आपका-अख्तर खान

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05 जुलाई 2015

राजस्थान सरकार में बैठे शिक्षा मंत्री के इशारे पर उर्दू सहित सभी सेकंड ग्रेड के शिक्षकों के तुगलकी आदेश झालावाड़ ज़िले की हद तक मुख्यमंत्री के निर्देशों पर खारिज कर पूर्ववत रहने के आदेश जारी किये गए है ,,,,,राजस्थान में मुख्यमंत्री वसुंधरा के खिलाफ माहोल बनाने की साज़िश के तहत योजनाबद्ध तरीके से स्टाफ पैटर्निंग के नाम पर शिक्षकों को परेशान किया जा रहा है ,,उनके पद समाप्त किये जा रहे है खासकर ,,सिंधी ,,पंजाबी ,,उर्दू के शिक्षकों के पद समाप्त किये गए है ,,,रमज़ान के माह में उर्दू का खत्म ,,उर्दू शिक्षकों को परेशान करने की घटना से राजस्थान के सभी वर्ग आहत है ,,,झालावाड़ में उर्दू शिक्षकों के पद समाप्त कर उन्हें संस्कृत पढ़ाने के लिए हास्यास्पद तरीके से लगाया गया ,,फिर संशोधन कर हिंदी पढ़ाने के लिए लगाया गया ,मुख्यमंत्री राजस्थान सरकार के लिए प्रदेश के दो हिस्से है ,,एक हिस्सा खुद का जीला झालावाड़ दूसरा हिस्सा पूरा राजस्थान ,झालावाड़ में जो तुगलकी आदेश हुए है वोह तो डंडे के ज़ोर पर वसुंधरा जी ने रद्द करवा दिए लेकिन झालावाड़ के शिक्षकों और राजस्थान के दूसरे हिस्से में रहने वाले शिक्षको की पीड़ा अलग अलग नहीं है इसलिए झालावाड़ की तर्ज़ पर पुरे राजस्थान की वरिष्ठ अध्यापकों की ट्रांसफर ,,समानीकरण ,,स्टफिंग पैटर्न की सूचि निरस्त होना ज़रूरी है ,,वरना वसुंधरा सरकार की छवि को योजनाबद्ध तरीके से बिगाड़ने वाले लोग सरकार की छवि बिगाड़ने में कामयाब हो जाएंगे ,,राजस्थान के सभी सांसद ,,सभी विधायक इस स्टफिंग पैटर्न और शिक्षा विभाग में देवनानी के फार्मूले के खिलाफ है ,,अव्यवहारिक फार्मूला है ,,,,फिर भी एक आदमी की ज़िद इस राजस्थान सरकार को ले डूबेगी ,,वसुंधरा सिंधिया के समर्थकों में मुस्लिम समाज से जुड़े कई जांबाज़ लोग भी है जो वसुंधरा के लिए जान दे भी सकते है और उनके लिए किसी की जान ले भी सकते है ,,लेकिन अगर उर्दू ,,और मुस्लिमों के साथ ऐसा ही सौतेला व्यवहार हुआ तो वोह जांबाज़ लोग अपने समाज की दुर्दशा बर्दाश्न नहीं कर पायेंगे अगर वसुंधरा के साथ रहने वालों का ज़मीर जाग गया तो फिर वसुंधरा के चहेतों की फौज में कमी आजाने के बाद उनके दुश्मन उन पर हावी हो जायेगे इसे रोकने के लिए मुख्यमंत्री के समर्थकों को वीटो का इस्तेमाल करते हेु पुरे राजस्थान में यह तुग़लकी स्टाफिंग पैटर्न को खत्म करे ,,व्यवहारिक नीति बनाये ,,विषयवार साहित्य विषयों ,,के साथ छेड़छाड़ न करे जहाँ उर्दू पढ़ने वाले विधिसम्मत परिपत्र के अनुसार बच्चे है वहां छेड़छाड़ नहीं करे ,,,,,,,,,,,,,,,,एक आदर्श शिक्षा संहिता बनाये जिसमे नफरत नहीं हो ,,,राजनीति नहीं हो ,,खाओ पियो मौज करो की नीति नहीं हो ,,लोगो को परेशान करने बदले की भावना की नियत नहीं हो ,,सिर्फ एक आदर्श राजस्थान ,,आधुनिक राजस्थान बनाने का सपना हो ,क्या मुख्यमंत्री अपनी वीटो शक्ति का उपयोग कर झालावाड़ की तर्ज़ पर राजस्थान के सभी ज़िलों के शिक्षको को राहत देकर उनके खिलाफ बगावत की साज़िश को असफल करेंगी ,,,या फिर उनके चहेते मुस्लिम समाज के जांबाज़ जंगजुओं को उनके अपने समाज में खामोश रहने के कारण उन्हें अपमानित होता हुआ देखेंगी ,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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