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● " ए बन्दे कभी रात को तेरी
आँख खुले? और तू सो जाए
तो तूने मुझसे बेवफाई की।
और
अगर तेरी आँख खुले और तुने
वजू बनाया और मेरी इबादत
की और मुझसे कुछ माँगा ओर
मेने कुबूल न किया तो मेने
तुझसे बेवाई की।
ओर में एस हरगीज नहीं
करता। "●
~ सुरह मुल्क
● " ए बन्दे कभी रात को तेरी
आँख खुले? और तू सो जाए
तो तूने मुझसे बेवफाई की।
और
अगर तेरी आँख खुले और तुने
वजू बनाया और मेरी इबादत
की और मुझसे कुछ माँगा ओर
मेने कुबूल न किया तो मेने
तुझसे बेवाई की।
ओर में एस हरगीज नहीं
करता। "●
~ सुरह मुल्क
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