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02 जून 2015

हम कल कृष्ण जन्म भूमि के द्वार मथुरा यात्रा पर थे

दोस्तों हम कल कृष्ण जन्म भूमि के द्वार मथुरा यात्रा पर थे ,,बहाना बिटिया की एम्स प्री मेडिकल टेस्ट का था ,,वहां कोटा कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक डॉक्टर प्रताप सिंह भी मौजूद थे ,,गोपाल एडवोकेट भी अपनी बिटिया के साथ थे ,,,हमने पहले ही मथुरा के सभी दर्शनीय स्थलों को तलाशने ओर खंगालने की तैयारी कर ली थी ,,मथुरा में उद्योगपतियों की पांच सितारा धर्मशालाएं चर्चा का विषय थी जहाँ अस्सी जी की धारा में टैक्स की छूट लेकर इन्हे बनाया गया है ट्रस्ट के ज़रिये इनका रखरखाव है लेकिन गरीबों और मध्य्मवर्गीयों के लिए यहां नो एन्ट्री है ,,कुछ मंदिर है जो है तो भगवान के लेकिन उनकी पहचान उद्योगपतियों के नाम से है जिसमे बिरला मंदिर के नाम की ज़्यादा चर्चा है ,,बात सही है जयपुर हो मथुरा हो या फिर कहीं भी हो उद्योगपति बिरला ने मंदिर तो भगवान की मूर्ति स्थापित कर बनवाया है लेकिन वहां मंदिर की प्रसिद्धि भगवान के नाम से नहीं बिरला जी के नाम से है देश में मथुरा ,,वृन्दावन ,,जयपुर या फिर कहीं भी श्रद्धालु मंदिर का नाम भगवान के नाम की जगह उद्योगपति के नाम से रखकर उसकी पहचान बताकर कैसे बर्दाश्त करते है समझ में नहीं आता ,,भगवान उद्योगपतियों का मोहताज नहीं ,,उद्योगपति भगवान से बढ़कर नहीं फिर भी यह घोर अपमान इस देश में उद्योगपतियों के टैक्स बचाओ अभियान के तहत काले धन को सफेद करने के नाम पर हो रहा है ,,,खेर पुजारी से सवाल किया के मंदिर की पहचान बिरला जी के नाम से क्यों भगवान के नाम से क्यों नहीं है ,,पुजारी जी खामोश उनका जवाब था साहब यह तो मंदिर प्रबंधन समिति वाले जाने में क्या बताऊँ ,,,हम आगे कृष्ण जन्मभूमि और मस्ज्दि स्थल की तरफ गए ,,,,ताज्जुब हुआ वहां भगवान का मंदिर कड़ी सुरक्षा के घेरे में था मोबाइल कैमरा सभी नो एन्ट्री ,बाहर कूपन देकर अपने किराए पर सामान जमा कराने की व्यवस्था थी ,,मुख्य द्वार पर पुलिस का कडा पहरा ,,,पुरे बदन और जेबों की मेटल डिटेक्टर और फिर हाथों से तलाशी ,,कुत्ते अलबत्ता बिना तलाशी के प्रवेश कर रहे थे लेकिन इंसानो को बिना तलाशी प्रवेश नहीं था ,,,अंदर जूते चप्पल रखवाने का मुफ्त इंतिज़ाम ,,सभी नंगे पैर लेकिन पुलिस के जवान आधुनिक हथियारों के साथ जूतों के साथ मंदिर परिसर में मुस्तैद ,,कुछ उंघः रहे थे तो कुछ मोबाइल पर बतिया रहे थे ,,,,कृष्ण जन्मभूमि को सजाया संवारा गया पास की मस्जिद जो अलग थलग है उसकी बाउडंरी मज़बूत किलेबंदी के साथ हो रही थी मस्ज्दि के मीनारों के साथ भगवान कृष्ण की जन्मस्थली का यूँ तो ऐतिहासिक क़ौमी एकता के संगम का खूबसूरत नज़ारा है लेकिन हमारे देश में सुकून छीनने वालों की शरारत के सभी शिकार है ,,उन्हें विश्व भर में देश की यह अनोखी क़ौमी की एकता के संगम की पहचान मंज़ूर नहीं बस इसीलिए भगवान को अल्लाह के घर को शरारती तत्वों के डर से कड़ी सुरक्षा के घेरे में रखना पढ़ रहा है ,,अंदर एक खूबसूरत गुफा जहां टिकिट के साथ प्रवेश है ,,मंदिर के द्वार भगतों की सहूलियत से नहीं खुलते ,,मंदिर समिति के प्रबंधकों की मर्ज़ी से बनाये गए नियम से खोलने का टाइम तय किया हुआ ,,कई भक्त जो मंदिर में प्रवेश कर भगवान के दर्शन करना चाहते है वोह उनकी ट्रेन का वक़्त होने की वजह से भगवान के दर्शन का समय तय किये जाने के कारण वंचित