राजस्थान के विभिन्न अंचलों से... मंगलवार को भीषण गर्मी के
बीच मानो रेत में उबाल आ गया। लगभग पूरे प्रदेश में पाकिस्तान से आया बवंडर
ऐसा चला कि जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया। जगह-जगह पेड़ उखड़ गए। टीन-टप्पर
उड़ गए। खंभे गिर गए। रेलवे ट्रैक भी बाधित हुआ। भरतपुर में अलग-अलग हादसों
में पांच, धौलपुर में तीन, बीकानेर में दो तथा मकराना में एक व्यक्ति की
मौत हो गई। 100 से ज्यादा लोग घायल हुए। कई शहरों में दिन में शाम का नजारा
बन गया। जैसलमेर, जोधपुर, बीकानेर, अजमेर, जयपुर, नागौर, सीकर, कोटा में
आसमां से देर तक रेत झरती रही। तापमान लुढ़क गया। बवंडर के बाद कई शहरों
में बारिश हुई और ओले भी गिरे।
यूं लगे हवा के थपेड़े
> 85 किलोमीटर प्रतिघंटा थी हवा की रफ्तार बीकानेर में।
> 30 किलाेमीटर प्रति घंटा थी अजमेर में हवा की रफ्तार
> 85 किलोमीटर प्रति घंटा थी जयपुर में हवा की रफ्तार
> 85 किलोमीटर प्रतिघंटा थी हवा की रफ्तार बीकानेर में।
> 30 किलाेमीटर प्रति घंटा थी अजमेर में हवा की रफ्तार
> 85 किलोमीटर प्रति घंटा थी जयपुर में हवा की रफ्तार
20 डिग्री तक गिरा पारा
फतेहपुर में मंगलवार को अधिकतम तापमान 26.6 डिग्री रिकॉर्ड किया गया, इससे एक दिन पहले अधिकतम 45.2 था।
कोटा | 46.2 |
चूरू | 44.0 |
अजमेर | 43.0 |
जैसलमेर | 42.4 |
नागौर | 41 |
(अधिकतम पारा डिग्री सेल्सियस)
टीन-टप्पर धरशायी, टावर भी गिरे
बीकानेर में दोपहर एक बजे 85 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से आए तूफान के कारण पीओपी फैक्ट्री गिरने से एक श्रमिक और शहर में एक मकान की बालकनी गिरने से एक बच्ची की मौत हो गई। गजनेर के पास खारी चारनान गांव में बीएसएनएल का मोबाइल टावर धर्मशाला पर गिर गया।
बीकानेर में दोपहर एक बजे 85 किलोमीटर प्रति घंटा की गति से आए तूफान के कारण पीओपी फैक्ट्री गिरने से एक श्रमिक और शहर में एक मकान की बालकनी गिरने से एक बच्ची की मौत हो गई। गजनेर के पास खारी चारनान गांव में बीएसएनएल का मोबाइल टावर धर्मशाला पर गिर गया।
जिससे पूरी बिल्डिंग जमींदोज हो गई। दर्जनों बिजली के खंभे और सैकड़ों पेड़ गिरे। नाल में पेड़ रेलवे लाइन पर आ गिरे। पुलिस लाइन के पास कुछ वाहन पेड़ों के नीचे दब गए। 2005 में बीकानेर में इस तरह की काली-पीली आंधी आई थी। नागौर के मेड़ता रोड रेलवे स्टेशन पर दोपहर करीब 2.15 बजे तेज अंधड़ से पेड़ रेल पटरियों पर जा गिरा। इससे रेलमार्ग बाधित रहा। कोटा में शाम करीब सवा छह बजे शहर में धूल का गुबार उठा। हवा इतनी तेज थी कि वाहन चालकों को रास्ता में रुकना पड़ा।
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
दोस्तों, कुछ गिले-शिकवे और कुछ सुझाव भी देते जाओ. जनाब! मेरा यह ब्लॉग आप सभी भाईयों का अपना ब्लॉग है. इसमें आपका स्वागत है. इसकी गलतियों (दोषों व कमियों) को सुधारने के लिए मेहरबानी करके मुझे सुझाव दें. मैं आपका आभारी रहूँगा. अख्तर खान "अकेला" कोटा(राजस्थान)