नई दिल्ली. प्रियंका वाड्रा ने लंदन में पूर्व आईपीएल कमिश्नर
ललित मोदी से हुई मुलाकात के दावे को खारिज कर दिया है। प्रियंका के दफ्तर
से शुक्रवार शाम जारी किए गए एक बयान में कहा गया कि लंदन में उन्होंने
ललित मोदी से कोई मुलाकात नहीं की थी। ललित मोदी ने ट्विटर पर दावा किया था
कि वह प्रियंका और उनके पति रॉबर्ट वाड्रा से लंदन के एक रेस्तरां में
मिले थे। इस बीच, बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह प्रधानमंत्री से
मिलने शुक्रवार शाम को उनके आवास पर पहुंचे। शुक्रवार को दिन में पीएम ने
वित्त मंत्री अरुण जेटली और अमित शाह से मुलाकात की थी।
ललित मोदी के इस खुलासे के बाद कुछ दिनों पहले बैकफुट पर नजर आ रही
बीजेपी अचानक कांग्रेस के खिलाफ आक्रामक हो उठी थी। बीजेपी अपनी दो
नेताओं-सुषमा स्वाराज और वसुंधरा राजे के भगोड़े ललित मोदी की मदद के मामले
में कांग्रेस के हमले झेल रही है।
क्या है ललित मोदी का दावा?
ललित मोदी ने अपने ट्वीट में लिखा, 'गांधी (वाड्रा) दंपती टिमी सरना
के साथ था, जो डीएलएफ ब्रैंड्स लिमिटेड से जुड़े हैं। वे मुझे फोन कर सकते
हैं। मैं उन्हें बताऊंगा कि उनके लिए वास्तव में मैं क्या महसूस करता हूं।
बिना किसी लाग-लपेट के बताऊंगा, कोई समझौता नहीं करूंगा...।' उन्होंने
लिखा, 'यदि मुझे ठीक से याद है तो यह मुलाकात पिछले साल और उससे एक साल
पहले हुई थी। संदेह है कि इस बारे में किसी को बताया गया हो। तब वे सत्ता
में थे। लंदन में गांधी परिवार से मिलकर अच्छा लगा। एक रेस्तरां में रॉबर्ट
वाड्रा और प्रियंका से अलग-अलग मुलाकात की।'
बीजेपी ने मांगा था मुलाकात पर स्पष्टीकरण
ललित मोदी का यह ट्वीट सामने आने के बाद बीजेपी ने कांग्रेस के खिलाफ
हमलावर तेवर अख्तियार करते हुए कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी से इस
मुलाकात पर स्पष्टीकरण मांगा था। कांग्रेस पर बीजेपी के इस हमले को उसके
जवाब के रूप में देखा जा रहा था जिसमें कांग्रेस ललित मोदी की मदद को लेकर
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और राजस्थान की मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे से
इस्तीफा मांग रही है। लेकिन प्रियंका वाड्रा के इस मुलाकात से इनकार करने
से बीजेपी एक बार फिर बैकफुट पर आती लग रही है।
राजस्थान बीजेपी ने किया वसुंधरा का बचाव राजस्थान बीजेपी ने शुक्रवार को मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे का जोरदार बचाव किया। प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री राजेंद्र राठौड़ ने कहा, 'ललित मोदी की मदद के आरोप में जिस दस्तावेज को दिखाया जा रहा है, वह किसी कोर्ट में पेश करने के लिए नहीं था। वसुंधरा राजे के दस्तखत वाला दस्तावेज न तो हलफनामा था और न ही गवाह का बयान। अगर ललित मोदी से रिश्ते की बुनियाद पर लोगों को कठघरे में खड़ा किया जाएगा तो यूपीए के शासनकाल में प्रियंका और रॉबर्ट वाड्रा ने भी ललित मोदी से मुलाकात की थी।
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