ग्वालियर/नई दिल्ली. मध्य प्रदेश के व्यापमं (व्यावसायिक
परीक्षा मंडल) घोटाले की सीबीआई जांच को लेकर केंद्र सरकार में दो राय बन
गई है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि इस मामले की सीबीआई से जांच कराने
की जरूरत नहीं है। उन्होंने इसे 'नॉन इश्यू' बताया। जबकि मंत्री उमा
भारती ने एक टीवी चैनल से कहा कि वह खुद शिवराज से मिल कर सीबीआई जांच
करवाने की मांग कर चुकी हैं। इस मामले में उनके करीबियों पर आरोप लगा है,
तो उनकी सीबीआई जांच होनी ही चाहिए।
तीन दिन में तीसरी मौत
उधर, सोमवार को घोटाले की आरोपी एक ट्रेनी सब इंस्पेक्टर अनामिका
कुशवाहा की लाश तालाब में पाई गई। शनिवार को घटना की रिपोर्टिंग कर रहे एक
पत्रकार की मौत और रविवार को होटल में जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डीन की लाश
मिलने के बाद सोमवार को अनामिका कुशवाहा की मौत से मध्यप्रदेश सरकार पर
हमले और तेज हो गए। हालांकि, अनामिका की मौत को पुलिस दहेज के लिए सताए
जाने के कारण की गई खुदकुशी मान रही है।
पुलिस पर उठा सवाल
पिछले सप्ताह मौत का शिकार बने एक डॉक्टर की पत्नी ने पुलिस पर घूस
मांगने का आरोप लगा कर उसकी साख पर सवाल खड़ा कर दिया। इसके बाद विपक्ष ने
मध्यप्रदेश सरकार को निशाने पर लिया तो केंद्र सरकार खुल कर बचाव में उतर
गई। केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने तो यहां तक कह दिया कि विपक्ष इस
'नॉन इश्यू' को तूल दे रहा है। सोमवार को व्यापमं घोटाले से जुड़ी हर
हलचल पर एक नजर:
घोटाले के सिलसिले में ग्वालियर के डॉक्टर राजेंद्र आर्य को भी
गिरफ्तार किया गया था। करीब एक साल बाद उन्हें जेल से रिहा किया गया।
राजेंद्र की पिछले सप्ताह मौत हो गई थी। बताया गया कि उनकी मौत किडनी खराब
होने के चलते हुई। लेकिन राजेंद्र की पत्नी उषा ने आरोप लगाया है कि पुलिस
उन्हें घूस देने के लिए परेशान कर रही थी। सोमवार को एक टीवी चैनल से
बातचीत में उषा ने बताया, “राजेंद्र की तबियत बिल्कुल ठीक थी, उन्हें ठीक
से भूख भी लगती थी।” ऊषा ने पुलिस के इस दावे को सिरे से खारिज कर दिया कि
राजेंद्र को किडनी इन्फेक्शन था। ऊषा ने कहा, “जब से उन्हें जमानत पर रिहा
किया गया तब से पुलिस उनसे लगातार रिश्वत मांग रही थी। राजेंद्र ने शिकायत
इसलिए नहीं की क्योंकि उन्हें अपने बच्चों की चिंता थी।”
गवर्नर को हटाया जाए या नहीं, सुप्रीम कोर्ट करेगा सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को वह अर्जी मंजूर कर ली, जिसमें मध्य
प्रदेश के राज्यपाल रामनरेश यादव को हटाने और उनसे पूछताछ की इजाजत देने
की मांग की है। अर्जी पर सुनवाई 9 जुलाई के होगी। यादव के बेटे शैलेश यादव
इस घोटाले में आरोपी थे, जिनकी बीते 26 मार्च को यूपी में संदिग्ध हालात
में मौत हो गई थी। आरोप है कि खुद राज्यपाल भी फर्जीवाड़े में शामिल रहे
हैं।
व्यापमं से जुड़ी एक और मौत
