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08 मार्च 2015

केवल एक दिन महिला दिवस से महिलाओं को इन्साफ नहीं मिलता है

केवल एक दिन महिला दिवस से महिलाओं को इन्साफ नहीं मिलता है दोस्तों हर रोज़ महिला दिवस हो और माँ ..बेटी..बहन..पत्नी को इन्साफ मिले तो देश सुधर जाएगा
जी हाँ दोस्तों यह मेरा भारत महान है ..यहाँ नारी का सम्मान है ,,नारी वन्दनीय पूजनीय है ..यहाँ कहा जाता है के पत्नी अर्धांग्नी होती होती है ..यहाँ कहावत है के माँ के पैर के नींचे जन्नत होती है ..कहा जाता है के त्रिया चरित्रं अहो पुरुषम भाग्यम ........कुरान मजीद हो ..गीता हो ..रामायण हो ..महाभारत हो ..हदीस हो ..सुन्नत हो ..बाइबिल हो ..गुरुवाणी हो ..तोरेत हो ..इंजील हो जो भी मज्हाबी किताबें है सभी में महिलाओं का महत्वपूर्ण दर्जा दिया है ..लेकिन अधर्म की हालत देखो ..धर्म के नाम पर ओरतों पर ज़ुल्म होते हैं ..और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर इस मामले में लगातार चर्चाओं के बाद अंतर्राष्ट्रीय महिला वर्ष और महिला दिवस बना कर सरकारें ..समान सेवी संगठन ..मिडिया अपने कर्तव्यों की इतिशिरी करती है ...क्या आप को पता है के न्यूयार्क ..कोपेन्हेंगन और दूसरी जगहों पर महिला कल्याण मामले में कितनी चर्चा हुई है और भारत में महिलाओं के हालातों पर अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर कितनी नाराज़गी जताई गयी है ....दोस्तों यह वोह देश है जहाँ महिला की गोद में बच्चा पल बढ़ कर बढा होता है संस्कार सीखता है ..यह वोह देश है के यहाँ इसी महिला को रुलाया जाता है ..सरे आम छेड़ा जाता है ..इज्ज़त तार तार की जाती है ..गर्भ में ही बच्चियों को मार दिया जाता है ..लडकियों को दुसरे दर्जे का नागरिक बना कर सुलूक किया जाता है यह वोह देश है जहां प्रधानमन्त्री .राष्ट्रपति और सभी शीर्ष पदों पर महिलाएं हैं लेकिन अफ़सोस की बात है के संसद में महिलाओं के आरक्षण के बिल को कोई पारित नहीं करा सका है ....महिलाओं के लियें देश में कहने को तो हजारों हजार कल्याणकारी योजनायें है आयोग है ..महिला विकास अभिकरण है जन्म के पूर्व ही महिला को गर्भ में जीने का अधिकार दिया है ..उसे आंगन बढ़ी के जरिये दूध दलिया खिलाने का प्रावधान है लेकिन हम और आप सभी जानते है के नेता महिला कल्याण के लियें कितने गंभीर है ...हमारे देश में किसी भी महिला के कल्याण के नाम पर आंसू तो बहाए जाते है ..लेकिन जब भंवरी देवी के योन शोषण के बाद राजस्थान में मंत्री और विधायक द्वारा हत्या की जाती है ..तो कोंग्रेस ..भाजपा सभी पार्टियाँ एक हो जाती है महिला आयोग चुप्पी साध लेता है ..महिला नेता वसुंधरा की जुबान नहीं खुलती कोंग्रेस की महिला नेता खामोश रहती है क्या यही महिलाओं को न्याय देने का तरीका है ......केवल एक दिन महिला वर्ष बना कर लाखों करोड़ों के सरकारी विज्ञापन छपवा कर क्या महिला कल्याण की बात की जा सकती है नहीं ना फिर यह तमाशा मेरे इस देश में होते हुए आप क्यूँ देख रहे है ...आप जानते है महिलाओं को इंसाफ दिलाने के लियें देश में सेकड़ों कानून है लेकिन उन्हें समयबद्ध न्याय दिलाने के लियें आज भी पर्याप्त अदालतें ..