आपका-अख्तर खान

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02 जून 2015

मिल्कियत मेरी भी बन जाती

मिल्कियत मेरी भी बन जाती . .. औरों की तरह,
युँ लूटकर अपनों को, हमें कमाना नही आता ,
दोस्तो, जैसा दिखता हूँ . . सच मे वैसा हूँ दिल से,
यूँ चेहरे पे चेहरा लगाना हमे नही आता

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