राजीव चतुर्वेदी सोशल मिडिया पर तहलका के नाम से अपनी पहचान रखते है ,,इनके
अल्फ़ाज़ों को पढ़ने के लिए इनके मित्र इन्तिज़ार करते है ,,,एक कट्टर
राष्ट्रभक्त की सोच जिसमे ना हिन्दू है न मुसलमान सिर्फ भारतीयता शामिल
रहती है बस इसी विचारधारा को आगे बढ़ते हुए यत्र तत्र बिखरे पढ़े अल्फ़ाज़ों को
राजीव चतुर्वेदी सहज संवार कर जब परोसते है तो सभी के मुंह से बेसाख्ता
वाह निकल पढ़ती है ,,इनकी लेखनी में मनोविज्ञान होता है ,,,,,राष्ट्रभक्ति
होती है ,,वर्तमान हालातो और साम्प्रदायिक तनाव के लिए ज़िम्मेदार लोगों के
खिलाफ गुस्सा होता है ,,,सिस्टम के खिलाफ इनकी लेखनी में आक्रामक रूख होता
है ,,लिखने का अंदाज़ ऐसा सहज ,,ऐसा सरल के जो शख्स इनकी लेखनी पढ़ता है बस
नज़र से गुज़र कर दिल में जाकर चोट होती है और दिल वाह वाह चीखने को मजबूर हो
जाता है ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,राजीव चतुर्वेदी यूँ तो लखनऊ में आधारशिला
गुरुप के चेयरमेन की हैसियत से प्रमुख व्यवसायी की पहचान रखते है
,,,,,राजीव चतुर्वेदी द्वारा कई उत्पाद ,,,ट्रांसपोर्टेशन से लेकर एक दर्जन
से भी अधिक कारोबार है ,,कारोबार की व्यस्तताओं के बावजूद भी ,,वर्तमान
ज्वलंत मुद्दो पर शोधपूर्ण चिंतन ,,मंथन के बाद इनका लेखन जो कभी कविता के
रूप में सारगर्भित विचार होते है तो कभी लेख ,,आलेख के रूप में आग उगलते
नज़र आते है ,,,प्रमुख रूप से पत्रकार राजीव चतुर्वेदी चाहे व्यवसाय के
सिलसिले में कितने ही व्यस्त क्यों न हो लेकिन ,,लेखन खासकर पत्रकारिता
वोह भी काव्य अंदाज़ की पत्रकारिता इनकी विशिष्ठ पहचान बन गयी है ,,,राजैव
चतुर्वेदी देश के विभिन मुद्दो पर तो लिखते रहे है लेकिन अंतर्राष्ट्रीय
स्तर पर प्रमुख देशो में भी इनका पत्रकारिता का अनुभव रहा है ,,,,,इसीलिए
राजैव चतुर्वेदी को अगर अंतर्राष्ट्रीय काव्य पत्रकार से सम्बोधित किया जाए
तो अतिश्योक्ति नहीं होगी ,,,,,,,,,,,,,,,,,राजीव चतुर्वेदी लिखते है तो
लिखते रहते है ,,मुद्दो को पकड़ कर उनमे सुधार करने के मक़सद से लेखन की
इनकी ज़िद ,,इनकी निर्भीकता समाज में बदलाव की भूमिका भी निभाता है
,,,विभिन्न मुद्दो पर लगभग पचास हज़ार से भी अधिक लेख ,,आलेख ,,कविताये भाई
राजीव चतुर्वेदी ने लिखकर लेखन क्षेत्र में विशिष्ठ इतिहास रचकर प्रमुख
स्थान हांसिल किया है ,,,,,,,,,,,राजीव चतुर्वेदी फ्रंटलाइन ,,इण्डिया टू
डे ,,द वीक ,,हिन्दू ,,स्टेट्समैन ,,पायोनियर ,,दैनिक जागरण ,,भास्कर
,,पत्रिका ,,नयी दुनिया ,,अमर उजाला ,,,जनसत्ता ,,,ट्रिब्यून सहित ऐसी कोई
मेगज़ीन ऐसा कोई समाचार पत्र नहीं जिसमे इनके विचार ,,इनका दर्शन प्रकाशित
नहीं हुआ हो ,,,,,,,,,,, उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में रहकर राष्ट्रीय
और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर समस्याओ का पोस्टमार्टम कर उन पर चिंतन मंथन
करने वाले राष्ट्रवादी लेखक राजीव चतुर्वेदी पर कई बार एक तरफा लेखन
,,मज़हबी विचारधाराओं को भड़काने का इलज़ाम भी लगता रहा है ,,लेकिन कई बार
राजीव चतुर्वेदी के दर्शन में सुधार भी हुआ है ,,उनके हर अलफ़ाज़ में
राष्ट्रीय चिंतन ,,राष्ट्र भक्ति ,,,,वीर रस भरा है ,,,,,राजीव चतुर्वेदी
सोशल मडिया पर माहिर लेखक ,,अतुकांत कवि के रूप में मास्टर की पहचान बना
चुके है ,,,,,,,,,इनकी सोच में कटटर राष्ट्रभक्ति है ,,राजीव चतुर्वेदी देश
के लोगों को जगाकर वर्तमान गुलाम मानसिकता से आज़ाद कराने के लिए प्रयासरत
है ,,,,,राजीव चतुर्वेदी जो विख्यात लेखक है ,,विख्यात कवि है ,,अल्फ़ाज़ों
को अपने विचारो में सरलता से बांधकर खूबसूरत अंदाज़ में परोसने का हुनर
रखते है ,,,,,,इनकी इस विधा ,,इनके इस विधार ,,इनके इस दर्शन ,,इनके इस
अंदाज़ को सलाम ,,आदाब ,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा
राजस्थान
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