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16 अप्रैल 2015

निकाह के बाद हेलीकॉप्टर में आई दुल्हन, उतरने से पहले बरसाए 50KG फूल

अंदरकोट निवासी जैनुअल कुरैशी निकाह के बाद दुल्हन मोहसिना के साथ।
अंदरकोट निवासी जैनुअल कुरैशी निकाह के बाद दुल्हन मोहसिना के साथ।
अजमेर. आमतौर पर दुल्हन को विदा करा कर डोली में या चार पहिया वाहन में ही लाया जाता है। लेकिन गुरुवार को एक रोचक नजारा देखने को मिला। अंदरकोट निवासी एक कारोबारी का पुत्र अपनी दुल्हन को जयपुर से हेलीकॉप्टर में लेकर अजमेर पहुंचा। दरगाह क्षेत्र में पहली बार इस तरह का मामला सामने आने पर यह शादी चर्चा का विषय बनी रही। लोग इस नजारे को कौतुहल भरी नजरों से देखते रहे।

शाम करीब 5.30 बजे अंदरकोट और नागफणी में आसमान पर एक लाल रंग का हेलीकॉप्टर चक्कर लगाता नजर आया। साथ ही हेलीकॉप्टर से पुष्प वर्षा भी की जा रही थी। लोग कुछ समझ नहीं पा रहे थे कि अंदरकोट में पुष्प वर्षा का कारण क्या है। कुछ लोग आपस में इसे उर्स की शुरुआत से जोड़ने लगे। हेलीकॉप्टर ने तीन चक्कर लगाए और करीब 50 किलो फूल अंदरकोट व नागफणी में बरसाए। हेलीकॉप्टर के जाने के बाद भी देर तक चर्चा रही। बाद में मालूम हुआ कि अंदरकोट निवासी सलीम कुरैशी के पुत्र जैनुअल कुरैशी का जयपुर में निकाह हुआ है। आज उसकी विदायगी हुई। जैनुअल दुल्हन मोहसिना कुरैशी को जयपुर से हेलीकॉप्टर में लेकर आया।
हेलीकॉप्टर से नवविवाहित जोड़ा पहले घूघरा स्थित हेलीपैड पर उतरा। इसके बाद यह हेलीकॉप्टर अंदरकोट पहुंचा और फूलों की बारिश की। अंदरकोट से बुधवार को दोपहर 3 बजे बारात जयपुर के लिए रवाना हुई थी। रवाना होने से पूर्व दूल्हे जैनुअल कुरैशी ने गरीब नवाज की दरगाह में सलाम किया। सूत्रों का कहना है कि उसकी दिली ख्वाहिश थी की उसकी दुल्हन हेलीकॉप्टर में बैठ कर ही यहां आए।
पूरे दिन चर्चा में रहा
अंदरकोट में फूल बरसते देख लोगों की उत्सुकता बढ़ गई। लोगों में यह कौतुहल का विषय रहा कि फूल कौन और क्यों बरसा रहा है। इसके अलावा हेलीकॉप्टर काफी नीचे था तो लोगों में उसे देखने की उत्सुकता भी बनी हुई थी। इन दिनों दरगाह क्षेत्र में उर्स को लेकर भी राैनक है, उर्स में शरीक होने आए जायरीन ने भी इस नजारे को देखा तो रोमांचित हो उठे। कई लोगों ने इस नजारे
को अपने मोबाइल के कैमरों में भी कैद किया।
शाम 4.30 बजे बाद की परमिशन मिली
कुरैशी के परिवारजनों ने निजी कंपनी का हेलीकॉप्टर किराए पर लिया। लेकिन जयपुर में सिविल एविएशन ने हवाई ट्रैफिक को देखते हुए शाम 4.30 बजे बाद ही उड़ने की अनुमति दी। हालांकि विदायगी सुबह हो गई थी, लेकिन हेलीकॉप्टर से दुल्हन को अजमेर लाना था, इसलिए शाम 4.30 बजे बाद ही दूल्हा व दुल्हन रवाना हो सके।

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