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06 मार्च 2015

अजीब परंपरा: शवों को कब्र से निकालकर गांव में टहलाते हैं परिवार के लोग


सुलावेसी। इंडोनेशिया के दक्षिण सुलावेसी प्रांत के तोराजा गांव की अजीबोगरीब परंपरा है। तोराजा के नाम से ही पहचाने जाने वाले इस गांव में लोग परिजनों की मौत के बाद भी उनसे जिंदा इंसान की तरह पेश आते हैं। वो समय-समय पर कब्र से शवों को बाहर भी निकालते हैं। इसके बाद उन्हें नहलाकर साफ-सुथरा करते हैं और नए कपड़े पहनाते हैं। इस दौरान गांव में इनका जुलूस भी निकाला जाता है। इतना ही नहीं, मृत बच्चों के शव भी ताबूत से बाहर निकाले जाते हैं।
फोटो: माईनेने परंपरा निभाते तोराजा गांव के लोग।
फोटो: माईनेने परंपरा निभाते तोराजा गांव के लोग।
इनके यहां शवों जमीन में दफनाने की परंपरा नहीं है। ये शवों को ताबूत में रखकर गुफाओं में रखते हैं या फिर पहाड़ियों पर टांग देते हैं। छोटे बच्चों के शव ताबूत में बंद कर पेड़ों पर टांगने की परंपरा है। जब शव निकाले जाते हैं, तब टूटे हुए ताबूत की मरम्मत भी कराई जाती है। कई बार ताबूत बदल भी दिया जाता है। इसके बाद गांव के लोग अपने परिजनों के शव को तय रास्ते से पूरे गांव में टहलाते हैं। गांव की इस परंपरा को 'माईनेने' कहा जाता है। ये परंपरा हर साल निभाई जाती है। इसे शवों की सफाई का कार्यक्रम माना जाता है।
तोराजा गांव के लोगों की पुरानी मान्यता के मुताबिक, मृत व्यक्ति की आत्मा उसके पैतृक गांव में जरूर लौटती है। इसलिए अगर किसी व्यक्ति की मौत सफर के दौरान हुई है, तो उसके परिजन उसकी मौत के स्थान पर जाते हैं और शव को अपने साथ घर लाते हैं। पहले यहां के लोग इसी डर से दूर की यात्राएं नहीं करते थे, क्योंकि अगर किसी वजह से बाहर उनकी मौत हो गई, तो उनकी आत्मा के लिए अपने गांव लौटना मुश्किल हो जाएगा।

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