ज़माना कितना ही मगरूर हो ,,यह मगरूर ज़माना झुकता है ,,बस इसे झुकाने वाला
चाहिए ,,,,जी हाँ दोस्तों नाकामयाबी का रोना रोने वाले रोते है और जो लोग
कड़ी महनत और लगन से हौसलों की उड़ान भरते है ज़माना कभी उनके पंखों का भी
मोहताज हो जाता है ,,यही कड़वा सच साबित किया है कोटा के समाजसेवक सय्यद
असद अली रियल स्टेट बिज़नेस में लगे एक कामयाब व्यवसायी ने ,,,सय्यद असद अली
का बचपन संघर्ष में था ,,,,,लेकिन इस संघर्ष को सय्यद असद अली ने जिया है
और जीता है ,,,,,,सय्यद असद अली आज कामयाब शख्सियत होने से
दुनिया को झुकाने का होसला रखते है ,,,,,,प्रॉपर्टी के छोटे कारोबार
,,कारबाज़ार व्यवसाय ,,,,,ऋण वसूली ,,,वित्तीय सहायता के व्यवसाय के बाद
सय्यद असद अली ने खुद को स्थापित किया और फिर सामाजिक कार्यो से सरोकार के
साथ लोगों से हमदर्दी निभाकर असद अली लोगों के दिलों के राजा बन गए ,,,,,,
तेज़ तर्रार ,,दबंग ,,लेकिन मन से निर्मल ,,हंसमुख स्वभाव के साथ लोगों की
मदद का जज़्बा रखें वाले भाई असद यूँ तो कई समाजसेवी संस्थाओ से जुड़े है
,,धार्मिक मस्जिद ,,मदरसों ,,,दरगाह समितियों के सिरमौर संचालक है
,,,,लेकिन असद अली कांग्रेस से जुड़कर दो हज़ार तीन में राजस्थान प्रदेश
कांग्रेस अल्पसंख्यक विभाग के कोटा जिला अध्यक्ष बने ,,,इस दौरान असद भाई
ने कोटा में हज़ारो हज़ार की तादाद में अल्पसंख्यकों को बुलाकर कामयाब
राज्य्वापी सम्मेलन किया ,,सय्यद असद अली कोटा जिला वक़्फ़ कमेटी के दस वर्षो
तक सचिव रहे ,,,,,इस कार्यकाल में कई सेमिनार ,,सम्मेलन आयोजित हुए
,,,वक़्फ़ की सम्पत्ति से क़ब्ज़े छुड़वाए ,,ईद मिलाडदुन्नबी के कामयाब ऐतीहासिक
जलसे हुए ,,,,,,,,,,मदरसा शिक्षा को बढ़ावा देकर छात्रों को साक्षरता से
जोड़ा गया ,,,,,,,,,मज़हबी सम्मेलन आयोजित किये गए ,,,,कई छात्र छात्रों को
पुस्तके ,,,,उनकी फीस उपलब्ध कराई गई ,,,,,,,जो लोग उत्पीड़ित थे ,,जिन्हे
लोगों ने ज़ुल्म का शिकार बना रखा था उन्हें असद भाई ने राहत दिलवाई
,,,,,,असद भाई को देहात कांग्रेस की ज़िलाकमेटी में संगठन सचिव बनाया गया
,,,,इस ज़िम्मेदारी को असद भाई ने बखूबी निभाया ,,,,,,,,,,,,,सय्यद असद अली
ने दुनिया को नज़दीक से देखा है ,,कई सियासी धोखे खाए है क्योंकि किंग मेकर
की हैसियत से जिसे असद भाई ने समाज में पहचान दिलवाकर सरकार में ज़िम्मेदार
बनने लायक बनाया वोह समाज और इनकी कसोटी पर खरा नहीं उतरा ,,,,कोटा उत्तर
में मुस्लिम समाज के वोटर्स का बाहुल्य होने से कांग्रेस हाईकमान से इनका
संघर्ष रहा के कोटा उत्तर से उन्हें टिकिट दिया जाए ,,हाईकमान ने इस सच को
माना भी लेकिन बाद में सियासी बंदरबांट के आगे इन्हे निराशा हाथ लगी
,,,असद भाई इन दिनों सियासत को देख रहे है ,,,सियासी दांव पेंचो को सीख रहे
है ,,लेकिन इन दिनों असद भाई समाजसेवा में तो है लेकिन सियासत में अभी
वक़्त के इन्तिज़ार में है ,,,लेकिन उनके समर्थक चाहते है के असद भाई फिर से
सियासी जाज़्म पर सक्रियता के साथ एक जंगजू सिपाही की तरह पुरे दम ख़म के
साथ उतरे और सियासत के इस मैदान को फतह करें ,,जीतें ,,असद भाई को अपने
समर्थकों के जज़्बात को समझना होगा ,,एक बार फिर सियासी हिजरत से बाहर आकर
ज़िम्मेदारी के साथ अपनी ताक़त ,,,बताना होगी और कोटा की जनता के लिए इन्साफ
की लड़ाई लड़ना होगी ,,,,,,,,,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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