रह जाते है ,,मथुरा में हमारे सोशल मिडिया दोस्त भाई नरेदंर एम चतुर्वेदी पत्रकार साहब की धूम थी हिंदी पत्रकारिता दिवस के अवसर पर भाई नरेंद्र जी ने देश के सभी प्रमुख पत्रकार ,,देश के सोशल मिडिया एक्टिविस्टों को इकठ्ठा कर एक सेमिनार रखी थी ,,सेमिनार कामयाब थी ,रचनात्मक बिंदु खंगाले गए ,,,,,अखबारों में खबर तो कम थी लेकिन सोशल मिडिया में छाये हुए थे भाई नरेदंर एम चतुर्वेदी ,,भाई नरेंद्र ने होटल में पहले से ही कमरे का इंतिज़ाम करा था ,,,समय की व्यस्तता के कारण और ट्रेन के छूट जाने के डर से भाई नरेदंर से टेलीफोनिक तो बात चीत हुई लेकिन उनसे रूबरू मुलाक़ात नहीं होने का सदमा रहा ,,उनकी मुलाक़ात उधार रही ,,तो दोस्तों श्री कृष्ण जन्म भूमि की लीला नगरी के तेवर ही कुछ तीखे तीखे से है वहां का पानी मीठा ,,,लोग मीठे ,,,,खाने में ताज़गी और स्वादिष्टता लेकिन भगवान और अल्लाह का विवाद कुछ अजीब सा है जिसने दुनिया को बनाने वाले अल्लाह भगवान को पुलिस के घेरे में ,,आधुनिक हथियारों के साये में क़ैद करने पर मजबूर किया इंसान को भक्तों को कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के तहत तलाशी के दौर से गुजरना ,,,, भक्तों को दर्शन के लिए मन मर्ज़ी दर्शन का वक़्त मुक़र्रर होने से घंटो इन्तिज़ार करना मुझे तो अजीब लगा लेकिन भक्त तो भक्त है वोह हर तरह से इसे स्वीकार करते है ,,दर्शन का इन्तिज़ार करते है ,,,,,,,,,,,,,कहते है हर मसलेहत का भेद खुदा,, अल्लाह ,,,भगवान,, जो लगभग एक ही हैं ,,,जानता है ,,पता नहीं इस तरह के निज़ाम में जहाँ मंदिर भगवान के नाम के स्थान पर उद्योगपति के नाम से पहचाने जाते हो ,,भगवान जो पूरी दुनिया के रक्षक है वोह खुद उनके भक्तो और पुलिस की सुरक्षा के घेरे में रहते हो ,,अल्लाह जो खुद दुनिया का मालिक है उसका घर पुलिस के घेरे में हो इसके पीछे अल्लाह भगवान की क्या मसलेहत क्या मर्ज़ी है क्या राज़ इसमें छुपा है यह तो वही बेहतर जानता है ,,लेकिन बस में तो एक बात समझा अल्लाह ,,भगवान एक है उनकी भक्ति का तरीका पूजा का तरीका अलग हो सकता है और यह अदृश्य शक्ति सिर्फ और सिर्फ एकता ,प्यार ,,विनम्रता ,,,,,भाईचारा ,,सद्भावना चाहते है और इसीलिए जहाँ जिस कृष्णजन्मस्थलि पर उन्हें क़ैद करके रखा था आज भी वोह पुलिस सुरक्षा में क़ैद है शायद एक संदेश हो के अब तो सुधर जाओ यूँ ही बेवजह झगड़ने वालों ,,,,एक हो जाओ देश के खातिर ,,अल्लाह भगवान के खातिर जो तुम्हारे खातिर ,,तुम्हारे लिए खुद को ज़ंजीरों से मुक्त होकर भी दुनिया का पालन हार होकर भी पुलिस के संगीन पहरे में क़ैद किये हुए है ,,सिर्फ आपके एक संदेश भाईचारा सद्भावना के खातिर और आप हम यह इशारा समझकर भी एक नहीं हो रहे है ,,नफरत के खेल में लगे है सो प्लीज़ मान जाइये कुछ गलतिया हमारी है ,,कुछ गलतिया तुम्हारी है आओ मिले बैठे इन्हे सुधारे एक दूसरे से गले लगे ,,गले मिले ,,इस देश की संस्कृति ,,इस देश की ताक़त को विश्व पर राज करने वाली बनाये ,,मज़बूत बनाये हम एक और नेक बने मिली जुली संस्कृति तुम्हारा धर्म तुम्हे मुबारक ,,मेरा धर्म मुझे मुबारक लेकिन सभी धर्मो की एक सीख अमन ,,चेन ,,सुकून ,,भाईचारा ,,सद्भावना ,,राष्ट्रभक्ति के इस पैगाम को मिलजुलकर आगे बढ़ाये ,,,मेरे इस हिन्दुस्तान को मेरे इस भारत को फिर से महान बनाये ,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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