आपका-अख्तर खान

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17 जून 2015

हमारा हिन्दुस्तान ,,हमारा भारत ,,हमारा गौरव ,,हमारा भारत महान है ,,,,,,,,,

यह ना मेरा है ना तेरा है ,,यह न हिन्दू का है मुसलमान का ना सिक्ख का है न ईसाई का ,,यह ना अमीरों का है ना गरीबों का यह ना मोलवी का है ना पंडित का यह हमारा है ,,हमारा हिन्दुस्तान ,,हमारा भारत ,,हमारा गौरव ,,हमारा भारत महान है ,,,,,,,,,,,,,कुछ लोग है जो चाणक्य नीति के तहत सत्ता की नाकामयाबियों और सत्ता में आने के पहले किये गए चुनावी जुमलों से जनता का ध्यान हठाने के लिए देश की जनता ,,देश के लोकतंत्र के प्रहरियों की सुच ,,उनका रुख ,,उनकी बहस के मुद्दे देश और देश के विकास ,,देश के चुनावी वायदों की क्रियान्विति से भटकाना चाहते है ,,,,,सत्ता पक्ष के वायदे वफ़ा की निगरानी करने वाली जनता को भटकाने के लिए एक बढ़ी मार्केटिंग चलाई जा रही है ,,,चाणक्य का यही सिद्धांत था सुकून से अगर शासन चलाना है तो जनता को मुद्दो की बहस में उलझाये रखो ,,चाणक्य का मानना था के अगर देश की जनता आधार कार्ड ,,बी पी एल ,,ज़ात पात धर्म ,,अमीरी गरीबी ,,बेईमानी ईमानदारी ,,इलाज ,,महंगाई ,,सरकार की टैक्स वसूली जैसे मुद्दो ने नहीं उलझेगी तो फिर यक़ीनन जनता सीधे सरकार से सवाल करेगी और जनता सरकार का तख्ता भी पलट देगी ,,,पहले साम्प्रदायिकता ,,,,फिर हिन्दू मुस्लिम ,,फिर लव जेहाद के मुद्दो से देश और देश की जनता को भटकाया गया अब जब अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इन मुद्दो को सिरे से ख़ारिज कर फटकार लगाई गई तो मेगी ,,नूडल्स और अब योगा सूर्यनमस्कार जैसे मुद्दो को उजागर कर एक नई बहस इस देश में छेड़ कर जनता को भटकाया गया है ,,,देश की भोली भाली जनता जो भूखी है ,,नंगी है समस्या से त्रस्त है वोह अपनी रोटी कपड़ा मकान की प्राथमिकताएं छोड़ कर अब देखिये योगा ,,सूर्यनमस्कार पर बहस कर रही है सोशल मीडिया ,,इलेक्ट्रॉनिक मिडिया ,,प्रिंट मीडया ,,चौपाल मिडिया ,,,,,जो भी हो सभी देश के सभी मुख्य मुद्दो से भटक कर योग में उलझ गए है ,,कालाधन कब आएगा ,,पाकिस्तान से हमारे सेनिको की मोत का बदला कब लिया जाएगा ,,,कश्मीर समस्या मुक्त कब होगा ,,पेट्रोल के दाम कैसे कम हो पाएंगे ,,,गरीबी , भुखमरी ,,कालाबाज़ारी ,,कैसे नियंत्रित हो भ्रष्टाचार से कैसे नजात पायी जाए ,,राम मंदिर निर्माण के मार्ग कैसे प्रशस्त हो ,,कॉमन सिविल कोड आरक्षण खत्म कर कैसे लागू किया जाए वगेरा वगेरा ऐसे मुद्दे है जो बाबा रामदेव और उनकी समर्थित सरकार से कोई सवाल पूंछने वाला नहीं बचा है सब उलझे है योग सूर्य नमस्कार में नमाज़ में अरदास में ,,,,,,,,,,,,,दोस्तों योग विश्व में सदियों की धरोहर है ,,,भारत विश्व का योग गुरु कहलाता है ,,यहां आदि काल से साधु संत सभी योग करते आये है ,,,नमाज़ एक विशिष्ठ प्रार्थना के साथ किया जाने वाला दिमागी ,,शारीरिक ,,योग प्रक्रिया है ,,,अरदास हो चाहे ढोंग हो ,,चाहे