आपका-अख्तर खान

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07 मई 2015

मैं मर जाऊँ तो

मैं मर जाऊँ तो
सिर्फ मेरी इतनी
पहचान लिख देना
मेरे खून से मेरे माथे पर
"इस्लाम " लिख देना
कोई पूछे तुमसे जन्नत के
बारे में तो एक कागज के
टुकड़े में "मुसलमान`` लिख
देना
ना दौलत पर गुमान करते
है,
ना शोहरत पर गुमान
करते है, किया अल्लाह ने
मूसलमान के घर पैदा,
इसलिये अपनी किस्मत पर
गुमान करते है|

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