबले के लिए यूनिट में शामिल न करने की पॉलिसी को खत्म कर दिया गया। इसके बाद 2014 में अमेरिकी सेना ने 33 हजार नए पदों का एलान किया, जो पहले महिलाओं के लिए प्रतिबंधित थे। मौजूदा समय में सेना में 78 फीसदी पदों पर महिलाएं काम कर सकती हैं। हालांकि, कॉम्बैट ऑपरेशंस में फ्रंट लाइन पर सेवाएं देने की पूरी आजादी महिलाओं को अब भी नहीं है।

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