बदायूं. करीब साल भर पहले रेप के बाद सगी बहनों की लाश पेड़ पर
टांग देने की कथित घटना से बदनाम हुआ यूपी का बदायूं एक बार फिर गलत
कारणों से चर्चा में है। इस बार एक नाबालिग से गैंगरेप का मामला सामने आया
है। तीनों आरोपी भी नाबालिग बताए जाते हैं। लेकिन, पुलिस और डॉक्टर
गैंगरेप के दावे पर शक जता रहे हैं।
ऐसे उठ रहे दावे पर सवाल
लड़की की मेडिकल जांच करने वाले डॉक्टर हकीम सिंह ने सोमवार को बताया
कि पीड़िता के प्राइवेट पार्ट से बोतल का ढक्कन, माचिस, लकड़ी का टुकड़ा,
पॉलीथीन, कपड़े का टुकड़ा मिला है। ये सारी चीजें सूखी अवस्था में मिली
हैं। लगता है कि ये चीजें एक दिन पहले ही प्राइवेट पार्ट में डाली गई हो,
क्योंकि इनसे बदबू नहीं आ रही थी। अगर ज्यादा दिनों से ये चीजें अंदर
होतीं तो पीड़ित को ज्यादा परेशानी भी होनी चाहिए थी। बता दें कि लड़की
की बहन का आरोप है कि गैंगरेप 23 जून को हुआ। हालांकि, इसकी एफआईआर 28 जून
को दर्ज कराई गई।
पहले भी बन चुका है शारीकि संबंध
सोमवार को लड़की का एक्सरे और अल्ट्रासाउंड हुआ। उसके प्राइवेट पार्ट
और किडनी में सूजन है। लड़की के प्राइवेट पार्ट में जो पॉलिथीन मिली है, वह
खून से सनी है। पीड़ित की बहन का कहना है कि पुलिस केस को घुमा रही है। उसके
मुताबिक, पुलिस कह रही है कि लड़की पहले भी शारीरिक संबंध बना चुकी है।
बताया जा रहा है कि पुलिस ऐसा शुरुआती जांच (मेडिकल) के आधार पर कह रही है।
ऐसे हुई वारदात
पुलिस के मुताबिक, घटना 23 जून की है। बदायूं के सिविल लाइन थाना
क्षेत्र के आवास विकास कॉलोनी में रहने वाली लड़की चॉकलेट लेने जा रही थी।
रास्ते में उसे पड़ोस का एक लड़का मिला। उसके साथ दो दोस्त भी थे। लड़की का
आरोप है कि उन्होंने उसे जबरदस्ती अपनी बाइक पर बिठाया और उसके मुंह में
कपड़ा ठूंस दिया। बाद में तीनों आरोपी लड़की को करीब दो किलोमीटर दूर गन्ने
के खेत में ले गए। वहां उसके साथ रेप किया गया। बाद में सभी आरोपी भाग गए।
एक किसान ने लड़की को गंभीर हालत में देखा तो उसे उसके घर पहुंचाया।
बताया जाता है कि लड़की ने फेसबुक चैट करना बंद कर दिया तो लड़के ने
दो दोस्तों के साथ उसका गैंगरेप किया। राज्य के गोरखपुर जिले से भी एक
ऐसी ही घटना सामने आई है, जहां बलात्कार के बाद आरोपियों ने लड़की के
प्राइवेट पार्ट में रॉड डाल दी थी। इस घटना को तो पुलिस ने सात दिन तक दबाए
रखा (पढ़ें- इस घटना की डिटेल)।
डिप्रेशन में आई लड़की, बहन ने की मदद
पुलिस के मुताबिक, घटना के बाद लड़की डिप्रेशन में चली गई। उसने घर के
लोगों से बातचीत तक बंद कर दी। परिवार ने लड़की की हालत के बारे में लखनऊ
में रहने वाली उसकी बहन को बताया तो वह बदायूं आई। उसने बहन से बातचीत की
तो सच्चाई का पता लगा। 28 जून की रात को एफआईआर दर्ज हुई। लड़की की बहन ने
फेसबुक के जरिए आरोपियों की पहचान की। इसके बाद पुलिस ने दो आरोपियों को
अरेस्ट कर लिया है, लेकिन तीसरा अब भी फरार है।
कानून तो बदला, फिर भी 6 महीने में छूट सकता है निर्भया केस का एक दोषी
बदायूं और गोरखपुर में हुई रेप
की ये घटनाएं दिल्ली के निर्भया कांड (16 दिसंबर, 2012) की याद दिलाती
हैं। निर्भया से सारी हदें पार करने वालों को नौ महीने के अंदर ही मौत की
सजा सुना दी गई। लेकिन उन्हें अब तक फांसी नहीं हुई। वारदात के वक्त
नाबालिग होने की वजह से एक दोषी सख्त सजा से बच गया था। इसके बाद जुवेनाइल
जस्टिस कानून तो बदला, फिर भी बालिग हो चुका यह दोषी इसी साल दिसंबर में
छूट सकता है।
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