आठ साल। वही एक मांग। वही महीना...और गुर्जरों के आंदोलन का वही
ट्रैक-आंदोलन।...और जाम होने वाला रेलवे ट्रैक भी वही-पीलूपुरा। तपते मई
माह में गुरुवार को फिर आरक्षण की मांग उबल पड़ी। गुर्जरों ने तय कार्यक्रम
के अनुसार पहले तो भरतपुर के समाेगर में महापंचायत की। फिर यही से हुंकार
भरकर चल दिए पीलूपुरा की ओर। वहां दिल्ली-मुंबई ट्रैक पर जम गए। सरकार का
भी वही ट्रैक है। मुख्यमंत्री से मंत्री तक कह रहे हैं-हम बातचीत को तैयार
हैं। मामला कोर्ट में है। इस सबके बीच सहमा है तो प्रदेश। ट्रेनें और बसें
थमने से परेशान लोग कहते सुने गए- आंदोलन का यह तरीका सही नहीं है। कहीं
आंदोलन उसी ट्रैक पर नहीं बढ़ जाए जैसा 2007 में बढ़ा था, 26 लोग मारे गए
थे। फिर 2008 में चला था-37 लोगों की मौत हुई थी।
भरतपुर/जयपुर. विशेष पिछड़ा वर्ग में 5 प्रतिशत आरक्षण की मांग
को लेकर गुरुवार शाम करीब 5:30 बजे गुर्जरों ने भरतपुर के पीलूपुरा में
दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक जाम कर दिया। इससे पहले समोगर में दोपहर 12 बजे
गुर्जर महापंचायत हुई। महापंचायत को संबोधित करते हुए गुर्जर आरक्षण संघर्ष
समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ीसिंह बैसला ने मंच से ही सरकार को आरक्षण का
प्रस्ताव लाने के लिए एक घंटे का अल्टीमेटम दिया और कहा- इसके बाद
पीलूपुरा कूच कर दिया जाएगा। बैसला ने शाम करीब साढ़े चार बजे यह बात कही
थी, लेकिन करीब 4:45 पर उनका संबोधन समाप्त होते ही लोगों ने पीलूपुरा की
ओर कूच कर दिया।
लोगों को बढ़ता देख बैसला भी पीलूपुरा रवाना हो गए। पीलूपुरा में लोगों
ने रेलवे ट्रैक जाम कर दिया। पटरियों की फिश प्लेटें निकाल दीं। रेलवे को
एहतियातन दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग बंद करना पड़ा। देर रात करीब 1200 गुर्जर
पटरियों पर जमा थे। पुलिस को महापड़ाव व महापंचायत स्थल से काफी दूर तैनात
किया गया है। मौके पर सादा वर्दी में पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया।
इसके अलावा रेलवे व राजस्थान पुलिस की गुप्तचर शाखा के पुलिसकर्मी सादा
वर्दी में भीड़ में रहते हुए जानकारी देते रहे। इधर, गुर्जर आंदोलन को
देखते हुए प्रशासन ने चार उपखंडों में धारा 144 लगा दी गई।
तीन बार आंदोलन, ले चुका है 72 जानें
29 मई, 2007 : पाटोली में पुलिस फायरिंग,26 लोग मरे।
23 मई, 2008 : पीलूपुरा में पुलिस फायरिंग, 16 लोग मारे गए।
24 मई, 2008 : सिकंदरा में पुलिस फायरिंग, 21 की मौत
भरतपुर के पीलूपुरा में गुर्जरों द्वारा रेलवे ट्रैक जाम करने के बाद
करौली-हिंडौन व आसपास क्षेत्र पैसेंजर ट्रेनों व रोडवेज बसों का संचालन भी
बंद हो गया। आंदोलनकारियों ने ट्रैक की फिश प्लेटें खोल दीं। रेल व बस
सेवाएं बंद होने से कई लोग रेलवे और बस स्टेशनों पर ही अटक गए। सुरक्षा के
लिहाज से बयाना को छह सेक्टरों में बांटा गया है। धाधरेन, डूमरिया, कुंडा
तिराया, भीम नगर, सिकंदरा मोड सेक्टर बनाए गए हैं। महापंचायत के लिए बयाना
में पूर्व में लगे सभी थानाधिकारियों को ड्यूटी पर लगाया गया है। पुलिस
प्रशासन ने छह एडिशनल एसपी, 10 आरपीएस, डेढ़़ दर्जन सीआई व दो हजार पुलिस
कर्मियों को बयाना में तैनात किया है।
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