पूजा पद्धति सभी योग है ,,भारत धर्मो का देश है ,,एक आदर्श देश है यहां हिन्दू भाई योग करते है ,,सूर्यनमस्कार करते है ,,ढोंग देते है चरण स्पर्श कर झुकते है तो मुस्लिम भाई देश की सर ज़मीन पर माथा टेक कर अपनी नमाज़ पढ़ते है एक विशिष्ठ प्रकिया ,,निश्चित समयावधि में सुबह ,,दोपहर और शाम कुल पांच बार अलग अलग समय में अधिक और कम मात्रा में इबादत के साथ योग होता है ,,,योग ,,व्यायाम का कोई मज़हब नहीं होता यह तो बस शारीरिक स्वास्थ को मेंटेन रखने की एक कला है ,,,आज योग को सियासी लोगों ने ,,सियासत में झूंठे वायदे कर जनता को बरगला कर सत्ता हांसिल करने वाले लोग अपने गिरेहबान तक जनता का हाथ ना पहुंचे इसे बचने के लिए देश को भर्मित कर रहे है ,,योग नमाज़ सूर्यनमस्कार में देश को उलझा रहे है ,,सभी जानते है वेद ,,,सनातन ,,इस्लाम अलग अलग है लेकिन इनकी जीवन शैली एक है ,,सभी जानते है गीता जीने का ईश्वरीय वाणी से मिला ज्ञान है जबकि क़ुरान भी ईश्वर अल्लाह द्वारा भेजा गया ज्ञान है ,,इसीलिए भगवत गीता के श्लोक ,,क़ुरान मजीद की आयतें अस्सी फीसदी हु बहु जीवन शैली के सम्बन्ध में एक जैसी है ,,, सभी जानते है ,,बीमार ,,,विधवा ,,पीड़िता ,,गरीब ,,,,घायल ,,,मुसाफिर ,, मज़लूम ,का कोई धर्म नहीं होता यह भी सभी जानते है के अत्याचारी ,,अनाचारी का कोई धर्म नहीं होता राक्षस ,,रावण ,,,,दुर्योधन ,,,,कंस ,,,,,फिरोंन ,,यज़ीद ,,,सभी धर्म मज़हब में है जिसकी सभी मज़म्मत करते है ,,अच्छाई सीखते है बुराई से नफरत करते है ,,,हमारे देश में अगर हिन्दू उनका धर्म भगवत गीता ,,,वेद पढ़ ले ,,मुसलमान अगर क़ुरआन मजीद तर्जुमे से पढ़ ले ,,,बाइबिल अगर क्रिश्चियन समझ ले ,,गुरुवाणी अगर सिक्ख समझ ले तो यक़ीनन यह देश फिर से सोने की धिडिया ,,स्वर्ग हो जाएगा ,,,इस देश के साधू ,,संत ,,पाखंडी ,,तंत्र मंत्र विधा से जुड़े लोग ,,मोलवी ,,मुफ्ती ,,क़ाज़ी ,,अगर अपना मज़हब सुधार ले अपना कर्तव्य निभा ले ,,सियासी लोग ईमानदारी से काम करने लगे तो फिर इस देश की तस्वीर पुरे विश्व की लीडर शिप की होगी ,,लेकिन अँगरेज़ चले गए औलादें छोड़ गए फुट डालो राज करो के सिद्धांत वाले ऐसा ही इस देश के साथ बलात्कार कर रहे है ,,,,,,,,,,,,,,कटु सत्य है के ईश्वर ,,भगवान ,,खुदा ,,अल्लाह ने ही स्रष्टी का निर्माण किया है ,,ज़मीन आसमान ,,सूरज ,,चाँद ,,सितारे सभी तो खुदा ने बनाये है तो बताइये जिसने चाँद सूरज दुनिया बनाई ,,दुनिया ,,चाँद सूरज जिसके हुक्म के मोहताज है हम उसे छोड़कर उसके बनाये हुए उसके इशारो नाचने वाले सूरज ,,,,चाँद को तरजीह देकर क्या अपने धर्म को अपमानित नहीं कर रहे है क्या ईश्वर ,,अल्लाह ,,खुदा ,,भगवान ने जिसे अपने इशारो से चलाया ,,जिसे खुद बनाया उसकी अगर हम गुलामी करेंगे तो क्या यह ईश्वर भक्ति ,,खुदा की इबादत से भटकाव नहीं होगा ,,,प्लीज़ बताइये ज़रूर ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान

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