ऐ हुस्न
इतरा मत
तेरी क़दर
सिर्फ इसलिए है
क्योंकि
में तुझे चाहता हूँ ,,,,,,,
देख मेने
चाहना छोड़ा ना
अब बताओ
ऐ हुस्न
तुम मुरझा क्यों गए ,,,अख्तर
इतरा मत
तेरी क़दर
सिर्फ इसलिए है
क्योंकि
में तुझे चाहता हूँ ,,,,,,,
देख मेने
चाहना छोड़ा ना
अब बताओ
ऐ हुस्न
तुम मुरझा क्यों गए ,,,अख्तर
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