आपका-अख्तर खान

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17 मार्च 2015

रात को

रात को
मेरी घबराहट
मेरी उचटती नींद
मुझ से कहती है
रात भर
अपनी गलती पर नादिम
तुम भी सोये नहीं
शायद दिल बहलाने को
मेरा भी ग़ालिब की तरह
ख्याल अच्छा हो ,,,,अख्तर

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