व्यापमं घोटाले से जुड़ी मौतों का सिलसिला थम नहीं रहा है। सोमवार सुबह मध्य प्रदेश के सागर पुलिस ट्रेनिंग अकादमी में 2014 बैच की सब इंस्पेक्टर की ट्रेनिंग कर रही अनामिका कुशवाहा की लाश तालाब से मिली। यह घोटाले से जुड़े लोगों की तीन दिन में तीसरी मौत है। सागर रेंज के आईजी (पुलिस) केपी खरे ने कहा है कि दहेज को लेकर अनामिका की अपने पति से अनबन चल रही थी।
राजनाथ ने किया सीबीआई जांच से इनकार
केंद्रीय गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने भी व्यापमं घोटाले की सीबीआई से
जांच कराने से इनकार कर दिया है। राजनाथ ने सोमवार दोपहर कहा कि हाईकोर्ट
और सुप्रीम कोर्ट अब तक की जांच से संतुष्ट हैं, इसलिए इस मामले की जांच
सीबीआई को देने की कोई जरूरत नहीं है। उनसे जब पूछा गया कि क्या आपने
राज्य सरकार से इस बारे में कोई बात की है, तो उनका कहना था- हमें सब पता
ही है तो बात क्या करनी। जब मध्यप्रदेश के मंत्री कैलाश विजयवर्गीय बे
बयान को लेकर उनसे पूछा गया तो बोले- विपक्ष बेकार मुद्दे को तूल दे रहा
है।
सीएम की सफाई- हर मौत को व्यापमं से जोड़ना सही नहीं
एमपी के सीएम शिवराज सिंह ने सोमवार को एक महिला ट्रेनी सब इंस्पेक्टर
द्वारा खुदकुशी किए जाने के बाद कहा कि हर मौत को व्यापमं मामले से जोड़ना
सही नहीं है। अनामिका नाम की इस महिला सब इंस्पेक्टर का सलेक्शन भी
व्यापमं के जरिए ही हुआ था।
चतुर्वेदी ने कहा, सबको एक्सपोज करूंगा
इस मामले में व्हिसल ब्लोअर और कांग्रेस नेता अशीष चतुर्वेदी
ने सोमवार को कहा कि राज्य पुलिस इस मामले की सही जांच नहीं कर सकती। आशीष
ने कहा कि वह सीएम शिवराज सिंह चौहान और इस मामले से जुड़ी मछलियों को
जरूर एक्सपोज करेंगे।
गार्ड ने कहा, आशीष की जान को खतरा
आशीष चतुर्वेदी के सुरक्षा गार्ड ने आशीष पर हमला किए जाने की आशंका जताते हुए यह सूचना अपने अफसरों को दी है। सुरक्षा गार्ड के मुताबिक कुछ लोग इस बारे में बात कर रहे थे। बता दें कि आशीष अपनी सुरक्षा को लेकर हाईकोर्ट से केंद्रीय बल की मांग कर चुके हैं।
कैलाश विजयवर्गीय की निंदा
पत्रकार अक्षय सिंह की मौत से जुड़े एक सवाल पर गैरजिम्मेदाराना बयान
देने वाले मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय की आलोचना हो रही
है। कैलाश ने एक सवाल के जवाब में कहा था, “पत्रकार-वत्रकार छोड़ो, आज
हमसे बड़ा पत्रकार है क्या?” कांग्रेस महासचिव दिग्विजय सिंह ने कैलाश के
इस बयान की निंदा करते हुए कहा कि उन्हें देश से माफी मांगना चाहिए। बाद
में कैलाश ने अपनी सफाई में कहा कि उनके बयान को गलत संदर्भ में लिया गया।
कैलाश ने कहा, अक्षय मेरे परिचित थे और उनकी मौत दुखद है। कैलाश ने कहा कि
उनके बयान को मीडिया के एक सेक्शन ने गलत तरीके से पेश किया। बता दें कि
कैलाश ने ही अक्षय की मौत का कारण हार्ट अटैक बताया था।
अमित शाह से मिले कैलाश विजयवर्गीय
अक्षय सिंह की मौत पर दिए गए बयान पर हो रही निंदा के बीच कैलाश
विजयवर्गीय ने सोमवार दोपहर दिल्ली में बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित
शाह से मुलाकात की। हालांकि दोनों के बीच क्या बातचीत हुई इसके बारे में
जानकारी नहीं मिल सकी।
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