आपका-अख्तर खान

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18 मई 2015

नहीं तुमसा कोई अच्छा

नहीं तुमसा कोई अच्छा .तुम्है ही पे दिल ये आया
तुम्हारी हो गयी जब से , न कोई और भाया है ||
अजब ये रंग हैं इसके , हिना सा रंग लाया है
तुम्हारे इश्क़ में खोकर , ख़ुदी को मैंने पाया है ||
.......................पूनम माटिया 'पूनम'

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