आपका-अख्तर खान

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19 अगस्त 2015

में यूँ ही

में यूँ ही
तुम्हारी बेवफाई पर
कुछ भी लिखकर
अपना वक़्त
बर्बाद नहीं
करता ,,,
मुझे पता है
तुम नहीं समझते
वफ़ा क्या है
जब समझोगे
ना हम होंगे
न हमारी यादें
ना हमारा साया
बस सिसकियाँ
बस आंसू होंगे ,,

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