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12 मई 2015

जमीन से ज्यादा दिल कांपे बिहार में 16 का हार्ट फेल, भूकंप से 42 की मौत

पिता का भरोसा है, पर रह-रह कर हिल रही धरती डरा रही है। पूरे नेपाल की यही स्थिति है।
पिता का भरोसा है, पर रह-रह कर हिल रही धरती डरा रही है। पूरे नेपाल की यही स्थिति है।
पटना. महज 17 दिन बाद भूकंप और उसका खौफ फिर लौट आया। वहीं दोपहर साढ़े बारह बजे धरती कांप गई। पहले से सहमे लोग बुरी तरह डर गए और घरों से भागे। पर यह घबराहट जानलेवा बन गई। भूकंप से प्रदेश में 42 लोगों की मौत हुई है। स्वास्थ्य केंद्रों के मुताबिक 16 लोगों का हार्ट फेल हुआ है।
भूकंप से सबसे अधिक चार लोगों की मौत पूर्वी चंपारण में हुई है। हालांकि बिहार सरकार ने 15 लोगों के मरने और 70 लोगों के घायल होने की बात कही है। रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 7.3 थी। केंद्र काठमांडू से 76 किलोमीटर दूर एवरेस्ट के पास कोडारी गांव में था। फिर भूकंप आने की दहशत में लोग रतजगा करते रहे। खुली जगह और पार्कों में जमे लोगों से मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मुलाकात की। धैर्य व सावधान रहने का आग्रह किया। मुख्यमंत्री ने कहा-डॉक्टर और पारा मेडिकल स्टाफ की छुट्टियां रद्द कर दी हैं। अलर्ट घोषित कर दिया है। नुकसान की भरपाई होगी। मृतक के परिजनों को मुआवजा दिया जा रहा है। उन्होंने कहा कि मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता है।

सेंट्रल कैबिनेट सेक्रेट्री ने वीसी कर लिया जायजा
सेंट्रल कैबिनेट सेक्रेट्री अजीत सेठ ने आपदा प्रबंधन विभाग के प्रधान सचिव व्यास जी से वीसी (वीडियो कांफ्रेंसिंग) कर हालात का जायजा लिया। हरसंभव मदद का भरोसा दिया।
सबसे ज्यादा मौत पूर्वी चंपारण में : भूकंप से पूर्वी चंपारण में 4, गोपालगंज, पटना, मधेपुरा व सारण में 3-3, मुजफ्फरपुर, दरभंगा में 2-2 और सीतामढ़ी, सीवान, समस्तीपुर, शिवहर, पश्चिमी चंपारण, औरंगाबाद, नवादा, भागलपुर, अररिया, सुपौल, पूर्णिया, सहरसा एवं शेखपुरा में 1-1 व्यक्ति की मौत हुई है।
बक्सर में एक बच्ची की मौत हो गई। जबकि, भूकंप के दौरान हार्ट अटैक से मधेपुरा में 3, मोतिहारी में 2 तथा शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, अररिया, नवादा, औरंगाबाद, बेतिया, सहरसा, सुपौल, पूर्णिया तथा पटना में 1-1 की जान गई। इधर, आपदा प्रबंधन विभाग के अनुसार भूकंप से पटना, पूर्वी चंपारण में 2-2 तथा पूर्णिया, सीतामढ़ी, सीवान, दरभंगा, खगड़िया में 1-1 व्यक्ति की मौत हुई है। 27 घर गिरे-किशनगंज में 20, लखीसराय में 6 तथा रोहतास में 1।
मुख्यमंत्री ने दिया आदेशगर्मी की छुट्टी के बाद खुलेंगे स्कूल
पटना| भूकंप के तेज झटकों से दहशतजदा बच्चों को मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राहत दी है। उन्होंने गर्मी की छुट्टी तक राज्य के सभी स्कूलों को बंद करने का आदेश दिया। मुख्यमंत्री ने कहा कि तीन दिन बाद स्कूलों में गर्मी की छुट्टी होने वाली थी। पिछली बार भूकंप के बाद दो दिनों की छुट्टी दी गई थी।
इस बार भी दो दिन की छुट्टी दी जाती है तो एक दिन बच्चों को स्कूल आना होगा, इससे कोई अधिक फर्क नहीं पड़ने वाला। बच्चों की सुरक्षा और उनके मन से भूकंप का दहशत निकालने के लिए गर्मी की छुट्टी तक स्कूल बंद करने का निर्णय लिया गया है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद शिक्षा विभाग ने सभी डीएम को इस पर अमल सुनिश्चित कराने को कहा है। साथ ही गर्मी की छुट्टी एक सप्ताह पहले समाप्त करने की अनुमति स्कूलों को दी है।
इस बीच पटना के डीएम अभय कुमार सिंह ने कहा कि 12वीं तक के सभी सरकारी व निजी स्कूलों को बुधवार से बंद कर दिया गया है। स्कूलों में अब गर्मी की छुट्टी तक शैक्षणिक कार्य नहीं होंगे।
15 राज्यों में भी डोली धरती
मंगलवार को आए भूकंप के झटके बिहार के अलावा राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली, राजस्थान, मध्य प्रदेश समेत 12 राज्यों में महसूस किए गए। उत्तर प्रदेश में तो 2 लोगों की मौत भी हुई है। कई के घायल होने की भी खबर है।

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