नई दिल्ली. मुंबई के किंग एडवर्ड मेमोरियल (केईएम) अस्पताल
में नर्स के रूप में काम करने वाली अरुणा शानबाग के साथ ज्यादती करने वाला
सोहनलाल वाल्मीकि इनदिनों उत्तर प्रदेश के हापुड़ जिले के पारपा गांव में
रह रहा है। एक टीवी चैनल ने पारपा गांव जाकर सोहनलाल से मुलाकात की। जब
सोहनलाल से उसकी सजा के बारे में पूछा गया तो उसने कहा, 'मुझे सजा हुई थी।
मुझे प्रायश्चित है। अब सिसक-सिसक कर जिंदगी काट रहा हूं।' ज्यादती के बाद
42 साल तक कोमा में रहीं नर्स अरुणा शानबाग का इसी साल 19 मई को निधन हो गया था।
'अरुणा का नाम याद है'
जब सोहनलाल से अरुणा के बारे में पूछा गया तो उसने कुछ रुककर कहा कि उसे अरुणा याद है। लेकिन जब उससे यह पूछा गया कि 1973 में उसने अरुणा के साथ क्या किया था, तब उसने कहा कि उसे कुछ याद नहीं।
जब सोहनलाल से अरुणा के बारे में पूछा गया तो उसने कुछ रुककर कहा कि उसे अरुणा याद है। लेकिन जब उससे यह पूछा गया कि 1973 में उसने अरुणा के साथ क्या किया था, तब उसने कहा कि उसे कुछ याद नहीं।
'गांव छोड़ दिया, लोगों से मेलजोल नहीं रखता'
जब सोहनलाल से पूछा गया कि उसकी वजह से किसी ने 42 साल सज़ा काटी है तो उसने कहा, 'हां, साहब बहुत अफसोस है। मैंने अपना गांव छोड़ दिया। रिश्तेदार के यहां रहता हूं। गांव के लोगों से मेलजोल नहीं रखता। काम से काम रखता हूं।'
जब सोहनलाल से पूछा गया कि उसकी वजह से किसी ने 42 साल सज़ा काटी है तो उसने कहा, 'हां, साहब बहुत अफसोस है। मैंने अपना गांव छोड़ दिया। रिश्तेदार के यहां रहता हूं। गांव के लोगों से मेलजोल नहीं रखता। काम से काम रखता हूं।'
'बहुओं से नजरें नहीं मिला पाता हूं'
सोहनलाला ने कहा, 'मेरे घर में घरवाली है, बच्चे हैं। घरवाली सब जानती है। वह कहती थी, समझाती थी। बहुओं से नजर मिलाने में शर्म आती है। सजा सी काट रहा हूं।'
सोहनलाला ने कहा, 'मेरे घर में घरवाली है, बच्चे हैं। घरवाली सब जानती है। वह कहती थी, समझाती थी। बहुओं से नजर मिलाने में शर्म आती है। सजा सी काट रहा हूं।'
जुर्म से किया इनकार
सोहनलाल ने पछतावे की बात तो कही, लेकिन वह यह मानने को तैयार नहीं था कि उसने अरुणा के साथ रेप किया था या उनके सामान चुराए थे। उसने इन आरोपों को झूठ बताया।
सोहनलाल ने पछतावे की बात तो कही, लेकिन वह यह मानने को तैयार नहीं था कि उसने अरुणा के साथ रेप किया था या उनके सामान चुराए थे। उसने इन आरोपों को झूठ बताया।
दिहाड़ी मजदूरी करता है सोहनलाल
कभी वॉर्ड ब्वॉय रहा सोहनलाल आजकल अपनी ससुराल में दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करता है। उसका अपना घर यूपी के ही बुलंदशहर के दादूपुर में है। लेकिन 20 साल पहले अपने भाई से झगड़ा कर वह अपनी ससुराल आ गया था। वह अपने दो बेटों-रवींद्र और किशन के साथ रहता है।
कभी वॉर्ड ब्वॉय रहा सोहनलाल आजकल अपनी ससुराल में दिहाड़ी मजदूर के तौर पर काम करता है। उसका अपना घर यूपी के ही बुलंदशहर के दादूपुर में है। लेकिन 20 साल पहले अपने भाई से झगड़ा कर वह अपनी ससुराल आ गया था। वह अपने दो बेटों-रवींद्र और किशन के साथ रहता है।
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