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27 जून 2015

नमाज का तरीका


नियत :-
नियत की मैने दो रकात नमाज सुन्नत वकत फजर का खास वास्ते अल्लाह ताला के लिए मुह मेरा काबा शरीफ कि तरफ
अल्लाहु अकबर ।
सना :-
सुबहाना कल्ला हुम्मा वाबैहमदेका वा ताबारा कसमोका वा तआला जददो का वा लाईलाह गैरूका ।
आऊजु बिल्लाहि मिनश शेतानिर्रजीम ।
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
अलहमदु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन, अर्रहमानिर्रहीम मालिकी यवमिद्दीन, इय्याका नअबुदू वइय्याका नसताइन, इहदि नस्सिरातल मुस्तकीम, सिरातल लजीना अन अमता अलेयहिम गयरिल मगदुबि अलयहिम वलदद्वाल्लीन । (आमीन)
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
कुल याअय्युहल काफिरुना लाआबुदूमातअबुदून, वला अन्तुम आबिदुना माआबुद, वला आना आबिदुम मा आबत्तुम, वला अन्तुम आबिदुना मा आबुद लकूम दीनुकूम वलियदिन.
( अल्लाहु अक्बर )
सुब्हाना रब्बीयल अजिम ।→3,5,7
समिअल्लाहु लिमन हमिदह ।
रब्बाना लक्लहम्द ।
( अल्लाहु अक्बर.... )
सुब्हाना रब्बीयल आला ।→3,5,7
( अल्लाहु अक्बर )2
सुब्हाना रब्बीयल आला ।→3,5,7
( अल्लाहु अक्बर ....)
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
अलहमदु लिल्लाहि रब्बिल आलमीन, अर्रहमानिर्रहीम, मालिकि यवमिद्दीन, इय्याका नअबुदु वइय्याका नसताइन, इहदि नस्सिरातल मुस्तकीम, सिरातल लजीना अन अमता अलैयहिम गयरिल मगदुबि अलयहिम वलदद्वाल्लीन, (आमीन)
बिस्मिल्लाहिर्रहमानिर्रहीम
कुलहुवल्लाहु अहद, अल्लाहुस्समद, लमयलिद वलम युलद, वलम यकुललहु कुफूवन अहद, ।
( अल्लाहु अक्बर )
सुब्हाना रब्बीयल अजिम ।→3,5,7
समिअल्लाहु लिमन हमिदह ।
रब्बाना लक्ल हमद ।
(अल्लाहु अक्बर....)
सुब्हाना रब्बीयल आला ।→3,5,7
( अल्लाहु अक्बर ) 2
सुब्हाना रब्बीयल आला ।→3,5,7
( अल्लाहु अक्बर )
अत्तहीयातु लिल्लाहि वस्सलावातु वत्तय्यिबातु अस्सलामु अलैका अय्युहन नबीयु वा रहमतुल्लाहि वा बरकातुहू अस्सलामु अलैना वा अला ऐबादिल्लाहिस्सालिहीन अश्हदु अल्लाइलाहा इल्लल्लाहु वा अश्हदु अन्ना मुहम्मदन अब्दुहू वा रसूलुहू ।
अल्लाहुम्मा सल्लिअला मुहम्मदिव वा आला आलि मुहम्मदिन कमासल्लैता आला इब्राहीमा वा आला आलि इब्राहीमा इन्नाका हमीदुम मजीद,
अल्लाहुम्मा बारिक आला मुहम्मदिव वा आला आलि मुहम्मदिन कमाबारकता आला इब्राहीमा वा आला आलि इब्राहीमा इन्नाका हमीदुम मजीद, ।
अल्लाहुम्मा रब्बाना आतैयना फिददुनिया हसनतव वा फिल आखेरते बसनतव वाकीना अजाबन्नार,
अस्सलामु अलैकुम वा रहमतुल्ला ।→
अस्सलामु अलैकुम वा रहमतुल्ला ।←
सुब्हान अल्लाह →33
अल्हमदु लिल्लाह →33
अल्लाहु अक्बर →34
लाइलाहा इल्लल्लाहु मुहम्मदर रसुलूल्लाह ।

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