तुम अपने किरदार को इतना बुलंद करो कि दूसरे मज़हब के लोग देख कर कहें कि अगर उम्मत ऐसी होती है,तो नबी कैसे होंगे?
गगन बेच देंगे,पवन बेच देंगे,चमन बेच देंगे,सुमन बेच देंगे.कलम के सच्चे सिपाही अगर सो गए तो वतन के मसीहा वतन बेच देंगे.
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19 अगस्त 2015
में यूँ ही
में यूँ ही तुम्हारी बेवफाई पर कुछ भी लिखकर अपना वक़्त बर्बाद नहीं करता ,,, मुझे पता है तुम नहीं समझते वफ़ा क्या है जब समझोगे ना हम होंगे न हमारी यादें ना हमारा साया बस सिसकियाँ बस आंसू होंगे ,,
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दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)
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