जयपुर (राजस्थान). कोटपूतली के पाथरेड़ी गांव में आजादी के बाद
पहली बार गुरुवार शाम दलित दूल्हा घोड़ी पर बैठा। दूल्हा घोड़े पर सवार
होकर पूजन करने मंदिर तक पहुंचा। इस दौरान गांव में पुलिस पहरा रहा। सुबह
से ही पुलिस की टीम गांव पहुंच गई थी और 20 से ज्यादा पुलिसकर्मी दूल्हे के
घर के आसपास डेरा जमाए बैठे रहे।
दरअसल, पिछले दिनों अंबेडकर विचार मंच समिति के पदाधिकारियों ने दलित
दूल्हे के घोड़ी पर बैठने को लेकर एसडीएम को ज्ञापन दिया था। साथ ही
सुरक्षा मुहैया कराने का आश्वासन भी मांगा था। इसके बाद एसडीएम ने किसी भी
अप्रिय घटना की आशंका के चलते सुरक्षा देने की बात कही थी। इससे पहले 2 जून
को सर्व समाज के पदाधिकारियों ने गांव का दौरा किया था।
ग्रामीणों के साथ बैठक कर शांति एवं सद्भाव बनाए रखने की प्रशासन की
पहल रंग लाई थी। ग्रामीणों ने सहर्ष दलित दूल्हे को घोड़ी पर बैठने के
दौरान किसी अप्रिय घटना नहीं होने देने का वादा भी किया था, लेकिन प्रशासन
मामले में कोई रिस्क नहीं लेना चाहता। दूल्हा अनिल रैगर पाथरेड़ी गांव
निवासी है। दुल्हन मनीषा पाथरेड़ी से 8 किलोमीटर दूर गांव जाहिदपुरा की है।
इसलिए है तनाव की आशंका
गत दिनों जयपुर के हसनपुरा गांव में दलित दूल्हे को घोड़ी पर नहीं
बैठने देने के मामले को बवाल हो गया था। एक पक्ष ने दलित दूल्हे की बरात
निकलने के समय पथराव कर दिया था। इसके बाद मामले में रिपोर्ट दर्ज होने के
बाद भी आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर अंबेडकर विचार मंच समिति के
पदाधिकारियों ने एसडीएम कार्यालय के बाहर कई दिनों तक धरना दिया था।
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