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20 मई 2015

ख़ानक़ाहों से निकल आओ

ख़ानक़ाहों से निकल आओ मिसाले-शमशीर,
सिर्फ़ तक़रीर से बख़शिश नहीं होने वाली !
ख़ुद को तक़सीम कई ख़ानों में करने वालो,
तुमसे ज़र्रों में भी जुम्बिश नहीं होने वाली !
क़त्ल होना हमें मंज़ूर है, लेकिन 'राना' ,
हमसे क़ातिल की सिफ़ारिश नहीं होने वाली !!
(जनाब मुनव्वर राना)

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