पहले जरा देश के मंदिरों से जुड़े इन 6 फैक्ट्स को जान लीजिए...
1- देश के 4 बड़े मंदिरों (तिरुपति, शिर्डी साईं बाबा, सिद्धि
विनायक और काशी विश्वनाथ) की एक दिन की औसत कमाई 8 करोड़ रुपए और हर मिनट
कमाई 55 हजार रुपए है। इसमें से अकेले करीब 7 करोड़ रुपए दान तिरुपति मंदिर
के पास आता है। इतना दान एक दिन में पाने वाले ये इकलौते भगवान हैं।
तिरुपति मंदिर में स्थित भगवान 24 घंटे 70 किलो सोने की ज्वैलरी पहने रहते
हैं।
2- तिरुपति मंदिर एक साल में सैलरी और सुविधाओं पर 695 करोड़
रुपए खर्च करता है। दुनिया की कई बड़ी कंपनियाें जैसे ही मंदिर भी
कर्मचारियों-पुजारियों को मंदिर, गाड़ी, होम लाेन, एजुकेशन लोन, शादी के
लिए लाेन, फ्री फूड, पीएफ-पेंशन जैसी कई सुविधाएं देता है।
3- देश के मंदिरों के पास 50 लाख करोड़ रुपए की कीमत का कुल 22 हजार
टन (करीब 20 लाख क्विंटल) सोना है। ये दौलत इतनी है कि रिलायंस जैसी करीब
25 कंपनियां एक बार में खरीदी जा सकें। (26 अगस्त को रिलायंस इंडस्ट्रीज की
मार्केट कैपिटल 2.60 लाख करोड़ रुपए थी। )
4- देश के सबसे अमीर मंदिर तिरुपति तिरुमला में एक हजार लोग मिलकर 3
लाख से ज्या़दा लड्डू बनाते हैं। इन्हें बेचकर मंदिर को सालाना करीब 200
करोड़ रुपए की कमाई होती है।
5- 1200 नाईं महिलाओं के बाल काटने के लिए तिरुपति मंदिर में रखे गए
हैं। इन बालों को बेचकर मंदिर को सालाना 220 करोड़ रुपए की कमाई होती है।
मंदिर सालाना 850 टन बाल बेचता है। 283.5 ग्राम औसत वजन वाला महिलाओं का
बाल 17900 रुपए में बिकता है। 453.6 ग्राम वजन के लंबे बालों के 29,900 रु
मिलते हैं।
अब जरा देश के इन 2 अनोखे मंदिरों पर नजर डालें...
1- चिलकुर बालाजी मंदिर
देश में एक मंदिर ऐसा भी है जहां दान देना सख्त मना है। वीजा टेंपल के
नाम से मशहूर हैदराबाद के चिलकुर बालाजी मंदिर में कोई हुंडी या दान पात्र
नहीं है। मंदिर अपना खर्च परिसर के बाहर बने पार्किंग से आए पैसों से
चलाता है। मंदिर प्रबंधन का मानना है कि श्रद्धालुओं को ये पैसा मंदिर की
दान पेटी में डालने की जगह गरीबों और जरूरतमंदों पर खर्च करना चाहिए। इससे
ज्यादा पुण्य मिलेगा। हफ्ते में सिर्फ 3 दिन खुलने वाले मंदिर में 70 हजार
से 1 लाख श्रद्धालु आते हैं। मान्यता है कि विदेश जाने की इच्छा रखने वाले
लोग अगर इस मंदिर में 108 परिक्रमा करते हैं तो उन्हें वीजा जरूर मिल जाता
है।
2- भ्रष्ट तंत्र विनाशक शनि मंदिर
कानपुर में स्थित ये देश का इकलौता ऐसा मंदिर हैं जहां न्यायधीश, नेता, सांसद, विधायक और मंत्रियों का प्रवेश वर्जित है। मंदिर प्रबंधन का मानना है कि देश में फैले भ्रष्टाचार के लिए यही लोग जिम्मेदार हैं। ऐसे में ये मंदिर के अंदर नहीं आ सकते हैं।
कानपुर में स्थित ये देश का इकलौता ऐसा मंदिर हैं जहां न्यायधीश, नेता, सांसद, विधायक और मंत्रियों का प्रवेश वर्जित है। मंदिर प्रबंधन का मानना है कि देश में फैले भ्रष्टाचार के लिए यही लोग जिम्मेदार हैं। ऐसे में ये मंदिर के अंदर नहीं आ सकते हैं।
अब ये बताइए, क्या अापने कभी सोचा इन मंदिरों के पास आखिर पैसा आता
कहां-कहां से है और ये इतने पैसे का करते क्या हैं? देश के 4 बड़े मंदिरों
(तिरुपति, शिर्डी साईं बाबा, सिद्धि विनायक और काशी विश्वनाथ) के माध्यम से अापको बताने जा रहा है कि मंदिर आपके दान किए हुए पैसों का कैसे करते हैं इस्तेमाल... आगे की स्लाइड्स पर क्लिक कर पढ़ें मंदिरों से जुड़ी ये स्पेशल रिपोर्ट। साथ ही जानें, इस पैसे से और क्या-क्या मिल सकता है फ्री में...
दिलचस्प है कि इस एक्सक्लूसिव रिपोर्ट को
बनाने के लिए मंदिरों से जुड़ी 9 हजार से ज्यादा पेज की अलग-अलग रिपोर्ट
अपने सोर्स की मदद से मंगाई। इसकी स्टडी कर देश के 4 बड़े मंदिरों में आपके
दान के इस्तेमाल के बारे में बताया। 9 हजार पेज की ये रिपोर्ट मौजूद है।
कंटेंट सोर्स: चारों मंदिरों की ऑडिट रिपोर्ट। सुप्रीम
कोर्ट द्वारा एक मंदिर के खजाने की जांच के लिए बनाई कमेटी के चेयरमैन और
पूर्व कैग विनोद राय। कर्नाटक के पूर्व देवस्थान (Muzrai) मंत्री प्रकाश
बब्बाना हुकेरी। तिरुपति तिरुमला ट्रस्ट के चीफ अकाउंट ऑफिसर एस.
रविप्रसादन, सिद्धि विनायक मंदिर ट्रस्ट के चेयरमैन नरेंद्र मुरारी राणा,
काशी विश्वनाथ मंदिर के डिप्टी सीईओ वी. के. द्विवेदी, सुप्रीम कोर्ट के
सीनियर लॉयर विराग गुप्ता, गोपाल सुब्रमण्यम की मंदिर पर आधारित रिपोर्ट और
इंटरनेट रिसर्च।
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