नई दिल्ली. बीजेपी के वरिष्ठ नेता और वाजपेयी सरकार में
वित्तमंत्री रह चुके यशवंत सिन्हा ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर निशाना
साधा है। बीजेपी में वरिष्ठ नेताओं की अनदेखी किए जाने से नाराज सिन्हा ने
सख्त टिप्पणी करते हुए कहा कि 26 मई 2014 को केंद्र में मोदी सरकार बनने के
बाद बीजेपी में 75 साल से ऊपर के सभी लोगों को ब्रेन डेड घोषित कर दिया
गया है। यशवंत सिन्हा वर्तमान वित्त राज्य मंत्री और बीजेपी सांसद जयंत
सिन्हा के पिता हैं। बता दें कि हाल ही में बीजेपी के सीनियर नेता लालकृष्ण
आडवाणी ने भी देश में आपातकाल फिर से लागू होने की आशंका जाहिर की थी। कुछ
ही दिन पहले वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी ने भी मोदी सरकार के 'नमामि
गंगे' प्रोजेक्ट पर सवाल उठाए थे। मोदी और अमित शाह पर बीते कुछ वक्त से
बीजेपी के सीनियर नेताओं की अनदेखी के आरोप लगते रहे हैं।
'मेक इन इंडिया' पर पीएम को नसीहत
सिन्हा ने ताजा बयान मंगलवार को एक आद्यौगिक संगठन के कार्यक्रम में
दिया। कार्यक्रम में शामिल हुए यशवंत सिन्हा 'नरेंद्र मोदी और मनमोहन सिंह
के बीच क्या अंतर है' इस विषय पर बोल रहे थे। इस बयान में सिन्हा ने खुद को
भी बीजेपी के ब्रेन डेड लोगों में शामिल बताया।कार्यक्रम को संबोधित करते
हुए सिन्हा ने मोदी के 'मेक इन इंडिया' पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा कि
मोदी को पहले 'मेक इन इंडिया फर्स्ट' भारत बनाना चाहिए, बाकी सब इसके बाद
हो जाएगा। पीएम मोदी को नसीहत देते हुए पूर्व वित्तमंत्री ने कहा कि मेक इन
इंडिया बनाने के लिए पहले सरकार को हेवी इक्वीमेंट्स पर ड्यूटी घटानी
चाहिए,ताकि हाईवे, सड़क और बिल्डिंग निर्माण में तेजी आए। उन्होंने कहा कि
हाईवे देश की अर्थव्यवस्था को आगे बढ़ाने में बड़ी भूमिका निभाते हैं, ऐसा
करने से ही मेक इन इंडिया का मतलब साकार हो सकेगा। सिन्हा ने बीजेपी के
सीनियर लीडर लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी का जिक्र भी किया।
उन्होंने कहा कि 80 की उम्र के ये नेता अब पार्टी के मार्गदर्शक मंडल में
भेज दिए गए हैं। अब वे सिर्फ पार्टी के मेंटर भर रह गए हैं।
शत्रुघन सिन्हा भी उठा चुके हैं सवाल
पार्टी के सीनियर नेताओं की अनदेखी को लेकर अभिनेता से राजनेता बने
शत्रुघन सिन्हा भी सवाल उठा चुके हैं। वाजपेयी सरकार में केंद्रीय मंत्री
शत्रुघन को मोदी सरकार में मंत्री नहीं बनाया गया है। पार्टी के सीनियर
नेताओं को मार्गदर्शक मंडल में भेजे जाने पर सिन्हा ने कहा था, ''मंत्रियों
का चुनाव करते समय उनके मैरिट और मेंटल अलर्टनेस का ध्यान रखा जाना चाहिए न
कि उनकी उम्र का।'' सिन्हा ने कहा था आडवाणी और जोशी की बुद्धिमत्ता और
उनकी शारिरिक फिटनेस पर आज भी कोई सवाल नहीं उठा सकता।
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