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04 जून 2015

बेटा नहीं हुआ तो दूध की बोतल में एसिड भरकर बेटियों को पिलाया, मां ने भी दी जान

घटनास्‍थल से बरामद दूध और एसिड की बोतल
घटनास्‍थल से बरामद दूध और एसिड की बोतल
राजकोट (गुजरात)। लगातार बेटी होने से परेशान एक मां ने अपनी दो बेटियों को एसिड पिला कर मार डाला और खुद भी जान दे दी। उसकी दो और बेटियां हैं। वे दोनों घर पर नहीं थी, इसलिए उनकी जान बच गई।
अमरेली जिले के छतरिया गांव में यह घटना हुई। पुलिस पूछताछ में महिला के पति ने बताया कि उनकी शादी को 9 साल हो गए थे। दो बेटियों के बाद लाभूबेन (पत्‍नी) बेटा चाहती थी, लेकिन तीसरी बार भी बेटी हुई। इसके बाद से वह और अधिक डिप्रेशन में रहने लगी थी। तीन महीने पहले चौथी बेटी का जन्म होने के बाद से वह मानसिक रूप से कमजोर हो गई थी।
दूध की बॉटल में एसिड भरकर पिला दिया:
घटनास्थल से दूध की बॉटल मिली है, जिसमें एसिड भरा था। लाभूबेन ने दूध की बोतल में एसिड भरकर पहले दोनों बेटियों को पिलाया और इसके बाद खुद भी एसिड पी लिया। दोनों बेटियों की तुरंत मौत हो गई, जबकि महिला को गंभीर हालत में अस्पताल में भर्ती कराया गया। इलाज के दौरान महिला ने भी दम तोड़ दिया।
वह बुधवार सुबह ही तीन महीने मायके में रहकर लौटी थी। शाम को जब उसने सात साल और तीन माह की बेटियों को एसिड पिलाया तब उसका पति काम पर गया था। अन्य दो बेटियां दादा के साथ होने के चलते बच गईं।
बेटों की चाहत में हर दिन मारी जा रही हैं 2000 बेटियां
देशभर में बेटों की चाहत में हर दिन 2000 बेटियां मारी जा रही हैं। या तो उन्हें गर्भ में ही मार दिया जाता है या फिर जन्म लेने के कुछ महीनों के अंदर। इन अंाकड़ों का खुलासा खुद महिला बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने अप्रैल में किया था।
सेक्स रेशो में देश के औसत से पीछे है गुजरात
गुजरात में सेक्स रेशो
देश में सेक्स रेशो
ओवरऑल
1000 लड़कों पर 919 लड़कियां
1000 लड़कों पर 943 लड़कियां
6 साल तक के बच्चे
1000 : 886
1000 : 914
अमरेली में 20 साल में घट रहा है सेक्स रेशो
1991
2001
2011
1000 लड़कों पर 924 लड़कियां
1000 : 894
1000 : 879
गुजरात की तर्ज पर ही मोदी ने शुरू की थी बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जब गुजरात के मुख्यमंत्री थे, तब उन्होंने 2005 में बेटी बचाओ योजना को लागू किया था। इसी योजना की तर्ज पर मोदी ने इसी साल जनवरी में पानीपत से बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ योजना शुरू की थी।

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