आयकर अधिनियम की धारा 269ss व 269t में दिनाक 1जून 15 से यह संसोधन किया
गया है कि जो व्यक्ति प्रापर्टी वेचने पर 20000/-रूपया या अधिक की रकम
प्रप्त कर रहा है वह इस राशि को केवल तीन साधनों द्वारा ही ले सकेगा
1 एकाउंट पेई चेक
2 एकाउंट पेई ड्राफ्ट
3 ईसीएस
प्रापर्टी चाहे सौदा करते समय एडवांस के रूप में प्राप्त की जा रही हो या रजिस्ट्री के समय फाइनल भुगतान के रूप में प्राप्त की जा रही हो दोनों मामलो में यह प्राविधान लागू होंगे
वशर्ते यह रकम 20000 से अधिक हो
आयकर अधिनियम की धारा 271d कहती है की अगर 269ss की पालना नहीं की गई तो जितनी रकम नगद स्वरुप ली गई हो उतनी राशि पर पेनाल्टी लग जाएगी इस प्रकार प्रापर्टी के वेचने पर प्राप्त रकम 1जून15 के बाद नकद प्राप्त की जाती है तो आयकर कानून में इस रकम पर नकद राशि के बराबर पेनाल्टी लग जाएगी
1 एकाउंट पेई चेक
2 एकाउंट पेई ड्राफ्ट
3 ईसीएस
प्रापर्टी चाहे सौदा करते समय एडवांस के रूप में प्राप्त की जा रही हो या रजिस्ट्री के समय फाइनल भुगतान के रूप में प्राप्त की जा रही हो दोनों मामलो में यह प्राविधान लागू होंगे
वशर्ते यह रकम 20000 से अधिक हो
आयकर अधिनियम की धारा 271d कहती है की अगर 269ss की पालना नहीं की गई तो जितनी रकम नगद स्वरुप ली गई हो उतनी राशि पर पेनाल्टी लग जाएगी इस प्रकार प्रापर्टी के वेचने पर प्राप्त रकम 1जून15 के बाद नकद प्राप्त की जाती है तो आयकर कानून में इस रकम पर नकद राशि के बराबर पेनाल्टी लग जाएगी
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