कोटा सहित राजस्थान के सरकारी स्कूलो से माध्यमिक और उच्च माध्यमिक स्तर पर
छात्रों की शिक्षा नियमों के तहत संख्या होने पर भी सरकार के शिक्षा विभाग
में बैठे कुछ नौसिखिये अधिकारियों द्वारा मनमानी कार्यवाही के तहत स्कूलों
से उर्दू बंद करने से आक्रोशित अल्पसंख्यक समुदाय के प्रबुद्ध लोगों ने आज
कोटा शहर क़ाज़ी के नेतृत्व में ज़रिये अतिरिक्त ज़िलाकलेक्टर मुख्यमंत्री के
नाम ज्ञापन सौंप कर कोटा सहित राजस्थान के सभी स्कूलों में उर्दू विषय
बहाल कर पूर्ववत यथावत रखने की मांग की है ,,,कोटा शहर
क़ाज़ी ने कहा के कोटा के कई स्कूलों में छात्रों की संख्या बेहिसाब है जबकि
दस छात्र छात्राओं के नामांकन होने पर भी पूर्व स्वीकृत पद को खत्म नहीं
करने का सरकारी नियम है फिर भी इस नियम को ताक़ में रखकर जहाँ सो ,,दो सो
,,तीन सो इससे भी अधिक छात्र छात्राये अध्ययनरत है वहां भी उर्दू बंद कर
अध्यापकों को गेर क़ानूनी तरीके से हटा दिया गया है ,,,कोटा शहर क़ाज़ी ने साफ़
तोर पर विनम्रता से मुस्कुराते हुए चेतावनी स्वरूप कहा के अगर सरकार इस
ज्ञापन को लेकर पन्द्राह दिवस में कोई सकारात्मक निर्णय लेकर उर्दू विषय
बहाल नहीं करती है तो हमे ऐतिहासिक रूप से बहुत बढ़ा प्रदर्शन ,,बहुत बढ़ा
आंदोलन करने पर मजबूर होना पढ़ेगा जिससे फैलने वाली अव्यवस्था के लिए सरकार
ही ज़िम्मेदार होगी ,,,,,,कोटा शहर क़ाज़ी के साथ एडवोकेट अख्तर खान अकेला
,,,प्रोफ़ेसर डॉक्टर नईम फलाही ,,,शिक्षाविद गफ्फार मिर्ज़ा ,,शफी खान
,,इमरान कुरैशी ,,रफ़ीक़ बेलियम ,,,मौलाना अलाउद्दीन अशरफी ,,,,ज़ाकिर भाई
,,,गुलशेर खान ,,अब्दुल करीम खान ,,,साजिद जावेद ,,,तबरेज़ पठान मदनी
,,,अज़ीज़ अंसारी सहित दो दर्जन से भी अधिक लोग शामिल थे ,,,अख़्तर खान अकेला
कोटा राजस्थान
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