अधिकारी ..समितियां नहीं है ...घरेलू हिंसा कानून है लेकिन उसके लियें राजस्थान सहित किसी भी राज्य में प्रथक से नियम नहीं बनाये गये है ...देश में महिलाओं को जल्दी न्याय मिले ..थाना स्तर पर या प्रोटेक्शन अधिकारी खुद महिलाओं को बिना किसी विधिक शुल्क के इन्साफ दिलवाए कानून में लिखा है लेकिन ऐसा पांच सालों में एक भी महिला को न्याय नहीं मिला है ..कहने को तो महिला कल्याण ..सुरक्षा के नाम पर निजी स्नव्य्म सेवी संस्थाएं करोड़ों अरबों रूपये पानी की तरह बहा रहे है या अपना रोज़गार चला रहे है लेकिन जनाब महिलाओं को क्या कुछ दिया है आप और हम सब जानते हैं ..इसलियें दोस्तों हम चिंता नहीं चिंतन करे ,,मन से मनन करे सोचें और जो कानून महिलाओं के लियें बन गये है उन्हें पूरा नहीं तो काम से काम पचास फीसदी तो लागू करवा दें केवल एक दिन महिला को सुलतान बना कर पुरे तीन सो चोसथ दिन उस पर अन्याय हो क्या यह इंसाफ की बात है ..बसों में एक दिन मुफ्त यात्रा क्या तमाशा नहीं ...राजनितिक आधार पर महिला आयोग की नियुक्तिया ..तलाकशुदा ..विधवाओं को नोकरी देने के मामले में अडंगे क्या महिलाओं के साथ अन्याय नहीं है अगर आप इसे सही मानते है ..अगर आप मानते है के महिलाओं के कल्याण के लियें सरकारें गंबीर नहीं है तो जनाब उठिए कलम उठाइए .सडकों पर आइये और अपनी माँ बहनों को सुरक्षित कीजिये ..वोह महिलाएं जो अपने जिस्म ..बेच रही है वोह महिलाएं जो नंगापन देखा कर रूपये कमा रही है उन्हें भी घेरें उन्हें भी उनकी ओकात बताएं तहज़ीब सिखाये लेकिन साथ साथ उनमे जो पीड़ित हैं उन्हें इंसाफ भी दिलवाएं ..क्योंकि महिला जब तक आगे नहीं बढ़ेगी ..महिला सुरक्षित नहीं रहेगी तब तक देश का विकास नहीं हो सकेगा इसलियें महिला सुरक्षित तो देश सुरक्षित क्योंकि हमारे देश का भविष्य महिलाओं की ही गोद में पल बढ़ कर संस्कार सीखता है ..पोषक तत्व खा कर बहादुर बनता है ..और फिर महिला के साथ ही कंधे से कन्धा मिलकर अपनी जिन्वन संगिनी के साथ देश के वर्तमान को सूधारने में लगता है इसलियें माँ हो चाहे बहन हो चाहे पत्नी हो हर रिश्ते में ओरत है और यह सभी रिश्ते हमारे देश ..हमारी संस्क्रती के लियें ओरत को इतना आवश्यक बना देते है के देश के निर्माण के लियें महिलाओं की सुरक्षा उनकी सुक्ख शांति उनका मान सम्मान ज़रूरी है इसलियें देश को बचाना है ..हमारी संस्क्रती को बचाना है ..देश को मजबूत और विकसित करना है तो महिला वर्ष साल में एक बार नहीं रोज़ महिला देवास मनाओ महिलाओं को उनका माँ सम्मान साल में एक बार नहीं रोज़ दोगे तभी तुम्हे सुकून ..मान सम्मान और एकता अखंडता वाला भारत मिलेगा ऐसा तभी सम्भव है जब हम माँ को माँ...बहन को बहन और पत्नी को पत्नी समझ कर उनके अधिकार दें उन्हें भटकने पर उनके जिस्म फरोशी के धंधे में जाने पर उनके अश्लील विज्ञापन देकर मर्दों की भावनाएं भडकाने पर हम उनके काम भी उमेठे तो उनके अधिकार भी दें तब इंसाफ सम्भव है .....अख्तर खान अकेला कोटा राजस्थान
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