नई दिल्ली. छुट्टी पर चल रहे कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी गुरुवार को 59 दिनों बाद
दिल्ली लौट आए। खबरों के मुताबिक वह बैंकॉक से दिल्ली पहुंचे हैं। गुरुवार
को 11.15 बजे थाई एयरवेज के विमान से वह दिल्ली एयरपोर्ट पर उतरे। उनकी
फ्लाइट 10.35 पर ही दिल्ली पहुंचने वाली थी लेकिन किन्हीं कारणों से देर हो
गई। एयरपोर्ट पर उतरते ही वह सीधे 12 तुगलक लेन स्थित अपने घर 11.55 बजे
पहुंचे, जहां पर पहले से ही उनकी मां सोनिया गांधी और बहन प्रियंका इंतजार
कर रही थीं। कहा जा रहा है कि वह थाईलैंड में बौद्ध धर्म के फॉरेस्ट
मॉनेस्ट्री में विपश्यना से जुड़े एक महीने का 'रेसीडेंसी कोर्स' करने गए
थे। हालांकि कांग्रेस की ओर से इस संबंध में अभी तक आधिकारिक रूप से कुछ
नहीं कहा गया है।
बता दें कि राहुल गांधी छुट्टी मनाने कहां गए थे इसे लेकर पिछले 59
दिनों से देश में तरह-तरह की चर्चाएं थीं। एक ओर जहां मीडिया में खबरें आ
रही थीं कि राहुल गांधी यूरोप या वियतनाम में हैं तो दूसरी ओर कहा जा रहा
था कि वह थाईलैंड में छुट्टियां मना रहे हैं। गुरुवार को थाई जेट एयरवेज से दिल्ली लौटने पर यह कंफर्म माना जा रहा है कि वह थाईलैंड में ही थे।
बीजेपी ने कहा, पॉलिटिक्स में कुछ भी पार्ट टाइम नहीं होता
बीजेपी ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की वापसी पर चुटकी लेते हुए कहा कि पॉलिटिक्स में कुछ भी पार्ट टाइम नहीं होता। बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, ''पॉलिटिक्स में कुछ भी पार्ट टाइम नहीं होता है। इतने दिन एक नेता-एक सांसद कैसे इतने दिनों तक छुट्टी पर रह सकता है। उन्हें पता होना चाहिए की वह एक क्षेत्र के सांसद हैं। उन्होंने वहां की जनता की जिम्मेदारी ली है। '' शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा, ''कहा जा रहा था कि राहुल गांधी मंथन के लिए गए हैं। अब हमें देखना होगा कि वह मंथन के बाद अपने साथ राजनीति के लिए क्या लेकर लौटे हैं।''
बीजेपी ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी की वापसी पर चुटकी लेते हुए कहा कि पॉलिटिक्स में कुछ भी पार्ट टाइम नहीं होता। बीजेपी के प्रवक्ता संबित पात्रा ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा, ''पॉलिटिक्स में कुछ भी पार्ट टाइम नहीं होता है। इतने दिन एक नेता-एक सांसद कैसे इतने दिनों तक छुट्टी पर रह सकता है। उन्हें पता होना चाहिए की वह एक क्षेत्र के सांसद हैं। उन्होंने वहां की जनता की जिम्मेदारी ली है। '' शिवसेना के नेता संजय राउत ने कहा, ''कहा जा रहा था कि राहुल गांधी मंथन के लिए गए हैं। अब हमें देखना होगा कि वह मंथन के बाद अपने साथ राजनीति के लिए क्या लेकर लौटे हैं।''
बीजेपी सांसद मनोज तिवारी ने सबसे पहले कहा था- बैंकॉक में हैं राहुल गांधी
राहुल गांधी के 59 दिनों बाद थाई एयरवेज से दिल्ली लौटने पर यह स्पष्ट हो चुका है कि वह छुट्टी मनाने के लिए थाईलैंड में ही थे। राहुल के छुट्टी पर जाते ही सबसे पहले दिल्ली से बीजेपी सांसद और भोजपुरी गायक व एक्टर मनोज तिवारी ने उनके थाईलैंड में होने की बात की थी। तिवारी ने वाराणसी में एक कार्यक्रम में कहा था, "राहुल गांधी अविवाहित बच्चा है, उसे बैंकाक और पटाया घूमने दीजिए। उसके लिए परेशान न हों।" हालांकि इस बयान के बाद बीजेपी सांसद को तिवारी को जान से मारने की धमकी मिली है। मनोज ने इस बात की जानकारी गृह मंत्री राजनाथ सिंह को भी दी थी।
राहुल गांधी के 59 दिनों बाद थाई एयरवेज से दिल्ली लौटने पर यह स्पष्ट हो चुका है कि वह छुट्टी मनाने के लिए थाईलैंड में ही थे। राहुल के छुट्टी पर जाते ही सबसे पहले दिल्ली से बीजेपी सांसद और भोजपुरी गायक व एक्टर मनोज तिवारी ने उनके थाईलैंड में होने की बात की थी। तिवारी ने वाराणसी में एक कार्यक्रम में कहा था, "राहुल गांधी अविवाहित बच्चा है, उसे बैंकाक और पटाया घूमने दीजिए। उसके लिए परेशान न हों।" हालांकि इस बयान के बाद बीजेपी सांसद को तिवारी को जान से मारने की धमकी मिली है। मनोज ने इस बात की जानकारी गृह मंत्री राजनाथ सिंह को भी दी थी।
लौटते ही मोदी सरकार के भूमि अधिग्रहण का विरोध
राहुल के करीबी युवा नेताओं ने कांग्रेस की 19 अप्रैल की प्रस्तावित
रैली को सफल बनाने के लिए पूरी ताकत झोंक दी है। माना जा रहा है कि पार्टी
अध्यक्ष सोनिया गांधी के साथ ही राहुल गांधी भी इस रैली को संबोधित करेंगे।
मोदी सरकार के भूमि अधिग्रहण बिल के विरोध में होने वाली इस रैली को सफल
बनाने के लिए लाखों लोगों को लाने की योजना है। राहुल गांधी के दो करीबी
नेता, राजस्थान के सचिन पायलट और हरियाणा के दीपेंद्र हुड्डा दोनों राज्यों
से लोगों को लाने में जुटे हुए हैं। सचिन पायलट राजस्थान से एक स्पेशल
ट्रेन ‘किसान एक्सप्रेस’ लेकर आ रहे हैं, जिसमें राजस्थान के लोग होंगे। इस
ट्रेन में महिलाओं के लिए एक अलग कोच होगा और पूरी ट्रेन को कांग्रेस के
झंडे और बैनरों से पाट दिया जाएगा। बैनर्स पर जो नारे लिखे होंगे उनमें से
एक है ‘नरेंद्र मोदी किसान विरोधी’।
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