विक्रम वाल्मीकि प्रदेश कांग्रेस कमेटी में दलितों के संघर्ष का एक नाम
,,,दलितों को इन्साफ दिलाने की एक उम्मीद जिन्हे दलित ,,,आज का आंबेडकर
कहकर पुकारते है ,,वोह आज दलित ,,शोषित ,,पीड़ित ,,वर्ग को इंसाफ दिलाने के
एक संघर्ष का नाम बन चुके है ,,,,,,,,,,,,,,राजस्थान प्रदेश कांग्रेस कमेटी
में जुझारू संघर्ष शील नाम विक्रम वाल्मीकि कोटा देहात क प्रभारी है और
आरक्षित विधानसभा क्षेत्र रामगंजमंडी में नगरपालिका चुनाव में
प्रत्याक्षियों का चयन और जीत का परचम इनके लिए कड़ी चुनौती है इसीलिए
विक्रम वाल्मीकि अपने इस अभियान में अपने साथियों की मदद के साथ जुट गए है
,,,,तीन अप्रेल उन्नीस सो पचत्तर को एक साधारण परिवार में जन्मे विक्रम
को इन्साफ के संघर्ष और निष्पक्ष इन्साफ के लिए विक्रम आदित्य भी इनके
दोस्त कहा करते थे ,,,ना कोई ज़ात ना कोई समाज ,,सिर्फ इंसानियत ,,एकता
,,राष्ट्रभक्ति ,,और कांग्रेस ज़िंदाबाद के नारे के साथ इनका बचपन कोंग्रेसी
माहोल में गुज़रा ,,छात्र जीवन से ही सनगानेर विधानसभा क्षेत्र के बूथ
कार्यकर्ता बने ,,ज़मीन से जुड़कर कांग्रेस के कार्यक्रमों के हिस्सेदार बने
,,फिर युथ कांग्रेस का नेतृत्व बनकर प्रतीपक्ष में रहने के दौरान धरने
,,प्रदर्शन ,,अान्दोलन एक अभियान के रूप में चलाये गए ,,इनकी ईमानदारी
,,प्रतीभा ,,नेतृत्व क्षमता को देखते हुए कांग्रेस शीर्ष नेतृत्व ने इनकी
पीठ थपथपाई और वाल्मीकि को जयपुर जिला कांग्रेस में स्थान दिया ,,,,जहां
पूरी ईमानदारी से इन्होने अपने पद की ज़िम्मेदारी निभाई ,,निर्भीक
,,निष्पक्षता के साथ व्यक्तिवाद गुटबाज़ी से अलग हठ कर ,,कांग्रेस के विधि
विधान के तहत ,,कांग्रेस के झंडे और चुनाव चिन्ह हाथ के लिए जान की बाज़ी
लगाकर संघर्ष किया ,,,,कांग्रेस की सरकार आई ,,सरकार में बैठे लोग इनके
चहेते थे इनके हर काम को करने के लिए तत्पर थे लेकिन वाह विक्रम भाई वाह
,,इन्होने किसी भी मंत्री या ज़िम्मेदार आदमी को कोई काम भी नहीं बताया
,,हाँ दलितों ,,पीड़ितों ,,शोषितों के साथ जहाँ अत्याचार अनाचार हुआ वहां
अधिकारीयों के खिलाफ आँखे तरेर कर उन्हें रास्ते पर लाकर पीड़ितों को इंसाफ
दिलवाया है ,,विक्रम वाल्मीकि राष्ट्रिय वाल्मीकि समाज में भी पदाधिकारी
है दलित युवाओं की धड़कन है ,,,सादगी ,,सहजता ,,सरलता ,,मिलंनसारी ,,हंसमुख
स्वभाव इनकी पहचान है ,,इसीलिए दलित समाज विक्रम वाल्मीकि को आज का अमेडकर
की उपाधि देकर कांग्रेस ज़िंदाबाद का नारा लगते हुए विक्रम वाल्मीकि के साथ
जुड़ता नज़र आता है ,,,,,,,,,अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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