रातों को जब तुम
किसी की बाहों में होते हो
रातों को जब तुम
सुकून से सोते हो
जब में तड़पता हूँ
जब में जागता हूँ
जब में करवटें लेता हूँ
ऐसे में
कमबख्त वोह तकिया
जो तुम्हारी बाहों में होता है
उसे क्या कहते है
मुझे क्या कहते है ,,,,,,,अख्तर
किसी की बाहों में होते हो
रातों को जब तुम
सुकून से सोते हो
जब में तड़पता हूँ
जब में जागता हूँ
जब में करवटें लेता हूँ
ऐसे में
कमबख्त वोह तकिया
जो तुम्हारी बाहों में होता है
उसे क्या कहते है
मुझे क्या कहते है ,,,,,,,अख्तर
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