नई दिल्ली. संसद
में गुरुवार को बदला हुआ नजारा दिखा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपनी
सीट से उठकर कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष सोनिया गांधी और विपक्ष के
नेताओं को धन्यवाद कहा। प्रधानमंत्री ने उसके बाद बांग्लादेश की
प्रधानमंत्री शेख हसीना वाजेद से फोन पर बात की। दरअसल, बांग्लादेश के साथ
जमीन को लेकर 1974 में हुए समझौते को गुरुवार को लोकसभा में विपक्ष के
सहयोग से मंजूरी मिली। राज्यसभा ने बुधवार को ही इसे मंजूरी दे दी थी। पीएम
इसी वजह से खुश थे। संसद से मंजूरी मिलने के बाद बांग्लादेश की सीमा से
सटे देश के 15 राज्यों में मौजूद बांग्लादेशियों की जमीन के बांग्लादेश में
भारतीयों के कब्जे वाली जमीन से अदला-बदली का रास्ता साफ हो गया है।
क्या होगा असर?
1947 में भारत और पाकिस्तान के बीच बंटवारे के समय आज का बांग्लादेश पूर्वी पाकिस्तान बन गया था। भारत और बांग्लादेश की सीमा के दोनों तरफ ऐसी 160 बस्तियां हैं, जहां दोनों देशों के नागरिक रह रहे हैं। भारत और बांग्लादेश के बीच हुए समझौते को भारतीय संसद की मंजूरी मिलने के बाद दोनों देश अपनी सीमा में मौजूद जमीन का अधिग्रहण कर सकेंगे। यही नहीं, उस जमीन पर रहने वाले लोग अपने मूल देश लौट सकते हैं। मेघालय, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में ऐसी 51 बस्तियों में करीब 15 हजार बांग्लादेशी रहते हैं।
1947 में भारत और पाकिस्तान के बीच बंटवारे के समय आज का बांग्लादेश पूर्वी पाकिस्तान बन गया था। भारत और बांग्लादेश की सीमा के दोनों तरफ ऐसी 160 बस्तियां हैं, जहां दोनों देशों के नागरिक रह रहे हैं। भारत और बांग्लादेश के बीच हुए समझौते को भारतीय संसद की मंजूरी मिलने के बाद दोनों देश अपनी सीमा में मौजूद जमीन का अधिग्रहण कर सकेंगे। यही नहीं, उस जमीन पर रहने वाले लोग अपने मूल देश लौट सकते हैं। मेघालय, त्रिपुरा और पश्चिम बंगाल में ऐसी 51 बस्तियों में करीब 15 हजार बांग्लादेशी रहते हैं।
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